कंप्यूटर का वर्गीकरण ( classification of computer in hindi ) – कंप्यूटर का प्रत्यक्ष रूप से सीधा वर्गीकरण ( direct classification ) करना बहुत ही मुश्किल है ! लेकिन कंप्यूटर का वर्गीकरण उनके कामकाज, प्रयोग, और उद्देश्यों के आधार पर किया जा सकता है ! इसलिए हम कंप्यूटर का वर्गीकरण तीन आधार पर कर सकते हैं !
- अनुप्रयोग के आधार पर ( application )
- उद्देश्य के आधार पर ( purpose )
- आकार के आधार पर ( size )
कंप्यूटर का वर्गीकरण (Classification of Computer in Hindi)
कंप्यूटर को कार्य प्रणाली तथा आकार के आधार पर के भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
कार्य प्रणाली के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण
1. Computer
- Digital Computer
- Analog Computer
- Hybrid Computer
आकार के आधार पर डिजिटल कंप्यूटर का वर्गीकरण
2. Digital Computer
- Micro Computer
- Mini Computer
- Main Frame Computer
- Super Computer
डिजिटल कंप्यूटर ( Digital Computer)
डिजिटल कंप्यूटर सभी डाटा को अंको में प्रदर्शित करते हैं ,एवं सभी कार्य इन्हीं अंकों के आधार पर ही करते हैं। अर्थात ये कंप्यूटर केवल अंकों पर कार्य करते हैं तथा इसके लिए केवल 0 व 1 दो संख्याओं का ही प्रयोग करते हैं । गणना से संबंधित सभी कार्य संख्याओं को जोड़कर करते हैं। ये कंप्यूटर आवश्यक डेटा को इनपुट के रूप में लेते हैं तथा उसके बाद उन पर गणितीय क्रिया करके उनका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित करते हैं । आकार के आधार पर इन्हें चार भागों में विभाजित किया गया है जिनका वर्णन निम्न प्रकार है।
माइक्रो कंप्यूटर ( Micro Computer)
सन 1971 में सर्वप्रथम Intel Corporation द्वारा माइक्रो प्रोसेस सर चिप का विकास किया गया था। ई. डी. रोबोट्स द्वारा प्रथम माइक्रो कंप्यूटर का विकास किया गया । वे सभी कंप्यूटर ,जो माइक्रोप्रोसेसर को मुख्य अवयव के रूप में प्रयोग करते हैं, माइक्रो कंप्यूटर कहलाते हैं।
- निजी उपयोग के लिए जाने के कारण इन्हें पर्सनल कंप्यूटर कहा जाता है।
- यह आकार में छोटे तथा कम कीमत के होते हैं।
- यह single-user होते हैं अर्थ अर्थ इन पर एक समय में केवल एक ही यूज़र कार्य कर सकता है।
- इनकी प्राथमिक मेमोरी तथा प्रोसेसिंग क्षमता अन्य कम्प्यूटर्स से कम होती है।
मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
मिनी कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक शक्तिशाली होते हैं । इनकी प्रोसेसिंग क्षमता माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में 5 गुना अधिक होती है। इन्हें सामान्यतः टाइम शेयरिंग तथा डिसटीब्युटेड डाटा प्रोसेसिंग में प्रयोग किया जाता है। इनकी विशेषताएं निम्न प्रकार है।
- ये आकार में माइक्रो कंप्यूटर से बड़े तथा मेनफ्रेम से छोटे होते हैं।
- इनको मल्टी यूजर सिस्टम में केंद्रीय कंप्यूटर के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- ये टाइम शेयरिंग पद्धति के आधार पर कार्य कर सकते हैं।
मेनफ्रेम कंप्यूटर ( Main Frame Computer)
मेनफ्रेम कंप्यूटर प्रोसेसिंग क्षमता मिनी कंप्यूटर से अधिक होती है ।इनका प्रयोग कंप्यूटर नेटवर्क में सर्वर के रूप में किया जाता है । इन की विशेषताएं निम्नलिखित है।
- मेनफ्रेम कंप्यूटर आकार में बड़े होते हैं।
- यह multi-user वातावरण के लिए बनाए गए हैं इनकी भंडारण व प्रोसेसिंग क्षमता अधिक होती है।
- इनका प्रयोग स्थानीय नेटवर्क तथा विस्तृत नेटवर्क में केंद्रीय कंप्यूटर के रूप में किया जाता है।
- इनकी मेमोरी मैं एक साथ कई प्रोग्राम लोड किए जा सकते हैं ।अतः ये कंप्यूटर्स मल्टीप्रोग्रामिंग के सिद्धांत पर कार्य करते हैं।
- इनका प्रयोग वैज्ञानिक प्रयोगों तथा जटिल गणनायक करने के लिए किया जाता है।6. DEC तथा IBM – 3090 आदि मेनफ्रेम की मुख्य उदाहरण है।
सुपर कंप्यूटर (Super Computer )
इनकी प्रोसेसिंग क्षमता मेनफ्रेम कंप्यूटर से अधिक होती है । इसका प्रयोग नई तथा जटिल गणना हल करने में किया जाता है । इनमें मल्टिप्रोसेसिंग क्षमता होती है। इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
- यह सबसे पावरफुल कंप्यूटर है तथा इनमें तार्किक निर्णय लेने की क्षमता अधिक होती है।
- यह multi-user वातावरण के लिए बनाए गए हैं।
- इनकी मेमोरी तथा प्रोसेसिंग छमता अन्य कम्प्यूटर्स से कहीं अधिक होती है।
- इन पर एक साथ एक से अधिक प्रोग्राम चलाए जा सकते हैं अतः इनका प्रयोग सामान्यतः मल्टीप्रोग्रामिंग तथा टाइम शेयरिंग पद्धति में किया जाता है।
- इनकी कीमत अधिक होती है। अतः इनका प्रयोग विशेष कार्य के लिए किया जाता है।
एनालॉग कंप्यूटर ( Analog Computer )
एनालॉग कंप्यूटर विशेष प्रकार के कंप्यूटर होते हैं । इनका प्रयोग ताप ,दबाव, गति ,ध्वनि या विद्युत प्रवाह जैसे विषय संकेतों पर कार्य करने के लिए किया जाता है। इन की विशेषताएं निम्नलिखित है
- ये तापमान, दबाव, गति या विद्युत प्रवाह आदि विशेष संकेतों के आधार पर कार्य करते हैं।
- प्रत्येक कार्य के लिए इन्हें अलग डेटा की आवश्यकता होती है।
- ये एक निर्देश को प्रोसेस करने के बाद ही दूसरा निर्देश लेते हैं।
- ये कंप्यूटर एनालॉग संकेतों के आधार पर कार्य करते हैं । अतः इनका प्रयोग वैज्ञानिक तथा चिकित्सा क्षेत्र में अधिक किया जाता है।
हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
हाइब्रिड कंप्यूटर्स मे डिजिटल तथा एनालॉग कम्प्यूटर्स की संयुक्त कार्य पद्धति का प्रयोग किया जाता है ।अतः यह कंप्यूटर ताप ,दाव, विद्युत प्रवाह के संकेतों तथा संख्याओं के आधार पर कार्य करते हैं।
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इस प्रकार से हमने इस लेख के माध्यम से कंप्यूटर का वर्गीकरण (Classification of Computer in Hindi) के बारे में जाना ! यदि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी है तो आप अपने साथियों के साथ शेयर करें धन्यवाद !