स्टुअर्ट पिग्गट ने हड़प्पा और मोहनजोदड़ो को सिंधु सभ्यता की जुड़वा राजधानी कहां है
वर्तमान पाकिस्तान के मोटगोमरी जिले में रावी नदी के किनारे सभ्यता का विकास हुआ
1826 में चार्ल्स मेशरन के द्वारा सर्वप्रथम इस स्थान के बारे में बताया गया
1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन बिछाते समय जॉन ब्रेटन व बिलियम ब्रेटन के द्वारा हड़प्पा से प्राप्त ईटों का प्रयोग किया गया
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक जॉन मार्शल के कहने पर 1921 में दयाराम साहनी के द्वारा यह खुदाई का कार्य करवाया गया
हड़प्पा से 2 किलो के साक्ष्य मिले हैं
पूर्वी व पश्चिमी टीला इन तीनों से अन्ना गार व अनाज कूटने के चबूतरे के साक्ष्य मिले हैं
पूर्वी टीले से श्रमिक आवास के भी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं
पूर्व टीले से ही एक कब्रिस्तान भी प्राप्त हुआ है
जिसे R 37 समाधि कहा गया है हड़प्पा सभ्यता व् लोथल सभ्यता
हड़प्पा से एक अन्य समाज भी प्राप्त हुई है जिसे H नाम दिया गया है
लोथल सभ्यता
• गुजरात में भोगवा नदी के किनारे
इस सभ्यता का विकास होगा
• 1954 में S. R. RAV के द्वारा लोथल की खोज की गई
• लोथल को लघु हड़प्पा
लघु मोहनजोदड़ो भी कहा जाता है
• लोथल(lothal) के पूर्वी भाग से बंदरगाह गोदिवाडा
व darkiyard के साक्ष्य मिले हैं
• lothal ki जल प्रबंधन व्यवस्था सबसे उत्तम मानी। गई है
• लोथल से ही 3 युगल समाधि ओके साक्ष्य मिले हैं जिसमें अनुमान लगाया गया कि
यहां सती प्रथा का प्रचलन रहा होगा
• लोथल से ही एक भारत की मुद्रा प्राप्त हुई है जिससे पता चलता है
कि सिंधु सभ्यता के लोग विदेशी व्यापार करते थे
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