राजस्थान राजनीतिक संगठन व समाचार पत्र
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गठित संगठन
मारवाड़ सेवा संघ 1920 )-
इसकी स्थापना चांदमल सुराणा ने की थी मारवाड़ सेवा संघ को सन् 1924 में जयनारायण व्यास ने पुनः जीवित किया और एक नई संस्था की स्थापना की जिसे‘‘मारवाड़ हितकारणी सभा’’ के नाम से जाना गया मारवाड़ हितकारणी सभा की स्थापना 1929 में हुई।
अखिल भारतीय देषी राज्य लोक परिषद (1927):-
इसकी स्थापना में मुख्य भूमिका जवाहरलाल नेहरू ने निभाई थी इसका प्रथम अधिवेषन मुम्बई में हुआ थाजिसकी अध्यक्षता रामचन्द्र राव ने की थी इसका उद्देष्य देषी रियासतों में शान्तिपूर्वंक तरीके से उत्तरदायी शासन की स्थापना करना था।
राजपुताना मध्य भारत सभा (1919):-
इसकी स्थापना आमेर में जमनालाल बजाज ने की थी इसमें मुख्य भूमिका अर्जुनलाल सेठी एवं विजयसिंह पथिक ने निभाई थी।
राजस्थान सेवा संघ (1919):-
इस संस्था को 1920 में अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया राजस्थान सेवा संघ में प्रमुख भूमिका अर्जुनलाल सेठी, विजयसिंह पथिक, केसरीसिंह बारहठ एवं राम नारायण चैधरी ने निभाई थी।
वनस्थली विद्यापीठ 1938
इसकी स्थापना हीरालाल शास्त्री द्वारा रतनलाल शास्त्री के साथ मिलकर की गई थी जीवन कुटीरयोजना को ही बाद में वनस्थली विद्यापीठ कहा गया था।
सभ्य सभा की स्थापना:- इसकी स्थापना गुरू गोविन्द गिरी ने आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए की थी।
वीर भारत समाज (1910):- इसकी स्थापना विजयसिंह पथिक ने की थी।
वीर भारत सभा (1910):- इसकी स्थापना केसरीसिंह बारहठ़ एवं गोपालदास खरवा ने की थी।
जैन वर्द्धमान विद्यालय (1907):- इसकी स्थापना अर्जुनलाल सेठी ने जयपुर में की थी।
वागड़ सेवा मंदिर एवं हरिजन सेवा समिति (1935):- इसकी स्थापना भोगीलाल पाण्ड्या ने की थी।
चरखा संघ (1927):- इसकी स्थापना जमनालाल बजाज ने जयपुर में की थी।
सस्ता साहित्य मण्डल (1925):- इसकी स्थापना हरिभाऊ उपाध्याय ने अजमेर के हुडी में की थी।
जीवन कुटीर (1927):- इसकी स्थापना हीरालाल शास्त्री द्वारा जयपुर में की गई थी। वर्तमान में यह निवाई (टोंक) में हैं।
सर्वहितकारिणी सभा (1907):- इसके संस्थापक कन्हैयालाल ढुढँ थें। सन् 1914 में गोपालदास (बीकानेर) ने इसे पुर्नजिवित किया था।
विद्या प्रचारिणी सभा (1914):- इसकी स्थापना विजयसिंह पथिक ने की थी।
नागरी प्रचारणी सभा (1934):- इसकी स्थापना ज्वालाप्रसाद ने धौलपुर में की थी।
नरेन्द्र मण्डल (1921):- देषी राज्यों के राजाओं द्वारा निर्मित मण्डल जिसके चांसलर बीकानरे के महाराजा गंगासिंह थे।
सेवासंघ (1938):- इसकी स्थापना भागीलाल पाण्ड्या ने डुंगरपुर में की थी।
स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान प्काषित होने वाले पत्र-पत्रिकाएँ व समाचार पत्र
राजस्थान केसरी 1920
यह एक साप्ताहिक पत्रिका थी, जिसकी शुरूआत विजयसिंह पथिक ने वर्धा में की थी इसके संपादक रामनारायण चैधरी थे। इस पत्रिका के लिए वित्तीय सहायता जमनालाल बजाज ने दीथी।
नवीन राजस्थान 1921
यह समाचार पत्र अजमेर से प्रकाषित होता थाइसकी शुरूआत विजयसिंह पथित ने की थी यही समाचार पत्र आगे चलकर तरूण राजस्थान समाचार पत्र के नाम से जाना गया
बिजौलिया किसान आंदोलन के समय पथिक ने नवीन राजस्थान और राजस्थान केसरी समाचारपत्रों का प्रयोग आंदोलन प्रचार के लिए किया था।
नवज्योति 1936
यह अजमेर से प्रकाषित होने वाला साप्ताहिक पत्र थाइसकी स्थापना रामनारायण चैधरी ने की थी इसकी बागड़ोर दुर्गाप्रसाद चैधरी ने संभाली थी।
राजस्थान समाचार 1889
यह अजमेर से प्रकाषित होता थाइसके संस्थापक मुंषी समर्थानन थें यह प्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र था।
राजपूताना गजट
समाचार पत्र राजपूताना गजट
यह अजमेर से प्रकाषित होता था। इसके संस्थापक मौलवी मुराद अली थे।
Akhand Bharat ( अखण्ड भारत ) –
यह मुम्बई से प्राषित होता था। इसे संस्थाप जयनारायण व्यास थंे।
Lokwani ( लोकवाणी )-
यह जयपुर से प्रकाषित होता थाइसके संस्थापक पंडित देवीषंकर थे यह पत्र जमनालाल बजाज की स्मृति में प्रकाषित किया गया था
सज्जन कीर्ति सुधाकर:- यह मेवाड़ से प्रकाषित होता था।
राजस्थान टाइम्स:- यह जयपुर से अंग्रेजी में प्रकाषित समाचार पत्र था।
प्रताप:- यह कानपुर से प्रकाषित होता था। इसके संस्थापक पथिकजी और गणेष शंकर विद्यार्थी थे।
देरा हितैषी:- यह समाचार पत्र अजमेर से प्रकाषित होता था।
आगी बाण (1932):- यह ब्यावर से प्रकाषित होता था। इसके संस्थापक जयनारायण व्यास थें।
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