कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022) – कंप्यूटर (Computer) का वर्गीकरण कई प्रकार से किया गया है ! जो कि निम्न है – पीढी के अनुसार, कार्य के अनुसार और आकार के अनुसार कई भागों में बांटा गया है लेकिन शुरूआत से अब तक कंप्यूटर की संरचना (Computer Architecture) में कोई बदलाव नहीं आया है, तो आईये जानते हैं कंप्यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi) इस लेख को अंतत जरूर पढ़ें !
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है ,जो यूजर से डाटा को इनपुट के रूप में ग्रहण करती है ,उसे प्रोसेस करती है एवं उसके बाद अर्थपर्ण सूचनाओं को आउटपुट के रूप में प्रदर्शित करती है ।कंप्यूटर में इन सभी कार्यों को करने के लिए किसी एक कंपोनेंट का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसके लिए अलग-अलग उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। अतः हमारे लिए यह जानना आवश्यक हो जाता है कि कंप्यूटर की आंतरिक संरचना कैसी है एवं विभिन्न डिवाइसेज ( Devices ) एक साथ मिलकर किस प्रकार कार्य करती हैं।
कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022 )
कंप्यूटर की आंतरिक संरचना में पीओ की गई डिवाइसेज को कार्य के आधार पर चार इकाइयों ( Units ) में विभाजित किया जाता है कंप्यूटर संरचना (Computer Arthiecture in hindi 2022)
1. इनपुट यूनिट ( Input Unit )
2. आउटपुट यूनिट ( Output Unit )
3. मेमोरी यूनिट ( Memory Unit )
4. प्रोसेसिंग यूनिट ( Processing Unit )
1. इनपुट यूनिट ( Input Unit ) :- इनपुट यूनिट में वे सभी उपकरण आते हैं जिनका प्रयोग कंप्यूटर सिस्टम में डाटा इनपुट करने तथा निर्देश देने के लिए किया जाता है। इनपुट इकाई के महत्वपूर्ण कार्य निम्न है
A. यूजर द्वारा डाटा तथा निर्देशों को स्वीकार करना।
B. इनपुट किए गए डाटा को इस रूप में बदलना की कंप्यूटर इन्हें आसानी से समझ सके।
C. इनपुट डाटा को आगे की प्रक्रिया के लिए भेजना।
सामान्यतः इनपुट के लिए प्रयोग किए जाने वाले मुख्य उपकरण कीबोर्ड ,माउस ,स्केनर, लाइट पेन एवं ऑप्टिकल मार्क ( OMR ) आदि है।
2. आउटपुट यूनिट (Output unit) :- आउटपुट इकाई में वे सभी उपकरण आते हैं जिनका प्रयोग प्रोसेसिंग से पहले एवं प्रोसेसिंग के बाद सूचना, निर्देशों तथा परिणामों को स्थाई या अस्थाई रूप से देखने के लिए किया जाता है ।इस यूनिट के महत्वपूर्ण कार्य निम्न है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
A. सूचना तथा परिणाम प्राप्त करना।
B. प्राप्त सूचना को यूजर के समझने योग्य बनाना।
C. प्राप्त सूचना को बाह्य रूप में प्रदर्शित करना।
सामान्यतः आउटपुट के रूप में प्रयोग किए जाने वाले मुख्य उपकरणों में मॉनिटर व प्रिंटर है।
3. मेमोरी यूनिट ( Memory Unit) :- मेमोरी यूनिट कंप्यूटर सिस्टम कि वह एक आई है ,जो यूनिट द्वारा इनपुट किए गए डाटा को प्रोसेस करने से पहले ,प्रोसेसिंग के दौरान तथा प्रोसेसिंग के बाद स्थाई या अस्थाई रूप से स्टोर करके रखती है ।
यदि हम कंप्यूटर में डाटा फ्लो देखे तो डाटा इनपुट इकाई द्वारा कंप्यूटर में प्रवेश करते हैं तथा प्रोसेसिंग से पहले व प्रोसेसिंग के बाद कंप्यूटर की मेमोरी में स्थाई या अस्थाई रूप से स्टोर रहते हैं। यहां से मेमोरी की डाटा प्रदर्शित करने के लिए आउटपुट यूनिट को भेज दिए जाते हैं।
4. प्रोसेसिंग यूनिट ( Processing Unit) :- कंप्यूटर सिस्टम में क्रिया से संबंधित सभी Operation प्रोसेसिंग यूनिट द्वारा किए जाते हैं जैसे गणितीय व तार्किक क्रियाएं करना ,कंप्यूटर की अन्य इकाइयों को नियंत्रित करना ।यह सभी कार्य कंप्यूटर सिस्टम के जिस भाग द्वारा किए जाते हैं ,उसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) कहा जाता है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
CENTRAL PROCESSING यूनिट
मानव शरीर में जिस प्रकार सोचने विचारने की क्रिया करने तथा शरीर को नियंत्रित करने से संबंधित सभी कार्य मस्तिष्क द्वारा किए जाते हैं, उसी प्रकार कंप्यूटर सिस्टम में भी करने तथा इसे नियंत्रित करने से संबंधित सभी कार्य CPU द्वारा ही किए जाते हैं।
CPU को कंप्यूटर सिस्टम का दिमाग कहा जाता है। यह है कई कंपोनेंट से मिलकर बना होता है जैसे Arithmetic Logical Unit, Control Unit , Register Counters आदि। मुख्य रूप से इसके दो मुख्य अंग Aeithmetic Logical Unit तथा Control Unit होते हैं।
ARITHMETIC LOGICAL UNIT ALU
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का वह भाग है, जो कंप्यूटर सिस्टम में वास्तविक गणना करता है। ALU कंप्यूटर सिस्टम में गणितीय तथा उनसे संबंधित ऑपरेशन करने सक्षम होती है। ALU द्वारा गणितीय क्रियाएं करते समय डाटा तथा निर्देश मुख्य मेमोरी तथा ALU के बीच प्रवाहित होते रहते हैं। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
प्रोसेसिंग के दौरान उत्पन्न किए गए परिणाम मुख्य मेमोरी में अस्थाई रूप में रख दिए जाते हैं एवं आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पुणे पुन: मुख्य मेमोरी से ALU मैं भेज दिया जाता है। इस प्रकार के डाटा तथा निर्देश इन की प्रोसेसिंग के दौरान अधिक आवश्यकता होती है,
उन्हें ALU अपनी भंडारण इकाई में स्टोर करके रखती है, जिन्हें रजिस्टर कहा जाता है। प्रोसेसिंग पूर्ण होने के बाद परिणाम मुख्य मेमोरी में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं, जहां से आउटपुट के लिए आउटपुट यूनिट के पास भेज दिए जाते हैं।
CONTROL UNIT
कंट्रोल यूनिट वह इकाई होती है, जो कंप्यूटर सिस्टम की अन्य यूनिट्स को नियंत्रित करती है। कंट्रोल यूनिट मुख्य मेमोरी में स्टोर प्रोग्राम्स के निर्देशों को प्राप्त करती है एवं उसी के अनुसार सिग्नल जारी करती है। इसी कारण सिस्टम कि अन्य इकाइयां उनको एग्जीक्यूट कर पाती है।
नंबर सिस्टम ( Number System )
जैसा कि हम जानते हैं, कंप्यूटर माननीय भाषा में कार्य नहीं करता है। यह मैं तो मानवीय भाषा के डाटा रीड कर सकता है, और न हीं मालवी भाषा में गणना कर सकता है। कंप्यूटर डाटा पर गणना करने , सूचना स्टोर करने तथा आउटपुट संबंधी सभी कार्य एक विशेष कैरेक्टर कोड फॉर्म में करता है। इसी प्रकार से कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट तथा आउटपुट इंटरफ़ेस की आवश्यकता होती है। अतः हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि नंबर सिस्टम क्या है तथा कितने प्रकार का होता है।
इलेक्ट्रॉनिक डाटा (Electronical Data )
जैसा कि हम जानते हैं, कंप्यूटर मालवी भाषा में कार्य नहीं करता है। यह न तो मानवीय भाषा के डाटा रीड कर सकता है, और न ही मालवी भाषा में गणना कर सकता है। कंप्यूटर डाटा पर गणना करने, सूचना स्टोर करने तथा आउटपुट संबंधी सभी कार्य एक विशेष कैरेक्टर कोड फॉर्म में करता है।
इसी कारण से कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट इंटरफ़ेस की आवश्यकता होती है। अतः हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि नंबर सिस्टम क्या है तथा कंप्यूटर नंबर कन्वर्जन किस प्रकार कार्य करता है। यह निम्न दो प्रकार का होता है
A. Non Position Number :- नॉन पोजिशल नंबर वे नंबर होते हैं जिन पर गणितीय गणना नहीं की जा सकती है। जैसे One , Two, I , II , III, a,b,c इत्यादि।
B. Positional Number : – पोजीशनल नंबर वे नंबर होते हैं, जिन पर गणितीय क्रियाएं आसानी से की जा सकती है। पोजीशनल नंबर सिस्टम चार ( डेसिमल नंबर सिस्टम, बाइनरी नंबर सिस्टम, ऑक्टॉल नंबर सिस्टम और हेक्साडसिमल नंबर सिस्टम) प्रकार का होता है।
गणना से संबंधित कार्य करने के लिए डेसिमल नंबर सिस्टम का प्रयोग करते हैं। इसका बेस 10 होता है अर्थात् इसमें 10 संख्याएं ( 0 – 9) होती है। कंप्यूटर सिस्टम प्रत्येक कार्य को करने के लिए बाइनरी नंबर सिस्टम का प्रयोग करता है। इसका आधार 2 होता है। इसलिए इसमें केवल दो ही संख्याएं (0.1) होती है। इन्हें बिट कहा जाता है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
नंबर सिस्टम के प्रकार (Type Of Number System )
1. Decimal Number System :- गणना से संबंधित काले करने के लिए डेसिमल नंबर सिस्टम का प्रयोग करते हैं। इसका बेस 10 होता है अर्थात् इसमें 10 संख्या ( 0-9 ) होती है।
2.Binary Number System :- कंप्यूटर सिस्टम प्रत्येक कार्य को करने के लिए बायनरी नंबर सिस्टम का प्रयोग करता है। इसका आधार दो होता है। चलिए इसमें केवल दो ही संख्याएं (0,1) होती है। इन्हें बिट बाइनरी डिजिट कहा जाता है।
3. Octal Number बाइनरी :- ऑक्टल नंबर सिस्टम में आठ (0 -7) संख्याएं होती हैं तथा इसका आधार 8 होता है। तीन बायनरी बिट्स का समूह 1 डिजिट को प्रदर्शित करता है।
नीचे दी गई सारणी में ऑक्टल नंबर तथा उसके समान बायनरी बिट्स के समूह को प्रदर्शित किया गया है
ऑक्टल नम्बर | बाइनरी नंबर | ऑक्टल नम्बर | बाइनरी समूह
0 000 4 100
1 00 5 101
2 010 6 110
3 01 7 1
4. Hexadecimal Number बाइनरी :- हेक्सा डेसीमल नंबर सिस्टम का आधार 16 होता है, अर्थात् इसमें सोलर संख्याएं( 0-15) होती है। इसमें 0-9 तक की प्रथम 10 संख्याएं तो डेसिमल नंबर सिस्टम के समान ही होती हैं तथा आगे 10 को A, 11 को B, 12 को C,13 को D,14 को E तथा 15 को F द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। एक हेक्साडेसिमल डिजिट चार बायनरी बिट्स के समूह के बराबर होती है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
बाइनरी कोडिंग स्कीम ( Binary Coading Scheme )
बाइनरी कोडिंग स्कीम मैं प्रत्येक कैरेक्टर को बिट्स का एक अलग क्रम प्रदान करती है। इसके लिए दो कोड ( ASCII और EBCDIC ) का उपयोग किया जाता है। हाल ही में विकसित यूनिकोड में 16 बिट्स का प्रयोग किया जाता है।
कंप्यूटर में डाटा निरूपित करने के लिए ASCII कोड प्रणाली का सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। इसका पूरा नाम American Standard Code For Information Interchange है। इसे 8 बिट्स कोड भी कहा जाता है।
EBCDIC का पूरा नाम Extebded Binary Coded Decimal Interchange है। यह एक पुराना कोड है जो मूल रूप से IBM द्वारा विकसित किया था। यूनिकोड 16 बिट कोड का होता है जो ASCII और EBCDIC दोनों का सहायक है। इसका प्रयोग अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के लिए भी होता है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
पर्सनल कंप्यूटर (PERSONAL COMPUTER)
किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयोग में किए जाने वाले कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर (माइक्रोकंप्यूटर )कहा जाता है। वे सभी कंप्यूटर जो घर ऑफिस , तथा व्यवसाय में प्रयोग किए जाते हैं। सभी माइक्रोकंप्यूटर होते हैं। पर्सनल कंप्यूटर के प्रकार के होते हैं। एक पर्सनल कंप्यूटर डेस्कटॉप लैपटॉप ,टेबलेट, आदि के रूप में हो सकता है।
एक पर्सनल कंप्यूटर के प्रकार के विद्युतीय उपकरणों से मिलकर बना होता है और कई प्रकार की अतिरिक्त उपकरणों से जुड़ा हुआ होता है। इसमें यूजर द्वारा डाटा को इनपुट कराया जाता है और उसे प्रोसेस करके सूचना को आउटपुट उपकरणों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। पर्सनल कंप्यूटर का आकार , प्रकार , क्षमता , गति और मूल्य अलग अलग होता है।
पर्सनल कंप्यूटर मुख्यतः कीबोर्ड या माउस द्वारा ही डाटा प्राप्त करते हैं और उन्हें सेव करने के लिए हार्ड डिस्क का ही प्रयोग किया जाता है। किसी भी प्रकार के डाटा को प्रोसेस करने का कार्य माइक्रोप्रोसेसर द्वारा किया जाता है। डाटा को सॉफ्ट कॉपी आउटपुट के रूप में प्रदर्शित करने के लिए मॉनिटर का और डाटा को हार्ड कॉपी के रूप में प्रदर्शित करने के लिए प्रिंटर का प्रयोग किया जाता है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
एक पर्सनल कंप्यूटर के आवश्यक कंपोनेंट सिस्टम यूनिट, मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस इत्यादि होते हैं। यह सभी कंपोनेंट सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक द्वारा कार्य करते हैं। एक पर्सनल कंप्यूटर के आवश्यक कंपोनेंट का वर्णन निम्न प्रकार है।
1. सिस्टम यूनिट ( SYSTEM UNIT ) :- सिस्टम यूनिट को सिस्टम कैसिस भी कहा जाता है। यह एक कंटेनर जैसा होता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तत्व होते हैं। किसी भी कंप्यूटर सिस्टम का निर्माण सिस्टम कैसिस द्वारा ही किया जाता है। सिस्टम यूनिट अलग-अलग कंप्यूटर के लिए अलग-अलग प्रकार की होती है। इनका वर्णन निम्न प्रकार है।
A. डेक्सटॉप सिस्टम यूनिट :
इस प्रकार की कंप्यूटर की सिस्टम यूनिट अन्य प्रकार के कंप्यूटर से भिन्न और आकार में बड़ी होती है। इसमें कीबोर्ड , माउस , मॉनिटर , सिस्टम यूनिट से बाहर रहते हैं और इन्हें अलग से जोड़ा जाता है। उपरोक्त चित्र में दर्शाए गए सिस्टम यूनिट डेक्सटॉप सिस्टम यूनिट है।
B. नोटबुक सिस्टम यूनिट :
इस प्रकार के कंप्यूटर की सिस्टम यूनिट पोर्टेबल और काफी छोटी होती है। इसमें कीबोर्ड , स्टोरेज डिवाइस सिस्टम यूनिट के अंदर ही होते हैं और मॉनिटर सिस्टम यूनिट से कब्जो द्वारा जुड़ा रहता है। नोटबुक सिस्टम को लैपटॉप के नाम से भी जाना जाता है।
C. टेबलेट पीसी सिस्टम यूनिट :
इस प्रकार के कंप्यूटर की सिस्टम यूनिट नोटबुक सिस्टम यूनिट के समान ही होती है। टेबलेट पीसी उच्च श्रेणी के पोर्टेबल कंप्यूटर होते हैं। इसमें डाटा को इनपुट करने के लिए पेन या लेखनी का उपयोग कर सकते हैं। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
D. हेड हेल्ड कंप्यूटर सिस्टम यूनिट :
इस प्रकार के कंप्यूटर आकार में सबसे छोटे होते हैं। इन्हें इस प्रकार तैयार किया जाता है की ये हथेली में समा सकते हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, स्टोरेज उपकरण, और आउटपुट उपकरण सहित समस्त सिस्टम होते हैं पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (PDA ) और स्मार्टफोन सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले हेड हेल्ड कंप्यूटर हैं।
सिस्टम बोर्ड ( SYSTEM BOARD )
सिस्टम बोर्ड को मदर बोर्ड में कहते हैं। यह कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य भाग होता है जो इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट से बना होता है। कंप्यूटर सिस्टम का कमांड केंद्र होता है जो कंप्यूटर से जुड़े प्रत्येक कंपोनेंट और उपकरण के साथ तालमेल बनाकर निर्देशों को प्रवाहित करता है। एक मदर बोर्ड आकार और प्रकार के अनुसार के प्रकार के हो सकते हैं लेकिन इसमें कुछ कंपोनेंट सभी मदरबोर्ड ऊपर होते हैं ये कंपोनेंट निम्न है । कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
माइक्रोप्रोसेसर ,(MICRO PROCESSOR )
प्रोसेसर कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जो कंप्यूटर सिस्टम को चलाता है। इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है। यह कंप्यूटर सिस्टम की मुख्य केंद्रीय प्रोसेसिंग यूनिट ( CPU) होती है जो कंप्यूटर के प्रत्येक कंपोनेंट से संबंधित डाटा को प्रोसेस करता है। एक पर्सनल कंप्यूटर में कई प्रकार के प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है। प्रोसेसर का प्रकार उपयोग मे लिए जाने वाले मदर बोर्ड पर भी आधारित होता है। प्रोसेसर की गति को मेगा हॉट (Mhz ) मैं मापा जाता है। निम्न प्रकार का होता है।
हाल ही में माइक्रोप्रोसेसर में दो महत्वपूर्ण विकास हुए हैं। इसमें एक 64 बिट प्रोसेसर और दूसरा मल्टी कोर प्रोसेसर चिप। कुछ समय पहले तक 64 बिट प्रोसेसर का उपयोग केवल सुपर कंप्यूटर मैं ही किया जाता था। वर्तमान में 64 बिट प्रोसेसर का उपयोग अधिकांश डेस्कटॉप और लैपटॉप कंप्यूटर में किया जाता रहा है। मल्टीकोर प्रोसेसर का दूसरा महत्वपूर्ण विकास है। इस प्रकार के प्रोसेसर में दो या दो से अधिक स्वतंत्र सीपीयू होते हैं। इनमें दो या दो से अधिक कार्यों को एक साथ करने की क्षमता होती है। इसके अलावा विशेष प्रकार की प्रोसेसिंग चिप भी विकसित हो चुकी है। इनका वर्णन निम्न प्रकार है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
A. कोप्रोसेसर : को प्रोसेसर एक विशेष प्रकार की चिप होती है जिसे भी चीज कार्यों को संपन्न करने के लिए डिजाइन किया गया है। इनमें से सबसे अधिक उपयोग ग्राफिक्स को प्रोसेसर का किया जाता है। इसे जीपीयू ( ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) के नाम से जाना जाता है। इसे मुख्य 3D ग्राफिक से संबंधित कार्यों के लिए डिजाइन किया गया है।
B. स्मार्ट कार्ड: स्मार्ट कार्ड एक सामान्य कार्ड के आकार का होता है जिस पर एक विशेष प्रकार की चिप होती है। इसका उपयोग मुख्यतः पहचान के लिए किया जाता है।
C. आर एस आई डी टैग्स : यह एक विशेष प्रकार की चुप होती है जो जहाजों में लगे होते हैं जिससे उनके स्थान का पता चलता रहता है।
मेमोरी ( MEMORY )
कंप्यूटर सिस्टम कि वह इकाई जो सूचनाओं को स्थाई या अस्थाई रूप से संचित करने का कार्य करें उन्हें मेमोरी उपकरण कहते हैं। कंप्यूटर मेमोरी दो प्रकार ( Primary & Secondary ) की होती है। प्राइमरी मेमोरी चिप के रूप में इंटीग्रेटेड सर्किट द्वारा बनी हुई होती है। प्राइमरी मेमोरी तीन प्रकार की होती है एक रेंडम एक्सिस मेमोरी, दूसरी रीड ओनली मेमोरी और तीसरी फ्लैश मेमोरी। यहां केवल प्राइमरी मेमोरी के बारे में वर्णित किया गया है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
रेंडम एक्सेस मेमोरी को RAM के नाम से जाना जाता है। इसमें वे प्रोग्राम या डाटा स्टोर होते हैं। यह मेमोरी डाटा को अस्थाई रूप से स्टोर करती है इसलिए इसे बोले टाइल मेमोरी भी कहा जाता है। यह मेमोरी सिस्टम में पावर ऑन रहने तक ही सूचनाओं को स्टोर करके रख सकती है।
उदाहरण के लिए माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2007 को प्रभावी ढंग से प्रोसेस करने के लिए कम से कम 256 एमबी रैम चाहिए। इसी प्रकार ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए 512 से 1024 एमबी रैम होनी चाहिए।
कैश मेमोरी रेंडम एक्सेस मेमोरी और सीपीयू के मध्य में होल्डिंग एरिया के रूप में कार्य करती है कंप्यूटर पर कार्य करते समय जिस सूचना का अधिक प्रयोग किया जाता है उसे केस में कॉपी कर लिया जाता है। आवश्यकता होने पर सीपीयू कैसे सूचना को तुरंत प्राप्त कर लेता है।
सीडी या डीवीडी रोम ड्राइव( CD – ROM / DVD – ROM DRIVE ) :- सीडी रोम एक ड्राइव होता है जिसका प्रयोग कॉन्पक्ट डिस्क के डाटा को पढ़ने के लिए किया जाता है। कॉन्पक्ट डिस्क एक डिस्क होती है जिसमें डेटा स्टोर किया जाता है। यह डाटा टेक्स्ट ग्राफिक, ऑडियो या वीडियो के रूप में हो सकता है। कंप्यूटर सिस्टम में सॉफ्टवेयर लोड करने के लिए भी सीडी रोम ड्राइव का प्रयोग किया जाता है। सीडी रोम ड्राइव के स्थान पर आप Combo Drive DVD ROM , DVD WRITER का प्रयोग कर सकते हैं। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
हार्ड डिस्क ड्राइव ( HARD DISK DRIVE – HDD ) :- हार्ड डिस्क भी एक स्टोरेज डिवाइस है। इसे विंचेस्टर डिस्क भी कहा जाता है। विंचेस्टर डिस्क बे भी प्लेट लगी हुई होती है जिनको एक केंद्रीय सॉफ्ट द्वारा घुमाया जाता है। हार्ड डिस्क प्लेट्स तथा डिस्क ड्राइव एक वायु रोधी डिब्बे में रखी हुई होती है। डिस्क सतह को किसी प्रकार का कोई नुकसान है पहुंचे इस प्रकार सतह को चिकना रखने के लिए द्रव्य पदार्थ का प्रयोग किया जाता है। Read / Write हेड कुछ दूरी पर रहकर डाटा को Read / Write करता है। हार्ड डिस्क का ही प्रयोग कंप्यूटर में सहायक मेमोरी के रूप में किया जाता है।
मॉनिटर (MONITOR) :- मॉनिटर को विजुअल डिस्प्ले यूनिट कहा जाता है जिसे एक केवल द्वारा मुख्य मशीन से जोड़ा जाता है। मॉनिटर स्क्रीन पर सूचनाओं को मैट्रिक्स के रूप में प्रदर्शित करता है। मैट्रिक्स को साधारण शब्दों में टेबल कहते हैं। मॉनिटर स्क्रीन में 24 लाइनें तथा 80 कॉलम होते हैं। इसकी स्क्रीन पर फास्फोरस का लेप होता है। एक दूसरा एलसीडी मॉनिटर होता है। एलसीडी ( Liquid Crystal Display ) मॉनिटर स्क्रीन में लिक्विड द्रव्य पदार्थ भरा होता है। इसका प्रयोग साधारण डेस्कटॉप कंप्यूटर में किया जाता है।
विद्युत आपूर्ति ( POWER SUPPLY )
पावर सप्लाई एक इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड होता है जो कंप्यूटर और उसके कंपोनेंट्स को विद्युत प्रदान करता है। यह प्राप्त होने वाली 220 वोल्ट की एसी को DC में परिवर्तित करता है। यह अलग-अलग कंपोनेंट्स को आवश्यकता अनुसार अलग-अलग वोल्ट में विद्युत प्रदान करता है। पावर सप्लाई भी कई प्रकार की होती है। इसका प्रयोग उपयोग में लिए जाने वाले कंप्यूटर पर आधारित होता है।
साउंड ADAPTERऔर स्पीकर (SONUD ADAPTER AND SPEAKER )साउंड एडिटर और स्पीकर का प्रयोग ऑडियो वीडियो को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। आज के पर्सनल कंप्यूटर सिस्टम में साउंड मदर बोर्ड पर चिप के रूप में पहले से ही लगा होता है। आप अतिरिक्त साउंड एडेप्टर लगाकर ऑडियो वीडियो की क्षमता बढ़ा सकते हैं।
एक्सपेंशन कार्ड ( EXTENSION CARD ):- यह एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ड होता है जिसका प्रयोग कंप्यूटर के साथ अन्य कंप्यूटर उपकरणों को जोड़ा जाता है। इसे इंटरफेस कार्ड भी कहते हैं। यह कई प्रकार का होता है। अलग-अलग उपकरणों के लिए इंटरफेस कार्ड भी अलग-अलग होते हैं। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड ( NETWORK INTERFACE CARD )
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड 1 हार्डवेयर कंपोनेंट होता है जो कंप्यूटर तथा नेटवर्क के मध्य इंटरफेस का कार्य करता है। इसे कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर लगाया जाता है। नेटवर्क से आने वाली केबल किसी कार्ड में डाली जाती है। यह नेटवर्क को फिजिकल ऐड्रेस प्रदान करता है।
कम्युनिकेशन पोर्ट ( COMMUNICATION PORT )
कम्युनिकेशन पोर्ट का प्रयोग कंप्यूटर के साथ बाहरी उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है जैसे प्रिंटर, मॉडम, स्केनर, स्पीकर आदि। कम्युनिकेशन पोर्ट कई प्रकार की होती है। अलग-अलग प्रकार की पोर्ट का प्रयोग अलग-अलग प्रकार के उपकरणों के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए Serial Port का प्रयोग सामान्य मॉडम, प्रिंटर आदि के लिए किया जाता है जबकि Parallel Port का प्रयोग सामान्य थे प्रिंटर आदि के लिए किया जाता है UDB Port एक बहुउद्देशीय पोर्ट होती है। इसका प्रयोग कई प्रकार के उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है।
बस लाइंस ( BUS LINES )
इसे बस के नाम से भी जाना जाता है जो सिस्टम बोर्ड के विभिन्न अंगों को सीपीयू से जोड़ता है। बस लाइंस इसका एक मार होता है जो डाटा और निर्देशों को भेजता है। बस लाइंस में बिट्स के आवागमन को बस बिदथ के नाम से जानते हैं। बस लाइंस में ट्रैफिक लेन की संख्या बस विड्थ को निर्धारित करती है। अधिक लेन वाले बस लाइन पर अधिक तेजी से डाटा और निर्देशों का आवागमन होता है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
उदाहरण के लिए 64 बिट वाली बस लाइंस की गति 32 बिट की बस लाइन से दुगनी होती है। माइक्रोप्रोसेसर चिप के बदलने के साथ ही सब लाइंस में भी बदलाव आए हैं , किसी कंप्यूटर की गति और क्षमता के संबंध में बस डिजाइन या बस आर्की टेक्चर महत्वपूर्ण अंग है। इसके अलावा अनेक उपकरण , जैसे एक्स पेशन बोर्ड , बस के केवल एक ही प्रकार के साथ ही काम करते हैं।
एक्स पैंशन बस ( EXPENSION BUS )
प्रत्येक कंप्यूटर में बस के 2 मूल प्रकार होते हैं। एक सिस्टम बस और दूसरा एक्स पैंशन बस। सिस्टम बस सीपीयू को मेमोरी से जोड़ता है। एक्स पैंशन बस सीपीयू को एक्स पैंशन स्लॉट्स जैसे अन्य अंगों से जोड़ता है। कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार की एक्स पैंशन बस का मिश्रण होता है। इनकी मूल प्रकार निम्न प्रकार है।
A. पेरीफेरल कंपोनेंट इंटरकनेक्ट ( पीसीआई ):
इसे मुख्य ग्राफिकल यूजर इंटरफेस की वीडियो मांग को पूरा करने के लिए विकसित किया गया था। जब इसे पहले शुरू किया गया था तो इसमें 32 बिट बस बिस्थ थी और अब लगभग सभी बसें 64 बिट की होती हैं।
B. यूनिवर्सल सीरियल बस ( यूएसबी ):
यह एक्सपशन कार्ड या इस सलोट का प्रयोग किए बिनाअनेक बाहरी उपकरणों का सहयोग करने के लिए पीसीआई बस से जुड़ता है।
C. फायर वायर बस :
यह यूएसबी बसों की तरह होते हैं। फायर बायर बसें यूएसबी 2.0 से थोड़ा अधिक तेज होती है। दोनों का प्रयोग कैमकॉर्डर या वीडियो एडिटिंग के लिए किया जाता है।
D. सीरियल एडवांस्ड टेक्नोलॉजी अटैचमेंट ( साटा ):
यह नई बसों में से एक है। यह यूएसबी 2.0 और फायर वायर बस उसे अधिक तेज होती है। इसका उपयोग मुख्यतः उच्च गति की स्टोरेज उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है।
E. पीसीआई एक्सप्रेस:
यह हाल ही में विकसित की गई बस है। आज के अत्यधिक शक्तिशाली कंप्यूटरों में इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है।
कंप्यूटर पैनल ( COMPUTER PANEL )
पर्सनल कंप्यूटर के प्रकार के लेआउट में होते हैं। इसीलिए कंप्यूटर पैनल भी कंप्यूटर के अनुसार अलग-अलग होते हैं। यहां केवल डेस्कटॉप कंप्यूटर पैनल के बारे में बताया गया है। डेस्कटॉप कंप्यूटर पैनल को दो भागों में विभाजित किया गया है। कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022)
1. Front Panel
2. Rear Panel
सामने के पैनल कंपोनेंट। ( COMPONENTS OF FRONT PANEL )
एक कंप्यूटर सिस्टम केस के सामने के पैनल में कई प्रकार के कंपोनेंट होते हैं। इनका वर्णन निम्न प्रकार है।
A. POWER SWITCH:- यह कंप्यूटर सिस्टम में पावर बटन होता है। इसका प्रयोग कंप्यूटर सिस्टम की पावर ( विद्युत ) को ऑन और ऑफ करने के लिए किया जाता है।
B. RESET BOTTON :- यह कंप्यूटर सिस्टम का रीसेट बटन होता है। इसका प्रयोग करके आप कंप्यूटर सिस्टम को बंद किए बिना उसे री स्टार्ट कर सकते हैं। कंप्यूटर हैंग होकर कार्य करना बंद कर देता है और किसी भी प्रकार की कमांड को स्वीकार नहीं करता तो आप इस बटन का प्रयोग करके उसे फिर से शुरू कर सकते हैं।
C. POWER LED:- यह सामान्यतः हरे रंग की एक छोटी सी लाइट होती है। जब कंप्यूटर को ऑन किया जाता है या वह ऑन अवस्था में रहता है तो यह लाइट जलती रहती है।
D. HARD DISK LED :- यह सामान्यतः लाल रंग की एक छोटी सी लाइट होती है। जब कंप्यूटर द्वारा हार्ड डिस्क को एक्सिस किया जाता है। तो यह लाइट जलती है। यह समय समय पर ऑन और ऑफ होती रहती है। जैसे जैसे हार्डडिस्क सक्रिय रहेगी वैसे वैसे यह लाइट जलती रहेगी।
E. USB PORTS :- यह यूएसबी ( Universal Serial Bus ) पोर्ट होती है। इसका प्रयोग यूएसबी से संबंधित सभी प्रकार के उपक्रमों के लिए किया जाता है। फोटो पहले की कंप्यूटरों में सामने के पैनल में नहीं होती थी।
F. HEADPHONE / MIC PORT :- यह एक ऑडियो पोर्ट होती है। इसका प्रयोग सामान्यतः हेडफोन या माइक के लिए किया जाता है। अतिरिक्त स्पीकर के लिए भी इस पोर्ट का प्रयोग कर सकते हैं।
G. CD- ROM DRIVE : – यह कंप्यूटर सिस्टम का ऊपरी भाग होता है। इसमें आप CD – ROM या DVD – ROM Drive लगा सकते हैं। एक कंप्यूटर सिस्टम में आप एक से अधिक CD ROM लगा सकते हैं।
सामनें के पैनल कंपोनेंट ( COMPONENTS OF REAR PANEL )
ए कंप्यूटर सिस्टम केस के पीछे के पैनल में कई प्रकार के कंपोनेंट होते हैं। इनका वर्णन निम्न प्रकार है
A. POWER SOCKET : – यह कंप्यूटर सिस्टम की पावर सॉकेट होती है। इसके द्वारा कंप्यूटर सिस्टम में विद्युत पहुंचाई जाती है। इसी 3PIN वाली एक केवल द्वारा बिजली से जोड़ा जाता है।
B. PS / 2 PORT : – यह कंप्यूटर सिस्टम की PS / 2 पोर्ट होती है। इसका प्रयोग कीबोर्ड और माउस को कंप्यूटर सिस्टम से जोड़ने के लिए किया जाता है। यह पोर्ट दो अलग-अलग रंग की होती है। इसमें हरे रंग की वोट का प्रयोग माउस के लिए और बैंगनी रंग की पोर्ट का प्रयोग कीबोर्ड के लिए किया जाता है।
C. SERIAL PORT : – यह कंप्यूटर की सीरियल पोर्ट होती है। इसका प्रयोग सामान्यतः मॉडम, प्रिंटर आदि के लिए किया जाता है।
D. PAEALLEL PORT : – यह कंप्यूटर की 25 पिन पर लेल पोर्ट होती है। इसका प्रयोग सामान्यतः प्रिंटर को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है। यह पोर्ट सीरियल पोर्ट की तुलना में अधिक तेज होती है।
E. VAG PORT : – यह कंप्यूटर की 15 पिन की VAG पोर्ट होती है । इसका प्रयोग मॉनिटर को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है ।
F. USB PORT : – यह कंप्यूटर की USB ( Univerasl Serial Bus ) पोर्ट होती है । इसका प्रयोग कई प्रकार के बाहरी उपकरणों ( प्रिंटर ,मॉडल ,स्केनर, माउस कीबोर्ड आदि ) को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है। सीरियल तथा पर लेल पोर्ट की तुलना में USB पोर्ट की गति अधिक होती है। एक मदरबोर्ड में सामान्यतः दो या दो से अधिक यूएसबी पोर्ट हो सकती है।
G. AUDIO JACKS :- यह कंप्यूटर की ऑडियो पोर्ट होती है। इसका प्रयोग ऑडियो स्पीकर या माइक्रोफोन के लिए किया जाता है। कुछ कंप्यूटरों में यह मदर बोर्ड पर ही होता है। लेकिन आप इसे अतिरिक्त कार्ड के रूप में भी लगा सकते हैं।
- ETGERNET PORT: – यह कंप्यूटर के लिए नेटवर्क पोर्ट होती है। इसका प्रयोग कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ने के लिए किया जाता है। इसमें RJ -45 Ethernet केवल और RJ – 45 Connector का प्रयोग किया जाता है।
2. MODEM :- यह कंप्यूटर मॉडम पोर्ट होती है। मॉडम का प्रयोग कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए किया जाता है। मॉडम का कार्य एनालॉग डाटा को डिजिटल डाटा में और डिजिटल डाटा को एनालॉग डाटा में बदलना होता है। यदि आप अपने कंप्यूटर पर इंटरनेट एक्सिस करना चाहते हैं तो इसके लिए मैडम की आवश्यकता होगी।
3. FIREWIRE PORT : – फायर बायर पोट की गति यूएसबी 2.0 से थोड़ा अधिक होती है। इसका उपयोग मुख्यतः कैमकॉर्डर या वीडियो एडिटिंग उपकरणों के लिए किया जाता है।
केबल – केवल का उपयोग पोर्ट के माध्यम से बाहरी उपकरणों को सिस्टम यूनिट से जोड़ने के लिए किया जाता है। इसमें केवल का एक सिरा पोर्ट और दूसरा सिरा बाहरी उपकरण को जोड़ता है।
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संक्षेप में
हमनें इस लेख के माध्यम से कंप्यूटर संरचना ( Computer Arthiecture in hindi 2022) – कंप्यूटर (Computer) का वर्गीकरण कई प्रकार से किया गया है ! जो कि निम्न है – पीढी के अनुसार, कार्य के अनुसार और आकार के अनुसार कई भागों में बांटा गया है लेकिन शुरूआत से अब तक कंप्यूटर की संरचना (Computer Architecture) में कोई बदलाव नहीं आया है, कंप्यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi) आदि के बारे में जाना यदि L1 आपको पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें