वन्यजीव दिवस 2021 और वन्यजीव दिवस की थीम क्या है इसके बारे में विस्तार से बताया गया गया है
वन्यजीव दिवस 2021 – दुनियाभर में लुप्त हो रही वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस यानी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाता है। इस खास दिवस पर दुनियाभर की सरकारें वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई तरह के जागरूकता अभियान आोजित करती हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल अलग-अलग थीम से इस खास दिवस को मनाता है।
वन्यजीव दिवस 2021 के बारे में विस्तार से
संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा इस साल विश्व वन्यजीव दिवस की थीम ‘वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को बनाए रखना’ है।बता दें कि पिछले साल 2020 में विश्व वन्यजीव दिवस की थीम ‘पृथ्वी पर जीवन कायम रखना’ रखी गई थी।
वहीं इससे पहले साल 2019 में ‘पानी के नीचे जीवन: लोगों और ग्रह के लिए’ की थीम पर वाइल्डलाइफ डे का आयोजन हुआ था।
विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास
20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र में 3 मार्च के दिन को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। विश्व वन्यजीव दिवस वन्यजीवों को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक वार्षिक घटनाओं में से एक बन गया है। हमें इस दिवस की महत्ता को गहराई से समझने की आवश्यकता है। अगर हम नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब ये वन्यजीव प्रजातियां पूरी तरह से विलुप्त हो जाएंगी।
विश्व वन्यजीव दिवस कब मनाया जाता है ?
विश्व में हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day 2021) मनाया जाता है . इसका मनाने का उद्देश्य दुनिया के वन्यजीवों एवं वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है ।
विश्व वन्यजीव दिवस क्यों मनाया जाता है ?
विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में वन्यजीवों की सुरक्षा तथा वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है ।
विश्व वन्यजीव दिवस कब से मनाया जाता है ?
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 3 मार्च से विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा की थी .
विश्व वन्यजीव दिवस 2021 की थीम
“Forest and livelihoods : sustaining people and plant” है ।
“वन और जीविका : लोग और ग्रह को बनाए रखना” है ।
कैसे हुई इस खास दिवस की शुरुआत?
दुनियाभर से लुप्त हो रहे जंगली फल-फूलों के अंतरराष्ट्रीय ट्रेड को प्रतिबंधित करने के लिए 3 मार्च 1973 को यूनाइटेड नेशंस के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए थे।
इस खास दिन की याद में 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 63वें सत्र में तय हुआ कि हर साल 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे मनाया जाएगा।
3 मार्च 2014 को पहला विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया।
आपको बता दें कि पशुओं और पौधों की करीब 10 लाख से भी अधिक प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं।
इस पर नजर रखने वाली संस्था IPBES के मुताबिक, इंसानों के इतिहास में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं बनी है।
आपको बता दें कि पशुओं और पौधों की करीब 10 लाख से भी अधिक प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं।
इस पर नजर रखने वाली संस्था IPBES के मुताबिक, इंसानों के इतिहास में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं बनी है।
अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक, 6 करोड़ वर्ष पहले जब इंसान नहीं थे, तब के मुकाबले आज 1,000 गुना ज्यादा तेजी से प्रजातियों की संख्या घट रही है।
इस रिपोर्ट का कहना है कि फिलहाल जो कुछ भी रह गया है, उसे बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ताजे पानी में रहने वाले जानवरों की नस्लों में सबसे तेजी से कमी हुई है।
साल 1974 से लेकर 2018 के बीच करीब 84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
संक्षेप में :- इस लेख के माध्यम से वन्य जीव दिवस और वन्यजीव दिवस की थीम क्या थी इसके बारे में जाना यदि यह लेख आपको अच्छा लगा है तो इसे अपने साथी के साथ शेयर करें !