कालीबंगा और मोहनजोदड़ो सभ्यता
अन्य नाम
1 दीन हीन बस्ती(कच्ची इटो से निर्मित मकान)
2 काली चूड़ियां
स्थिति– हनुमानगढ़ राजस्थान घग्गर नदी के किनारे
जानकारी– एल पी तेसितोरी
खोजकर्ता –अमला नंद घोष 1952
उत्खनन कर्ता –बृजवासी लाल और बालकृष्ण थापर 1961
कालीबंगा से त्रिस्तरीय संस्कृति के साक्ष्य मिले हैं
1 प्रागैतिहासिक काल
2 आध ऐतिहासिक काल
3 ऐतिहासिक काल
साक्ष्य
1 जूते हुए खेत के साक्ष्य
2 अग्नि वेदिका के साक्ष्य
3 खोपड़ी की शल्य चिकित्सा के साक्ष्य
4 भूकम के
कालीबंगा में सड़कें एक दूसरे को समकोण पर काटती हुई बनाई गई जिसे ऑक्सफोर्ड या ग्रेड प्रणाली कहा गया है
कालीबंगा में तीन प्रकार के सवाधान पद्धति मौजूद थे
1 पूर्ण समाधिकरण कालीबंगा और मोहनजोदड़ो सभ्यता
2 आंशिक समाधिकरण
3 दाह संस्कार
मोहनजोदड़ो
अन्य नाम मृतकों का टीला
पाकिस्तान के लरकान प्रांत में सिंधु नदी के किनारे इस स्थल का विकास हुआ
1922 में राखल दास बनर्जी के द्वारा मोहनजोदड़ो की खोज की गई
मोहनजोदड़ो से भी दो टीमों के साक्ष्य मिले हैं
पश्चिमी टीला
पूर्वी टीला
मोहनजोदड़ो के पश्चिमी टीलों को स्तूप टीला भी कहा गया है क्योंकि यहां पर कुषाण काल में स्तूप का निर्माण किया गया था
स्तूप क्या होता है
स्तूप से तात्पर्य है राख का ढेर अर्थात एक प्रकार का समाधि स्थल ऋग्वेद में जलती हुई चिता के लिए चैत्य शब्द का प्रयोग किया गया है
महात्मा बुध की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों को जिन स्थानों पर रखा गया भाई स्थान समाधि स्थल कहलाया और इन्हीं समाधि स्थलों के स्तूप का गया
स्तूप का सबसे पवित्र भाग हर्मिका का कहलाता है
मोहनजोदड़ो से प्राप्त अन्य साक्ष्य
स्नानागार
स्नानागार धार्मिक अनुष्ठान के लिए प्रयोग में लिया जाता था स्नानागार के फर्श में पक्की ईंटों का प्रयोग किया गया है
मार्शल ने इस स्नानागार के लिए कहा है कि यह मोहनजोदड़ो का एक आश्चर्यजनक निर्माण है
2 अन्नागार
मार्टिमर वहिलान ने मोहनजोदड़ो से प्राप्त नगर को मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत कहां है
3 सभाभवन
4 पुरोहित आवास