कार्य ऊर्जा एवं शक्ति
कार्य ऊर्जा एवं शक्ति
कार्य ( Work )
परिभाषा- जब किसी बल का क्रिया बिंदु की बल की दिशा में विस्थापन होता है तो यह समझा जाता है कि बल ने कार्य किया ह
- नियत बल द्वारा किया गया कार्य- यदि आरोपित बल की दिशा तथा परिमाण नियत हो तो यह नियत बल कहलाता है |
- परिवर्ती बल द्वारा किया गया कार्य –यदि आरोपित बल की दिशा या परिमाण या दोनों परिवर्तित हो तो यह परिवर्ती बल द्वारा किया गया कार्य कहलाता है|
कार्य का मात्रक जूल होता है कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं कार्य तथा ऊर्जा के मात्रक समान होते हैं किसी निकाय की संपूर्ण ऊर्जा नियत रहती है ऊर्जा नष्ट की जा सकती है नहीं उत्पन्न की जा सकती है इसे एक प्रकार की ऊर्जा से दूसरी ऊर्जा में बदला जा सकता है जैसे
- विद्युत ऊर्जा – यांत्रिक ऊर्जा
- यांत्रिक ऊर्जा – विद्युत ऊर्जा
- प्रकाश ऊर्जा – विद्युत ऊर्जा
- विद्युत ऊर्जा – विद्युत ऊर्जा
- नाभिकीय ऊर्जा – विद्युत ऊर्जा
- रासायनिक ऊर्जा- विद्युत
- विद्युत ऊर्जा – रासायनिक
ऊर्जा एक अदिश राशि है आइंस्टीन का सिद्धांत के अनुसार दांत होते हैं।
E=MC^2
M is mass and
C is light velocity
E is energy
यांत्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है
- गतिज ऊर्जा
- स्थितिज ऊर्जा
वस्तु की गतिज ऊर्जा विराम अवस्था प्राप्त करने से पूर्व वस्तु द्वारा किए गए कार्य के बराबर होती है
गतिज ऊर्जा=1/2mv^2
Where m is mass and V is velocity of particle
रेखीय संवेग P=MV होता है इस प्रकार हम गतिज ऊर्जा को एक दूसरे रूप में व्यक्त कर सकते हैं
K=P^2/2m
कार्य ऊर्जा प्रमेय
कण पर आरोपित सभी बलों द्वारा किए गए कार्य का योग इसकी गतिज ऊर्जा में परिवर्तन के बराबर होता है| कार्य ऊर्जा प्रमेय लगाते समय हमें कुल कार्य की गणना करने के लिए बाह्य तथा आंतरिक दोनों बलो का उपयोग करना चाहिए।
कार्य ऊर्जा शक्ति
- कार्य= बल×बल की दिशा मे विस्थापन
- कार्य एक अदिश राशि है
- कार्य का SI मात्रक न्यूटन मीटर होता है
- शक्ति का SI मात्रक वाट होता है
- ऊर्जा का SI मात्रक जूल है
ऊर्जा का रूपांतरण
- सौर सेल = प्रकाश ऊर्जा को विधुत ऊर्जा मे
- डायनेमो = यांत्रिक ऊर्जा को विधुत ऊर्जा मे
- विधुत मोटर = विधुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा मे