अशोक के स्तंभ लेख
- अशोक के स्तंभ लेख उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के चुनार नामक स्थान पर बलुआ पत्थर से निर्मित इन पत्थर को साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगवाया गया !
- संभवत अशोक को अभिलेख लिखवाने की प्रेरणा ईरान के शासक डेरियस या दारा सिंह परंतु दोनों के स्तंभों में पर्याप्त अंतर नजर आता है !
डेरियस
- इसके स्तंभों को अलग अलग तराश कर जोड़ा गया है !
- नीचे से ऊपर तक एक समान है !
- यह गड़ारीदर स्तंभ है !
- चौकियों पर निर्मित है !
- महलों में स्थित व शीर्ष पर पूर्वजों की मूर्ति स्थित है
- उल्टे कमल के नीचे बने हुए हैं !
- लेख विहीन व पॉलिसी विहिन है !
अशोक के स्तंभ
- इसके स्तंभों को एकात्मक अर्थात एक ही पत्थर को काटकर तराशे गए हैं !
- नीचे से ऊपर तक पतले होते हैं !
- यह सपाट बने हुए हैं !
- धरातल पर खड़े हुए हैं !
- खुले में स्थित वह शीर्ष पर पशुओं की मूर्ति बनी हुई है !
- उल्टे कमल के शीर्ष पर बने हुए हैं !
- लेख युक्त व पॉलिश युक्त हैं !
- अशोक के स्तंभों को इतनी चमकदार पॉलिश की गई है आज भी इनकी चमक फीकी नहीं है !
- इस पॉलिश के लिए विंसेट अर्थ स्मिथ में लिखा है की इतने विकसित होने पर भी अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए हम इस पॉलिश करने की कला को विलुप्त मान लेते हैं !
स्तंभ लेख के भाग:- स्तंभ लेखों को भी दो भागों में बांटा गया है !
- वृहद स्तंभ लेख
- लघु स्तंभ लेख
1. वृहद स्तंभ लेख
- यह 6 स्थानों से प्राप्त हुए हैं
- जो कि निम्नानुसार है
- यह मेरठ मैं था फिरोजशाह तुगलक ने इसे लाकर कुशक-ए -शिकार या शिकार महल मैं लगवाया
- मुगल शासक के समय बारूद खाने में विस्फोट के कारण यह क्षतिग्रस्त हो गया था !
- अतः 1867 मैं इसे पुन मुद्रित करवाया गया
1. दिल्ली-मेरठ स्तंभ लेख
2. दिल्ली-टोपरा स्तंभ लेख
- यह हरियाणा के अंबाला जिले के अंबाला गांव में स्थित था !
- इसे भी फिरोज शाह तुगलक ने दिल्ली लाकर अपने महल में लगवाया इसे मीरान- ए-जरीन (स्वर्ण मनार) भीमलात सुनहरी लाट, या शिवालिक लाट भी कहा जाता है !
- इस पर अजमेर के चौहान शासक विग्रहराज चतुर्थ का भी लेख लिखा हुआ है !
- शम्स -ए-सिराज अफीम की पुस्तक तारीख-ए-फिरोज साईं मैं लिखा गया है कि यह स्तंभ फिरोजशाह के द्वारा दिल्ली लाई गई !
- मोहम्मद हामिद कुरेशी की पुस्तक सीरत-ए-फिरोजशा ही मैं उस नाव का चित्र बना हां जिस नाव से यह स्तंभ दिल्ली लाए गए !
3 लौरिया नंदनगढ़ (बिहार)
- यह सबसे सुरक्षित व सुंदर स्तंभ है इस पर मुगल शासक औरंगजेब रिबून बॉर्न नामक अंग्रेज अधिकारी का भी लेख लिखा गया है1792 ईसवी का भी लेख लिखा गया है !
- इसके शीर्ष पर सिंह की आकृति वह हंस को मोती चुगते हुए दिखाया गया है !
4. अरेराज (बिहार)
5. रामपुरवा (बिहार)
6. प्रयाग/कौशांबी (उत्तर प्रदेश)
- अशोक ने इसे कौशांबी में लगवाया परंतु अकबर ने इसे लाकर इलाहाबाद दुर्ग में लगवा दिया !
- इस पर सम समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति तथा जहांगीर बीरबल का लेख भी लिखा हुआ है !
- प्रत्येक स्थान के स्तंभ पर 6 लेख लिखें हुए हैं तथा एक समान है केवल दिल्ली टोपरा वाले में अलग से सातवा लेख लिखा गया है !
2. लघु स्तंभ लेख
- लघु स्तंभ लेख निम्न प्रकार से हैं
- रमनदेई (नेपाल)
- शासक के 20 वर्ष में मैंने लुंबिनी की यात्रा की वह बुद्ध की जन्मस्थली होने के कारण है धार्मिक कर (बली) को समाप्त कर दिया वह भू राजस्व कर का भाग 2/6 से घटाकर 1/8 कर दिया !
- यह अशोक का सबसे छोटा अभिलेख है तथा इसके शीर्ष पर घोड़े की आकृति बनी हुई है !
2. निग्लिवसगर (नेपाल)
- शासन के 14 वर्ष कनक मुनि के स्तूप का का आकार दुगना कर दिया गया !
- कनक मुनि पौराणिक के बुद्ध को कहते हैं !
3. सांची का लघु स्तंभ (मध्य प्रदेश), सारनाथ का लघु स्तंभ (उत्तर प्रदेश), कौशांबी का लघु स्तंभ (उत्तर प्रदेश)
- इनसे जो लघु स्तंभ मिले उनमें अशोक ने चेतावनी दी है अगर किसी ने संघ में फूट डालने का प्रयास किया तो उसे श्वेत वस्त्र पहनाकर संघ से निष्कासित कर दिया जाएगा
- प्रयाग/कौशांबी के स्तंभ में अशोक की पत्नी कारू वाकी व उसके पुत्र तीवर के नाम का उल्लेख है !
- इसमें कारू वाकी के द्वारा दान दिए जाने का उल्लेख है इसे रानी का अभिलेख कहते हैं !
नेपाल में स्तंभ लेख http://अशोक के स्तंभ लेख
अशोक के लेख वीहीन स्तंभ
- अशोक के कुछ ऐसे ही स्तंभ भी हैं जोकि लेख वीहीन
- सांची स्तंभ (मध्य प्रदेश) – चार सिंह
- वैशाली स्तंभ (बिहार) -एक सिंह
- संकिसा स्तंभ (उत्तर प्रदेश) – हाथी
- रामपुरवा स्तंभ (बिहार) – वृषभ
- सारनाथ स्तंभ (उत्तर प्रदेश) – चार सिंह
- लेकिन सबसे प्रसिद्ध सारनाथ का स्तंभ है जिस पर चार सिंह पीठ सटा कर बैठे हुए हैं और इनको मुंडक उपनिषद से लिया गया है !
- भारत का राष्ट्रीय वाक्य सत्यमेव जयते लिखा हुआ है !
- इसकी चौकी में स्थिति गोल चक्कर हैं वह 32 तिलिया है !
- ऊपर की चारों दिशाओं में बड़े चक्रों में 24 तिलिया है जिनमें 4 पशुओं को गतिमान अवस्था में दर्शाया गया है ! 1. हाथी 2. वृषभ 3. अशव 4. सिंह
- फुशो ने इनका संबंध महात्मा बुध से स्थापित किया है !
- हाथी – गर्भाधान (Buddh)
- वृषभ – बुद्ध की राशि/धर्म चक्र प्रवर्तन
- सिंह – बुद्ध के पराक्रम या शाक्य कुल के राजकीय प्रतीक बताया गया है !
- अस्व- गृह त्याग http://Jay
- ब्लॉख ने इनका संबंध हिंदू लोक देवी देवताओं से संबंध स्थापित किया है जो कि निम्न प्रकार से है !
- हाथी – इंद्र
- अस्व – सूर्य
- वृषभ – शिव
- सिंह – दुर्गा