रैयतवाड़ी व्यवस्था ब्रिटिश कंपनी स्थायी बंदोबस्त के पश्चात, ब्रिटिश सरकार ने भू-राजस्व की एक नयी पद्धति अपनायी, जिसे रैयतवाड़ी बंदोबस्त कहा जाता है। मद्रास के तत्कालीन गवर्नर (1820-27) टॉमस मुनरो द्वारा 1820 में प्रारंभ की गयी इस व्यवस्था को मद्रास, बम्बई एवं असम के कुछ भागों लागू किया गया। बम्बई में इस व्यवस्था को लागू करने में बंबई के तत्कालीन गवर्नर (1819-27) एल्फिन्सटन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। भू-राजस्व की इस व्यवस्था में सरकार ने रैयतों अर्थात किसानों से सीधा बंदोबस्त किया। अब रैयतों को भूमि के मालिकाना हक तथा कब्जादारी अधिकार दे दिये गये तथा वे सीधे या व्यक्तिगत रूप…
Author: NARESH BHABLA
ब्रिटिश कंपनी की शासन नीतियां ब्रिटिश कंपनी अंग्रेजों की भू राजस्व नीतियां अंग्रेजों के आगमन से पूर्व भारत में जो परम्परागत भूमि व्यवस्था कायम थी उसमें भूमि पर किसानों का अधिकार था तथा फसल का एक भाग सरकार को दे दिया जाता था। 1765 में इलाहाबाद की संधि के द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी प्राप्त कर ली। यद्यपि 1771 तक ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारत में प्रचलित पुरानी भू-राजस्व व्यवस्था को ही जारी रखा किंतु कम्पनी ने भू-राजस्व की दरों में वृद्धि कर दी। धीरे-धीरे कम्पनी के खर्चे में वृद्धि होने लगी, जिसकी भरपाई के लिये…
बहमनी_एवं विजयनगर साम्राज्य बहमनी_साम्राज्य बहमनी_राज्य की स्थापना दक्षिण भारत में मुहम्मद तुगलक के खिलाफ विद्रोह से हुई । 1347 ई. में हसन गंगु, अलाउद्दीन बहमनशाह के नाम से गद्दी पर बैठा और दक्षिण में मुस्लिम राज्य की नींव रखी । यह मुस्लिम राज्य भारत में बहमनी राज्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ । बहमनी_राज्य के_शासक अलाउद्दीन हसन बहमन शाह (1347-1358 ई.)- मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में 1347 ई. में सरदारों ने हसन गंगु को अबल मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमन शाह के नाम से सुल्तान घोषित किया। गुलबर्गा में अपनी राजधानी स्थापित की और उसका नाम अहसनाबाद रखा । इसकी राजभासा मराठी थी।…
मुगल साम्राज्य बाबर हुमायूँ मुगल शब्द ग्रीक शब्द डवदह से बना है जिसका अर्थ है बहादुर, मुगल शासक पादशाह की उपाधि धारण करते थे। पाद का अर्थ है मूल और शाह का अर्थ है स्वामी अर्थात ऐसा शक्तिशाली राजा अथवा स्वामी जिसे अन्य कोई अपदस्थ नही कर सकता। मुगल राज्य का संस्थापक यद्यपि _बाबर माना जाता है परन्तु इसका वास्तविक संस्थापक वस्तुतः अकबर था। मुग़ल साम्राज्य की शुरुवात 1526 में हुयी, जिसने 18 शताब्दी के शुरुवात तक भारतीय उप महाद्वीप में राज्य किया था।जो 19 वी शताब्दी के मध्य तक लगभग समाप्त हो गया था। मुग़ल साम्राज्य तुर्क-मंगोल पीढी के तैनुर वंशी…
मुगल काल-अकबर अकबर अकबर मुगल वास्तुकला का वास्तविक जन्मदाता था। इसके निर्माण में अधिकतर लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग हुआ है। जन्मः- 15 अक्टूबर 1542 को अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में ।माँ का नाम:– हमीदा बानो बेगम (सिन्ध के पास)1551 में 9 वर्ष की अवस्था में गजनी की सूबेदारी मिली।राज्याभिषेक:- कलानौर (पंजाब) 14 फरवरी 1556 कोसंरक्षक:- बैरम खाँ बैरम खाँ:- यह सिया मतावलम्बी था तथा अकबर के समय वकील के पद पर था। अकबर का संरक्षक भी यह था। हेमू:- यह सूर शासक आदिल शाह का प्रधानमंत्री था जो वैश्य जाति का था। 24 युद्धों में से 22 को जीतने…
मुग़ल वंश- शाहजहाँ शाहजहाँ जन्म:-1592 लाहौर मेंमाँ का नाम:-जगत गोसाईंविवाह:-1612 ई0 में आसफ खाँ की पुत्री अरजुमन्द बानो बेगम उर्फ मुमताज महल से। यह नूरजहाँ की भतीजी थी। मुमताज महल की उपाधि मलिका-ए-जमानी। दक्षिण अभियान की सफलता के बाद 1617 में खुर्रम को शाहजहाँ की उपाधि प्रदान की गई। शाहजहाँ का राज्याभिषेक 1628 ई0 में आगरा में। राज्याभिषेक के बाद ’’अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद शाहिब किस ए सानी’’ की उपाधि धारण की। Shah Jahan Major Revolt ( शाहजहाँ प्रमुख विद्रोह ) शाहजहाँ के समय के प्रमुख विद्रोह निम्नलिखित हैं- 1. बुन्देल खण्ड का विद्रोह (1628-36):- इस विद्रोह का नेतृत्व जूझार सिंह बुन्देला ने किया। औरंगजेब…
जहाँगीर (1605-27) जहाँगीर जन्म:-फतेहपुर सीकरी में स्थित शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में।माँ का नाम:-जोधा बाईगुरु का नाम:-अब्दुल रहीम खान- खानाबचपन:-सलीम ( अकबर इसे शेखू बाबा कहकर पुकारता था )विवाह:- आमेर के राजा भगवानदास की पुत्री मानबाई से इससे पुत्र खुसरो उत्पन्न हुआ। मानबाई की मृत्यु अफीम खाने से हुई।अन्य विवाह:– मारवाड़ के राजा उदयसिंह की पुत्री जगत गोसाई से, इसी से शाहजहाँ उत्पन्न हुआ।शाही-ए-जमाल इससे परवेज उत्पन्न हुआ। अन्य पुत्र शहरयार एक रखैल से उत्पन्न पुत्र था। जहाँगीर पुत्र खुसरो:- इसे अर्जुनदेव का समर्थन प्राप्त था।परवेज:- इसे महावत खाँ का समर्थन था।खुर्रम:- इसे जहाँगीर का समर्थन था।शहरयार:- इसे नूरजहाँ…
औरगंजेब और अन्य मुगल शासक औरंगजेब औरंगजेब का जन्म 1618 ई. में उज्जैन के निकट ‘ दोहद ‘नामक स्थान पर मुमताज महल के गर्भ से हुआ था । लेकिन औरंगजेब का अधिकांश बचपन नूरजहाँ के पास बीता पिता- शाहजहां, माता- मुमताज महल औरंगजेब का विवाह फारस के राजघराने के शाहनवाज की पुत्री दिलरस बानो बेगम (राबिया- उद् -दोरानी )से हुआ था । औरंगजेब की पुत्री का नाम मेहरून्निसा था । औरंगजेब दक्षिण का सूबेदार दो बार नियुक्त हुआ थापहली बार -1636 -1644 ई. ।दूसरी बार -1652 -1657 ई. । वह गुजरात, मुल्तान व सिन्ध का गवर्नर भी रहा । औरंगजेब का पहला युद्ध ओरछा…
यूरोपीय कंपनियों का भारत मे आगमन 15वीं शताब्दी से लेकर 17वीं शताब्दी के बीच निम्नलिखित यूरोपीय कम्पनियाँ क्रमशः भारत आयी- पुर्तगीज, डच, अंग्रेज, डेनिश, फ्रांसीसी परन्तु इन कम्पनियों के स्थापना का क्रम थोड़ा सा भिन्न था। ये निम्नलिखित क्रम में स्थापित हुई- यूरोपीय कंपनियों पुर्तगीज-अंग्रेज-डच-डेनिश-फ्रांसीसी। पुर्तगीज सबसे पहले भारत पहुँचे, बाकी सभी कम्पनियाँ प्रारम्भ में भारत न आकर दक्षिण पूर्व एशिया की ओर गई युरोप और भारत के बीच समुद्री मार्ग की तलाश 1498 मे पुतर्गाली नाविक वास्कोडिगामा के द्रारा की गई। वास्कोडिगामा सर्वप्रथम भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर स्थिति कालीकट पहुँचा और वहाँ के शासक जमोरिन के द्रारा वास्कोडिगामा…
भारत में औपनिवेशिक_शासन औपनिवेशिक शासन औपनिवेशिक_अर्थव्यवस्था औपनिवेशिक_अर्थव्यवस्था से तात्पर्य है कि किसी दूसरे देश की अर्थव्यवस्था का उपयोग अपने हित के लिए प्रयोग करना। भारत में औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था की शुरुआत 1757 ई0 में प्लासी युद्ध से हुई, जो विभिन्न चरणों में अपने बदलते स्वरूप के साथ स्वतंत्रता प्राप्ति तक चलती रही। भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के बारे में सर्वप्रथम दादा भाई नौरोजी ने अपनी पुस्तक ’द पावर्टी एण्ड अन ब्रिटिश रूल इन इण्डिया’ में उल्लेख किया। इनके अलावा रजनी पाम दत्त, कार्ल माक्र्स, रमेश चन्द्र दत्त, वी.के.आर.वी राव आदि ने भी ब्रिटिश औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के बारे में अपने विचार…