ई-कॉमर्स की व्यवसाय के लिए क्या उपयोगिता है?
ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा लाभ इंटरनेट के माध्यम से सुरक्षित खरीद लेनदेन प्रदान करने की क्षमता है और साथ में लगभग तात्कालिक सत्यापन और क्रेडिट कार्ड लेनदेन का सत्यापन है। इस महत्वपूर्ण प्रभाव के कारण ग्राहकों की अधिक संख्या में इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के विभिन्न क्षेत्रों में उनके लाभों के लिए शोषण हुआ है।
ई-कॉमर्स क्या है समझाइए?
ई-कॉमर्स या इ-व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन है; न केवल खरीदना और बेचना, बल्कि ग्राहकों के लिये सेवाएं और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग भी इसमें शामिल है। अनेक ऑनलाइन व्यापारिक कंपनियों की स्थापना हुई है और अनेक मौजूदा कंपनियां ऑनलाइन शाखाएं खोल रखी हैं। …
ई-कॉमर्स
ई-कॉमर्स
E Commerce Meaning
1970 में EDI (electronic data inter change) तकनीक का प्रयोग करके ई-कॉमर्स को Introduce किया गया था | इसके माध्यम से व्यावसायिक दस्तावेजो जैसे – परचेज आर्डर, Invoice को इलेक्ट्रोनिक रूप से भेजा जाता था | बाद में इसे अधिक गतिविधियों के रूप में वेब फॉर्म्स के नाम से जाना जाने लगा ।
इसका उद्देश्य Goods and Products की खरीददारी www के ऊपर http सर्वर के द्धारा ई-शॉपिंग इलेक्ट्रोनिक भुगतान सेवाए इत्यादि करना था।
इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन है, न केवल खरीदना और बेचना, बल्कि ग्राहकों के लिये सेवाएं और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग भी इसमें शामिल है। बुनियादी ढांचे, उपभोक्ता और मूल्य वर्धित प्रकार के व्यापारों के लिए इंटरनेट कई अवसर प्रस्तुत करता है।
वर्तमान में कंप्यूटर, दूरसंचार और केबल टेलीविजन व्यवसायों में बड़े पैमाने पर विश्वव्यापी परिवर्तन हो रहे हैं। मूलतः इसका मुख्य कारण दुनिया भर के दूरसंचार नेटवर्कों पर जो नियंत्रण थे उनका हटाया जाना है। सन् 1990 से वाणिज्यिक उद्यमों ने विज्ञापन, बिक्री और दुनिया भर में अपने उत्पादनों का समर्थन के लिये इंटरनेट को एक संभावित व्यवहार्य साधन के रूप में देखा है।
कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से बिजनेस से संबंधित फाईलो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है। कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक व्याख्या कर सकती है हम इन्टरनेट के माध्यम से कंप्यूटर के सामने बैठकर किसी भी प्रोडक्ट को खरीद सकते है।
“इलेक्ट्रानिक विधियों जैसे- EDI ( electronic data inter change ) तथा ऑटोमेटेड डाटा कलेक्शन के माध्यम से बिजनेस कमर्शियल कम्युनिकेशंस तथा मैनेजमेंट को कंडक्ट करने की सुविधा को ई-कोमर्स कहते है”। ई- कॉमर्स इन्टरनेट पर प्रोडक्टो को बेचना तथा खरीदना और व्यापार तथा उपभोक्ताओ के द्धारा सेवाए उपलब्ध कराने की टेक्निक है।
ऑनलाइन शॉपिंग नेटवर्क वाणिज्यिक गतिविधियों का एक बढ़ता प्रतिशत बन गया है। 21वीं सदी ने ऑनलाइन व्यापारों के लिए असीम अवसर एवं प्रतिस्पर्धा का वातावरण प्रदान किया है। अनेक ऑनलाइन व्यापारिक कंपनियों की स्थापना हुई है और अनेक मौजूदा कंपनियां ऑनलाइन शाखाएं खोल रखी हैं।
भारत मे इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज तथा इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के कार्यालय के लिए केंद्रीय सरकार के वाणिज्य मंत्रालय को इस संबंध में एजेंसी के रूप में कार्य सौंपा गया है यूनाइटेड नेशंस स्टैंडर्ड को इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज के लिए राष्ट्रीय मानक के रूप में स्वीकार किया गया है
भारत में इलेक्ट्रॉनिक डाटा तथा इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के विकास को तेज सरल बनाने के लिए चार निकाय .ई .डी .आई / ई.सी. कौंसिल, इंडिया में D IFC कमेटी ,ई डी आई कार्यदल तथा मैसेज डेवलपमेंट ग्रुप बनाए गए हैं
बंदरगाहों ,एयरलाइंस ,बैंकों ,कर प्रशासन, संस्थाओं के बीच सूचना के आदान प्रदान तथा निजी क्षेत्र के प्राधिकारियों के इंटरफ़ेस क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज तथा इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स से लागू करने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं ।
राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा समता अंश जैसे वित्तीय प्रपत्रों के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन शुरू किया गया है इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के करारोपण के संबंध में बिट टैक्स की प्रायः बात की जाती है।बिट टैक्स आंकड़ा पर लगाए जाने वाला कर है।
ई-वाणिज्य व्यापार आम तौर पर रोजगार उपलब्ध करवाना ( E-commerce trading generally providing employment ) :-
E tail या आभासी स्टोर के सामने वेबसाइटों पर ऑनलाइन कैटलॉग, कभी कभी एक “आभासी माल’ में इकट्ठे हुए के साथ प्रदान करते हैं| खरीदने या बेचने पर ऑनलाइन बाजारों। इकट्ठा और वेब संपर्क और सामाजिक मीडिया के माध्यम से जनसांख्यिकीय डेटा का उपयोग करें।
इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज, व्यापार से व्यापार एक्सचेंज डेटा का उपयोग करें। ई-मेल या फ़ैक्स (उदाहरण के लिए, समाचारपत्रिकाएँ) के साथ द्वारा भावी और स्थापना की ग्राहकों तक पहुँचने। व्यापार से व्यापार खरीदने और बेचने का उपयोग करें। सुरक्षित व्यापार लेनदेन प्रदान करते हैं। नए उत्पादों और सेवाओं की शुरूआत के लिए p retail में संलग्न|
गैर परंपरागत व्यापारिक अवसरों में निम्नलिखित शामिल हैं ( Non-traditional business opportunities )
- उपभोक्ता उन्मुख सूचना सेवाएँ, उदाहरण के लिए स्थानीय वर्गीकृत विज्ञापन यथा किराया/संपत्ति समाचार, वर्तमान घटनायें, पारिवारिक कानून, लघु व्यापार कानून, आदि|
- व्यवसायोन्मुख जानकारी सेवाएं यथा बिजनेस लॉ, कंपनी प्रोफाइल, जैसे नौकरी निविदाएं, डेटाबेस, स्टॉक और वित्तीय जानकारी|
- मनोरंजन- जैसे खेल, संगीत और कला प्रदर्शन।
- हेल्प फ़ाइलें, कंप्यूटर अनुप्रयोग एवं इमेज फ़ाइलों के लिए फ़ाइल संग्रह सेवा।
- इलेक्ट्रॉनिक मॉल
- इंटरनेट निर्देशिका सेवा जिससे पंजीकरण, खोज और विज्ञापन शुल्कों द्वारा आर्थिक लाभ मिल सकता है|
- इंटरैक्टिव सेवाएं जैसे व्यक्तिगत मैच सेवाएं और कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं।
- बिक्री विज्ञापन जिसमें वह विज्ञापन भी आता है जो उन वेबसाइटों में होता है जहां लोग इकट्ठे होते हैं
- इन दिनों फेस्बुक विज्ञापन के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। वहाँ भी इंटरनेट पर विज्ञापन देने के लिए दलाल के रूप में एक व्यापारिक संस्था की स्थापना व्यक्तियों द्वारा हो सकती है।
- दूरस्थ शिक्षा
- इलेक्ट्रॉनिक नकद सेवाएं
- इंटरनेट सुरक्षा सेवाएँ
- तकनीकी सहायता और परामर्श
- भाषा अनुवाद सेवा
- प्रकाशन एवं पत्रिकाएं
एक बड़ा प्रतिशत है आयोजित इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक आभासी मदों के रूप में इस तरह की सामग्री का उपयोग करने के लिए प्रीमियम पर एक वेबसाइट है, लेकिन इसमें सबसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के परिवहन के भौतिक वस्तुओं में से कुछ रास्ता है।
ई कॉमर्स प्रणाली के प्रकार ( Types of e-commerce systems )
ई-कॉमर्स प्रणाली के दो प्रमुख प्रकार
1. सी2बी ( Consumer to Business ):
- यह ‘टेली शॉपिंग’ या ‘मेल ऑर्डर’ ‘टेलीफोन ऑर्डर’ आदि का विस्तार है।
- इसमें व्यापारिक गतिविधियाँ विक्रेता और उपभोक्ता के बीच सीधे कम्प्यूटर नेटवर्क या इन्टरनेट के माध्यम से चलती हैं।
- उत्पादक कम्पनियाँ अपनी जानकारी ई-कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से दर्ज कराती हैं और उपभोक्ता इन वेबसाइट पर जाकर उत्पादों को खरीदते हैं।
- कुल ई-कॉमर्स का 25% काम इसी माध्यम से होता है।
2. बी2बी ( Business to Business ):
- ई-कॉमर्स व्यापार की विभिन्न गतिविधियों को सुचारू रूप से और तेज़ी के साथ सम्पादित करने हेतु तथा खर्चों में कटौती हेतु यह विधि उपयोगी है।
- इस प्रकार का ई-कॉमर्स कुल ई-कॉमर्स का 70% है।
- इसमें बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व बड़ी व भौगोलिक रूप से विस्तृत कम्पनियों की आंतरिक खरीद विभिन्न विभागों के बीच होती है।
ई-कॉमर्स के लाभ ( Advantages of E-Commerce ):-
- ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं को सस्ते तथा क्वालिटी प्रोडक्ट्स को देखने का मौका देता है।
- यह नेशनल तथा इंटरनेशनल दोनों मार्केट में बिजनेस एक्टिविटीज की डिमांड को बढाता है।
- यह एक बिजनेस concern या व्यक्तिगत रूप से ग्लोबल मार्केट में पहुँचने के लिए समक्ष बनता है।
- ऑनलाइन शॉपिंग सामान्यत: अधिक सुविधाजनक होती है तथा पारंपरिक शॉपिंग की अपेक्षा टाइम सेविंग होती है
- इसके माध्यम से छोटे एंटरप्राइजेज प्रोडक्ट्स की खरीददारी, बेचना तथा सर्विस के लिए ग्लोबल मार्केट में एक्सेस कर सकते है।
- ई-कॉमर्स की सहायता से उपभोक्ता आसानी से एक specific प्रोडक्ट की रिसर्च कर सकते है तथा कभी-कभी whole sale कीमत पर प्रोडक्ट को खरीदने का अवसर भी प्राप्त कर लेते है।
- बिजनेस की द्रष्टि से ई-कॉमर्स मार्केटिंग, कस्टमर केअर, प्रोसेसिंग इन्फोर्मेशन स्टोरेज तथा इन्वेंटरी मैनेजमेंट की कीमत में कटौती के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
- ई_कॉमर्स कस्टमर behavior से सम्बंधित इन्फोर्मेशन को इकट्टा करने तथा मैनेज करने में सहायक होते है जो एक प्रभावी मार्केटिंग तथा प्रमोशन रणनीति को डेवलप करने में सहायता करते है।
- ई_कॉमर्स, बिजनेस में या व्यक्तिगत रूप से 24×7 के रूप में मार्केट में एक्सेस करने की सुविधा को प्रदान करता है। इस तरह यह बिजनेस में sales तथा प्रॉफिट को बढ़ावा देता है।
ई_कॉमर्स की हानियाँ ( Disadvantage of E-Commerce ):-
- प्रतियोगिता स्थिति को विचारने में असमर्थ होते है।
- वातावरण की प्रक्रिया का पूर्वानुमान करने में अक्षमता होती है
- उपभोक्ताओ को यह समझने में असफलता होती है की वे ई-कॉमर्स के माध्यम से खरीददारी कैसे करे।
- बहुत सारे व्यक्ति किसी भी तरह की फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए इन्टरनेट का प्रयोग नही करते है।
- इच्छित प्रोडक्ट्स के लिए बहुत साडी कॉल्स तथा E-mail की आवश्यकता हो सकती है जो काफी खर्चो को बड़ा देती है।
- ई_कॉमर्स ग्लोबल रूप से आपके लिए दरवाजा खोल देता है अत: ग्लोबल रूप से व्यापारियों के लिएकॉम्पटीशन बढ़ जाता है।
- ई_कॉमर्स का प्रयोग मुख्य रूप से इन्टरनेट के माध्यम से किया जाता है। आज भी इन्टरनेट काफी व्यक्तियों तथा छोटे-छोटे व्यक्तियों की पहुँच से बहुत दूर है। इसका कारण विश्वास या ज्ञान की कमी है।
- ई-कॉमर्स venture मुख्य रूप से third party पर निर्भर करता है। अर्थात हम बिना इन्टरनेट के ग्लोबल मार्केट में एक्सेस नही कर सकते है। इन्टरनेट third party के रूप में role को play करता है।
E-कॉमर्स वेबसाइट ( E-commerce website ):-
Amazon, Flipcart, e-bay etc.इसकी शुरवात 1990 में हुई थी तब से आज तक ये इतना बढ़ गया है की आज हर कोई प्रोडक्ट आपको ऑनलाइन मिल रहा है आज इन्टरनेट पर आपको कपडे, मोबाइल्स, फूड्स, सब कुछ मिल रहा है, ये मुमकिन हुआ है e-commorce की बदोलत इसमें हमे पेमेंट भी virtually करना पड़ता है
याने हम खुद जाकर पैसे देने की जरुरत नहीं होती है हम अपने क्रेडिट, डेबिट, इन्टरनेट बैंकिंग से पेमेंट कर सकते है इसमें कुछ important फैक्टर होते है:
- EDI – इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज
- Email – इलेक्ट्रॉनिक मेल
- EFT – इलेक्ट्रनिक फण्ड ट्रान्सफर जिसे e-Cash भी कहा जाता है
ई- काॅमर्स के प्रभाव ( Effects of e-commerce )
- ई -काॅमर्स के प्रभाव:-किसी भी प्रोडक्ट की इन्फोर्मेशन उसकी कीमत तथा उपलब्धता पर निर्भर करती है
- मार्केट मे विभिन्न क्रेताओं (sellers)के द्रारा ऑफर किये गए प्रोडक्ट्स तथा कीमत के बारे मे इन्फोरमर्मेशन को प्राप्त करना खरीददारों की आदत हैं।
- ये कीमतें खरीददारों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
- कोई भी प्रोडक्ट कम्पनी से निकलने के पश्चात कई स्टेप से गुजरने के पश्चात खरीददार तक पहुँचता हैं।
- इस तरह इस प्रोडक्ट की कीमत इसकी वास्तविक कीमत से ज्यादा हो जाती हैं
- इसलिए भिन्न- भिन्न कम्पनियों के द्रारा एक जैसे प्रोडक्ट की कीमत भी भिन्न- होती हैं।