वैदिक सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था
रिग वैदिक कालीन राजनीतिक जीवन कबीलाई पद्धति पर आधारित तथा
इस समय प्रमुख रूप से पांच काबिले ते जिन्हें पंचजन्य कहा गया है जो निम्नलिखित हैं
1 अनु
2 धुह
3 यदु
4 तुर्वस
5 पुरू
राजनीतिक इकाई
1 परिवार
2 ग्राम
3 जन
4 जनपद
5 महाजनपद
6 साम्राज्य
कबीले के प्रमुख को जन्नस्य गोप कहा गया है जन्नस्य गोप युद्ध का स्वामी होता था
इस समय राजा पर नियंत्रण रखने के लिए सभा समिति विधत गण जैसी राजनीतिक इकाइयां मौजूद थी
नाम ऋग्वेद में उल्लेख
इंद्र 250
अग्नि। 200
गाय 176
सभा। 8
समिति। 9
गंगा 1
यमुना। 3
बलि
यह रिग वैदिक कालीन धार्मिक कर था जोकि जनसाधारण के द्वारा स्वेच्छा से राजा को दिया जाता था
उत्तर वैदिक काल में यह एक नियमित कर हो गया
दसराग्य युद्ध
ऋग्वेद के सातवें मंडल से इस युद्ध की जानकारी मिलती है परूश्नी नदी के किनारे लड़े गए
इस युद्ध में भारतवंशी राजा सुधांश की विजय हुई थी
प्रमुख अधिकारी
1 purohit
यह राजा का मित्र अध्यापक दार्शनिक में प्रधानमंत्री होता था
2 सेनानी
यह सेना प्रमुख होता था
3 ग्रामीणी
ग्रामीणी अधिकारी होता था
4 शुत
रथ चलाने वाला
5 पूरप
दुर्ग से संबंधित अधिकारी
6 स्पेस
गुप्तचर विभाग से संबंधित अधिकारी
7 कर्मरा
धातु कार्य से संबंधित अधिकारी
सामाजिक न्याय
रिग वैदिक काल में राजा न्याय का प्रमुख होता था
छोटे स्तर पर होने वाले विवादों का निपटारा मध्यस्थ के द्वारा किया जाता था
रिग वैदिक काल में गाय को सबसे प्रमुख वस्तु माना गया है
पुलिस कर्मचारियों के लिए उम्र व न्यायाधीश के लिए प्रश्न विनायक शब्द का प्रयोग किया गया है
अपराधियों के लिए जीवगर्व शब्द का प्रयोग किया गया है
सामाजिक व्यवस्था
रिग वैदिक कालीन समाज पितृसत्तात्मक थे परिवार के मुखिया को ग्रहपति कहा जाता था
संयुक्त परिवार की प्रथा मौजूद थी विवाह को एक संस्कार माना गय
विवाह के प्रकार
अनुलोम प्रतिलोम दोनों होते थे
स्त्रियों की स्थिति
रिग वैदिक काल में परिवार के सभीरिग वैदिक काल में परिवार के सभी सदस्य एक साथ निवास करते थे
जिन्हें सम्मिलित रूप से नरपत कहा
1 कन्याओं का उपनयन संस्कार होता था
2 महिलाओं को शिक्षा दी जाती थी
3 बाल विवाह में पर्दा प्रथा का प्रचलन नहीं था
4 अंतरजातीय विवाह विनियोग प्रथा का प्रचलन था
5 महिलाओं को राजनीति में भाग लेने का अधिकार था
अमाजू
आजीवन अविवाहित रहने वाली महिलाओं को अमाजु कहा जाता था
व्हतू
विवाह के अवसर पर कन्या को दिया जाने वाला उपहार
वस्त्र
1 निवी
कमर के नीचे पहनने जाने वाला वस्त्र
2 वास
शरीर के ऊपरी भाग में पहनने जाने वाला वस्त्र
3अधिवास
यह भी शरीर के ऊपरी भाग में पहने जाने वाले वस्त्र
4 उसनि
पगड़ी
चमड़े को भी वस्त्र के रूप में प्रयोग लिया जाता था
5 आभूषण
स्त्री व पुरुष दोनों आभूषणों का प्रयोग करते थे
सोने के आभूषणों के लिए निष्क शब्द का प्रयोग किया गया है
मनोरंजन
1 रथ दौड़,
2 पासा पशु
3 पक्षियों की लड़ाई
कृषि व्यवस्था
कृषि कार्य के लिए चर्सिनी शब्द का प्रयोग किया गया है
ऋग्वेद के चौथे मंडल से कृषि के बारे में जानकारी मिलती है
रिग वैदिक कालीन लोगों का प्राथमिक कार्य कृषि था इस काल में पशु पालन किया जाता था
गाय को प्रमुख पशु माना गया है और गाय के लिए अघन्य शब्द का प्रयोग किया गया है
जिस से तात्पर्य है न मारने योग्य
वैदिक सभ्यता की फोटो
दूसरा प्रमुख पशु घोड़ा था
क्षेत्र— इसका तात्पर्य जूता हुआ खेत
उर्वरा —उपजाऊ भूमि
पर्जन्य —बादल
लागल — हल
रिग वैदिक काल में कृषि कार्य अच्छी अवस्था में था खेती करने वालों की स्थिति उन्नत थी
खेती के अलावा शिल्प जैसे कार्य भी संपन्न किए जाते थे
गोबर की खाद को करिसू कहते थे
हाल से बनी नालियां सीता कहलाती थी
धार्मिक जीवन
रिग वैदिक कालीन लोग बहू देव आदि थे हालांकि इनके द्वारा एक देवता की भी पूजा की जाती थी
वैदिक सभ्यता