Author: NARESH BHABLA

Types of Government Types of Government (सरकार के प्रकार) लोकतंत्र, अधिनायकतंत्र, संसदात्मक, अध्यक्षात्मक, एकात्मक एव संघात्मक 1. लोकतंत्र(Democracy) डेमोक्रेसी सब्द की उतपति ,ग्रीक भाषा के शब्द डेमोस ओर क्रेशिया से हुई है। डेमोस का अर्थ है, लोग तथा क्रेशिया का अर्थ ,शासन से है।अतः लोकतंत्र का आशय लोगो के शासन से है। अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने ‘गेटिसबर्ग’भाषण में लोकतंत्र को “जनता का शासन ,जनता के द्वारा,जनता के लिए “रूप में परिभाषित किया । लोकतंत्र की परिभाषा सिले के अनुसार,‘लोकतंत्र, ऐसी सरकार है, जिसमे सभी का हिस्सा होता है।’ब्राइस के अनुसार, ‘लोकतंत्र, लोगो का शासन है, जिसमे लोग संप्रभु इच्छा…

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Rajasthan Public Service Commission Rajasthan Public Service Commission (राजस्थान लोक सेवा आयोग) राजस्थान लोक सेवा आयोग(Rajasthan Public Service Commission) का एक इतिहास रहा है यू तो सर्वप्रथम 1923 में ली आयोग ने केन्द्र में एक लोक सेवा आयोग की सिफारिश की लेकिन उसमें राज्यों के लिए अलग से आयोग की कोई सिफारिश नहीं थी स्वतंत्रता के समय जयपुर, जोधपुर व बीकानेर जिलों में लोक सेवाओं की भर्ती संस्थाएं कार्यरत थीभारत शासन अधिनियम 1935 के प्रारूपानुसार वह संविधान के अनुच्छेद -315 के तहत अगस्त 1949 में जयपुर में आर.पी.एस.सी. की स्थापना की गई राजस्थान के तत्कालीन राजप्रमुख सवाई मान सिंह द्वितीय ने राजस्थान…

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legislative assemblies legislative assemblies (विधानसभा) राज्य विधायिका से सम्बंधित अनुच्छेद(अनुच्छेद 168- 213)  सामान्य अनुच्छेद अनू. 168- राज्यों में विधायिकाओं का गठनअनु. 169- राज्यों में विधान परिषदों का गठन अथवा उन्मूलनअनु. 170- विधान सभाओं का गठनअनु. 171- विधान परिषदों का गठनअनु. 172- राज्य विधायिकाओं का कार्यकालअनु. 173- राज्य विधायिका की सदस्यता के लिए योग्यताअनु. 174- राज्य विधायिका के सत्र, सत्रावसान एवं उनका भंग होनाअनु. 175- राज्यपाल का सदन अथवा सदनों को संबोधित करने तथा उन्हें संदेश देने का अधिकारअनुच्छेद 176- राज्यपाल द्वारा विशेष संबोधनअनुच्छेद 177- सदनों से संबंधित मंत्रियों तथा महाधिवक्ता के अधिकार राज्य विधायिका के पदाधिकारीगण  अनु. 178- विधानसभा के…

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Vice President Vice President (उपराष्ट्रपति) उपराष्ट्रपति का पद अमेरिका से लिया गया है अनुच्छेद 63 भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा भारत के वरीयता अनुक्रम में वारंटो ऑफ प्रसिडेंसी में उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के बाद दूसरा स्थान दिया गया अनुच्छेद 64- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा और अन्य कोई पद धारण नहीं करेगा परंतु राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते समय वह है राज्यसभा का सभापति नहीं होगा और अनुच्छेद-97 के अंतर्गत उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में वेतन भत्ते प्राप्त होते है। अनुच्छेद 65-  राष्ट्रपति पद की आकस्मिक व्यक्ति या अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य…

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Fundamental Duties Fundamental Duties (मूल कर्तव्य) मूल कर्त्तव्य पहले से संविधान में नहीं थे इन्हें संविधान के 42nd संशोधन द्वारा जोड़ा गया है भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तवय होगा कि वह- (क) संविधान का पालन करे और उस के आदर्शों, राष्ट्रध्वज और राष्ट्र्गान क आदर करे(ख)स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखे व उन क पालन करे(ग)भारत की प्रभुता एकता व अखंड़ता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखें(घ)देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् सेवा करें।(ङ)भारत के सभी लोगों समरसता और सम्मान भ्रातृत्व की भावना…

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Federal Judiciary Federal Judiciary (संघीय न्यायपालिका) Federal Judiciary and State Judiciary ( संघीय न्यायपालिका & राज्य न्यायपालिका ) संघीय न्यापालिका ( Federal Judiciary ) न्यायपालिका सरकार का महत्वपूर्ण अंग है। सरकार का स्वरूप चाहे कोई भी हो, न्यायपालिका की व्यवस्था किसी-न-किसी रूप में अवश्य की जाती है। संघीय शासन प्रणाली में स्वतंत्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका का होना अनिवार्य है क्योंकि शक्तियों के विभाजन के कारण संघ तथा राज्यों में प्रायः विवाद उत्पन्न होते रहते हैं। इन विवादों का निपटारा करने तथा संविधान की व्याख्या करने के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका का होना आवश्यक है। भारत में संघीय शासन प्रणाली की व्यवस्था होने के कारण संविधान…

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Local government in India Local government in India (भारत में स्थानीय स्वशासन) ‘स्थानीय स्वशासन एक ऐसा शासन है, जो अपने सीमित क्षेत्र में प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करता हो।’’ -जी. डी. एच कोल भारत एक विशाल जनसंख्या वाला लोक तांत्रिक देश है। लोकतंत्र की मूलभूत मान्यता है कि सर्वोच्च शक्ति जनता में होनी चाहिए । सभी ब्यिकृ इस व्यवस्था से प्रत्यक्षत: जुडंकर शासन कार्य से सम्बद्ध हो सके इस प्रकार का अवसर स्थानीय स्वशासन ब्यवस्था द्वारा संभव हो सकता है। स्थानीय स्वशासन जनता द्वारा शासन स्थानीय स्वशासन कहलाता है। स्थानीय स्वशासन के दो क्षत्रे है। Local government (1) ग्रामीण एवं नगरीय…

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आपातकाल & जनहित याचिका ) आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions) संविधान के भाग 18 में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन प्रावधान उल्लिखित हैं| ये प्रावधान केंद्र को किसी भी असामान्य स्थिति से प्रभावी रूप से निपटने में सक्षम बनाते हैं| संविधान में इन प्रावधानों को जोड़ने का उद्देश्य देश की संप्रभुता, एकता, अखण्डता, लोकतांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था तथा संविधान की सुरक्षा करना है| आपातकालीन स्थिति में केंद्र सरकार सर्वशक्तिमान हो जाता हैं तथा सभी राज्य, केंद्र के पूर्ण नियंत्रण में आ जाते हैं| संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल युद्ध, बाह्य आक्रमण और सशस्त्र विद्रोह के कारण आपातकाल (अनुच्छेद 352), को…

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National Human Right National Human Right: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग National Human Right भारत में मानवाधिकारों की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार सांविधिक निकाय है। इसकी स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को की गयी। मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 कहता है कि आयोग ” संविधान या अंतरराष्ट्रीय संविदा द्वारा व्यक्ति को दिए गए जीवन, आजादी, समानता और मर्यादा से संबंधित अधिकारों” का रक्षक है। National Human Right की संरचना National Human Right में एक अध्यक्ष और चार सदस्य होते हैं। अध्यक्ष को भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होना चाहिए। अन्य सदस्य होने चाहिए– (क) एक सदस्य, भारत के सुप्रीम कोर्ट…

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Election Commission Election Commission निर्वाचन आयोग संविधान का भाग – 15 Election Commission से संबन्धित है। निर्वाचन आयोग से संबधित भाग – 15 में कुल छः अनुच्छेद (अनु.324-329) है। भारत में स्वतंत्रत, निष्पक्ष व पारदर्शी शासन के सचांलन हेतू Election Commission की आवश्यता पड़ी। अनुच्छेद 326 में मताधिकार को प्रयोग करने का अधिकार दिया है। भारत में Election Commission की स्थापना 25 जनवरी 1951 को की गई। 25 जनवरी राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। प्रथम निर्वाचन आयुक्त – सुकुमार सेन थे। मार्च 1950 – 1958देश के एकमात्र महिला मुख्य चुनाव आयुक्त – वी. एस. रमादेवीएकमात्र निर्वाचन आयोग के कार्यवाहक मुख्य चुनाव आयुक्त – श्री मति…

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