वैदिक वेद से बना है जिसका अर्थ है ज्ञान वेद को अपोरुस्य कहा जाता है
क्योंकि ऐसा माना जाता है कि वेदों की रचना मानव के द्वारा नहीं की गई है
वैदिक सभ्यता के निवासी आर्य के लाए आर्य शब्द से तात्पर्य है श्रेष्ठ अभी जाते और कुलीन
आर्य जाति का सूचक नहीं है आर्यों की भाषा संस्कृति आर्यों को लिपि का ज्ञान नहीं था
आर्यों ने सुनकर अपने ज्ञान को आगे बढ़ाया इसलिए वैदिक साहित्य को श्रुति साहित्य भी कहा जाता है
बोगाज़कोई अभिलेख (1400) BC
वर्तमान तुर्की से प्राप्त इस अभिलेख से रिग वैदिक कालीन 4 देवताओं के नामों का उल्लेख मिलता है
1 इंद्र
2 मित्र
3 वरुण
4 नासत्य
आर्यों का मूल निवास स्थान
विद्वान मत
1 गंगानाथ झा ब्रहम ऋषि देश
2 तिलक उत्तरी ध्रुव इन्होंने अपनी पुस्तक द आर्कटिक होम ऑफ द आर्यन मैं बताया है
3 दयानंद सरस्वती तिब्बत (सत्यार्थ प्रकाश)
4 मैक्स मुलर। मध्य एशिया
आर्यों का भौगोलिक क्षेत्र
यह सप्त सिंधु प्रदेश में रहते थे यह निम्नलिखित नदियों के पास में रहते थे
1 सिंधु
2सरस्वती
3 रावी (परुस्नी)
4चिनाब (असिकिनी)
5 जेलम (विस्तास)
6 सतलज (शतुद्री)
7 व्यास (बिपाशा)
सिंधु रिग वैदिक कालीन प्रमुख नदी थी जबकि सरस्वती को सबसे पवित्र नदी माना गया है
सरस्वती के लिए नदीतमा शब्द का प्रयोग किया गया है
वैदिक सभ्यता की फोटो
वैदिक साहित्य चार प्रकार के है
1 वेद चार हैं जो निम्नलिखित हैं
ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अर्थ वेद
2 ब्राह्मण ग्रंथ
वेदों को समझाने के लिए रचना
3 आरण्यक ग्रंथ
जंगल में लिखे गए ग्रंथ
4 उपनिषद या वेदांत
ब्रह्मा व आत्मा के चर्चा
1 ऋग्वेद – 1500-1000BC
रचना क्षेत्र- सप्त सेंधव प्रदेश
1028 सूक्त (अच्छी उक्ति)
भाग 10
तीसरा भाग में गायत्री मंत्र है
चौथा भाग में कृषि से संबंधित जानकारी है
सातवां भाग में दसराज्ञा युद्ध की जानकारी मिलती है
नवभाग में सोम को समर्पित है
दसवां भाग में पुरुष सूक्त चार वर्णों की उत्पत्ति मिलती है जो निम्नलिखित हैं ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र
ऋग्वेद का पुरोहित होत्र होता कहलाता है
2 सामवेद
सामवेद को संगीत का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है सामवेद का पुरोहित उदगाता कहलाता है
3 यजुर्वेद
यज्ञ की विधियों का उल्लेख मिलता है
यजुर्वेद का पुरोहित अदर्वेयू कहलाता है
http://ब्राह्मण ग्रंथ शतपथ
4 अर्थववेद
जादू टोने से संबंधित
पुरोहित ब्रह्मा
ब्राह्मण ग्रन्थ गोपथ
वेदाग 6 होते है
1 शिक्षा
2 निरुक्त
3 कल्प
4 छंद
5 ज्योतिषी
6 व्याकरण