राजस्थान का एकीकरण (Rajasthan ka Ekikaran) राजस्थान का एकीकरण की शुरुआत 18 मार्च 1948 ईसवी से शुरू हुआ जो 1 नवंबर 1956 ईस्वी को समाप्त हुआ। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूरा हुआ। इसको पूरा होने में 8 वर्ष 7 महीना 14 दिन का समय लगा। उस समय राजस्थान में 19 रियासत व 3 ठिकाने और 1 केंद्र शासित प्रदेश था। 3 ठिकाने:- 1. नीमराणा (अलवर) 2. लावा (टोंक) 3. कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) केंद्र शासित प्रदेश:- 1 (अजमेर मेरवाड़ा) राजस्थान में एकीकरण का श्रेय सरदार बल्लभ भाई पटेल को दिया जाता है। राजस्थान का एकीकरण से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य (Rajasthan…
Author: NARESH BHABLA
वायुमंडल विभिन्न प्रकार के गैसों का मिश्रण है वायु पृथ्वी के द्रव्यमान का अभिन्न भाग है तथा इसके कुल द्रव्यमान का 99% पृथ्वी की सतह से 32 किलोमीटर की ऊंचाई तक है वायु रंगीन तथा गंधहीन होती है तथा जब यह पवन की तरह बहती है तभी हम इसे महसूस कर सकते हैं वैज्ञानिक के अनुसार शुरूआत मे पृथ्वी से हिलियम व हाइड्रोजन जैसी बहुत ही हल्की गैसो के अलग हो जाने से वायुमंडल का निर्माण हुआ होगा जलवायु शास्त्र के वैज्ञानिक क्रिचफिल्ड के अनुसार वर्तमान वायुमंडल 50 करोड़ पुराना हे वायुमंडल का संगठन वायुमंडल में जलवाष्प और धूल कणों से…
TRP ( television rating point )TRP KYA hai :- अक्सर सभी लोग घर में टीवी देखते होंगे। टीवी के माध्यम से देश विदेश में हुई घटना आदि के बारे में जानने को मिलता है। टीवी चैनलों के कई कैटेगरी होती है जैसे :- स्पोर्ट्स चैनल, मूवी चैनल, न्यूज़ चैनल, किड्स चैनल, एंटरटेनमेंट चैनल इत्यादि। सब दर्शक अपने पसंद के अनुसार चैनलों को देखते हैं। तब आपने अक्सर सुना होगा की इस चैनल की टीआरपी ( TRP ) बढ़ गई या कम हो गई। आज हम इसी लेख के माध्यम से जानेंगे टीआरपी क्या है, TRP kya hai, टीआरपी का मतलब…
लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण से तात्पर्य लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का अर्थ है कि शासन-सत्ता को एक स्थान पर केंद्रित करने के बजाय उसे स्थानीय स्तरों पर विभाजित किया जाए, ताकि आम आदमी की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित हो सके और वह अपने हितों व आवश्यकताओं के अनुरूप शासन-संचालन में अपना योगदान दे सके। लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण भारत में स्वायत शासन का उल्लेख सबसे पहले प्राचीन भारत में मौर्यकाल एवं पुन: पुरात्तवीय प्रमाण के चोल काल में उत्तरमेरू अभिलेख (परांतक प्रथम 919 से 921 ई0 के) में मिलता है आधुनिक भारत में प्रथम भारत सरकार के एक प्रस्ताव से 1864 में मिलता है जिसमें स्थानीय…
इतिहास अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर शीत-युद्ध का प्रभाव द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। … किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। शीत युद्ध का इतिहास,उत्पत्ति के कारण, और राजनीतिक प्रभाव शीतयुद्ध नामक शब्द का प्रयोग ‘बर्नार्ड बारूच’ ने किया, जिसे वॉल्टर लिपमैन’ ने लोकप्रिय बनाया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दो महाशक्तियों अमेरिका और सोवियत संघ का उदय हुआ। इन दोनों महाशक्तियों के आपसी सम्बन्धो…
बलात्कार के अपराध के संबंध में पूर्व के आलेख में बलात्कार के अपराध की परिभाषा प्रस्तुत की गई थी। इस आलेख में बलात्कार के संबंध में भारतीय दंड संहिता 376 में दंड के उपबंध पर चर्चा की जा रही है। बलात्कार भारतीय दंड संहिता 376 ऐसा अपराध है जिस पर अत्यंत विस्तृत उपबंध दंड संहिता के अंतर्गत किए गए हैं, जितनी विस्तृत इस अपराध की परिभाषा को रखा गया है, उतना ही विस्तृत अपराध के अधीन दंड दिए जाने का उपबंध किया गया है। भारतीय दंड संहिता 376 | Indian Penal Code 376 यह ऐसा विशेष अपराध है, जिस अपराध के घटित…
संप्रभुता की विशेषताएं या लक्षण (samprabhuta ki visheshtaen yah Lakshan ) इस लेख के माध्यम से संप्रभुता की विशेषताओं के बारे में जानेंगे इसलिए अंत तक आपको संप्रभुता की विशेषताओं को ध्यान से पढ़ना है यह टॉपिक एग्जाम की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है ! संप्रभुता की विशेषताएं या लक्षण (Samprabhuta ki Visheshta) संप्रभुता की विशेषताएं या लक्षण निम्न प्रकार से :- 1. असीमता सम्प्रभुता का पहला और अंतिम लक्षण उसका सर्वोच्च और असीम होना है। राज्य की संप्रभुता निरंकुश और असीम होती है। इसका तात्पर्य यह है कि वह विधि के द्वारा भी सीमित नही की जा सकती…
इस लेख के माध्यम से NATO क्या है ?,कैसे हुई नाटो की स्थापना ?, नाटो की स्थापना क्यों की गई?, नाटो के कितने सदस्य हैं?,नाटो के गठन के उद्देश्य,नाटो की संरचना,क्या रूस नाटो का सदस्य है?, आदि इन तमाम मुद्दों पर इस लेख में आपको पूरी जानकारी दी जाएगी ! NATO क्या है ? | कैसे हुई नाटो की स्थापना ? जब विश्व युद्ध (World War) की समाप्ती हुई तो दुनिया के बहुत सारे देशों को गहरा जान और माल का नुक्सान झेलना पड़ा। ऐसे में सभी देश चिंतित थे कि ऐसी कोई घटना फिर कभी ना हो। इसी समस्या…
आज १४ अप्रैल २०२१ को १३० वी जयंती मनाई जा रही है। इस वर्ष कुल 102 देशों में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती को मनाया गया था। … डॉ भीमराव अंबेडकर को बाबा साहेब नाम से भी जाना जाता है। डॉ भीमराव अंबेडकर जी उनमें से एक है जिन्होंने भारत के संविधान को बनाने में अपना अहम योगदान दिया था। डॉ भीमराव अंबेडकर भीमराव रामजी आंबेडकर का जन्म 14अप्रैल 1891 को इंदौर के पास महू छावनी में महार जाति में हुआ उनके बचपन का नाम भीम सकपाल था। आंबेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उपनाम- बड़ौदा के गायकवाड राजा की स्कॉलरशिप पर…
चंद्रगुप्त मौर्य के समय से ही मौर्यों की सत्ता इस क्षेत्र में फैल गई। कोटा जिले के कणसावा गांव से मिले शिलालेख से यह पता चलता है कि वहां मौर्य वंश के राजा धवल का राज्य था बैराठ से अशोक के दो अभिलेख मिले हैं मौर्य काल में राजस्थान सिंध, गुजरात तथा कोकण का क्षेत्र अपर जनपद अथवा पश्चिमी जनपद कहलाता था अशोक का बैराठ का शिलालेख तथा उसके उतराधिकारी कुणाल के पुत्र सम्प्रति द्वारा बनवाये गये मन्दिर मौर्यों के प्रभाव की पुष्टि करते हैं कुमारपाल प्रबंध अन्य जैन ग्रंथ से अनुमानित है कि चित्तौड़ का किला व चित्रांग तालाब…