Marley-Minto 1909 Marley-Minto (मार्ले-मिण्टो सुधार 1909) बीसवीं सदी के प्रारंभिक दशक में 1909 का Marley-Minto सुधार अधिनियम वास्तविक अर्थों में भारत में संवैधानिक सुधार की दिशा में माना गया। जिसको तैयार करने में प्रमुख उदारवादी नेता गोपाल कृष्ण गोखले का सहयोग लिया गया । इस अधिनियम के अंतर्गत गवर्नर जनरल की विधायी परिषद में सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 60 कर दी गई। इसमें तीन प्रकार के सदस्य मनोनीत सरकारी सदस्य मनोनीतगैर सरकारी सदस्यनिर्वाचित सदस्य Marley-Minto भारत परिषद अधिनियम 1909 (Indian Councils Act 1909) Marley-Minto सुधार भारत परिषद अधिनियम 1909 (Indian Councils Act 1909) को Marley-Minto सुधारों के नाम से भी…
Author: NARESH BHABLA
संवैधानिक विकास संविधान लिखित व अलिखित नियम-कानूनों का ऐसा दस्तावेज है। जिसके माध्यम से शासन और जनता के पारस्परिक संबंधों का निर्धारण किया जाता है। ब्रिटिश संविधान अलिखित होते हुए भी संविधान की शर्तों को पूरा करता है। विकास भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी 1600 ईस्वी में व्यापार करने के उद्देश्य से आयी। 1600 ईस्वी में ब्रिटिश की महारानी एलिजाबेथ के द्वारा व्यापारियों के एक समूह को 15 वर्ष के लिए पूर्वी देशों के साथ व्यापार करने के लिए एक अधिकार पत्र प्रदान किया गया। 1609 ई. में इस अधिकार पत्र को स्थायित्व प्रदान किया गया। समय-समय पर इस…
मुख्यमंत्री Chief minister जिस प्रकार संघ की मंत्रीपरिषद का प्रधान भारत का प्रधानमंत्री होता है, उसी प्रकार राज्य की मंत्रिपरिषद का प्रधान एक मुख्यमंत्री होता है. 1935 ई. के अधिनियम के अंतर्गत, मुख्यमंत्री को भी प्रधानमंत्री की संज्ञा दी गई थी. उस समय केंद्र में प्रधानमंत्री का पद नहीं था. संविधान के निर्माताओं ने संघ में प्रधानमंत्री के पद का प्रावधान करते हुए राज्यों में मुख्यमंत्री के पद का प्रावधान किया है. कार्य, अधिकार तथा शक्ति की दृष्टि से दोनों में साम्य है. संघ शासन में जो स्थान भारत के प्रधानमंत्री का है, राज्य के शासन में वही स्थान राज्य के मुख्यमंत्री…
उच्चतम न्यायालय भारतीय न्यायव्यवस्था के शीर्ष पर सर्वोच्च न्यायालय है. उच्चतम न्यायालय 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया और भारत के गणतंत्र बनने के दो दिन बाद यानी 28 जनवरी, 1950 को इसने काम करना प्रारंभ किया. सर्वोच्च न्यायालय का गठन ( Build of Supreme Court ) संविधान के अनुसार भारत की शीर्ष न्यायपालिका यहाँ का सर्वोच्च न्यायालय है. संविधान के अनुसार इसमें एक मुख्य न्यायाधीश तथा अधिक-से-अधिक सात न्यायाधीश होते हैं. संसद् कानून द्वारा न्यायाधीशों की संख्या में परिवर्तन कर सकती है. न्यायाधीशों की संख्या में समय-समय पर बढ़ोतरी की जाती रही है. वर्तमान समय में उच्चत्तम न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 30 अन्य…
मंत्रिपरिषद हमारी राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंत्रिपरिषद होती है जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करता है भारतीय संविधान में 2 अनुच्छेद मैं इसके बारे में संक्षिप्त और सामान्य वर्णन है। अनुच्छेद 74 मंत्रिपरिषद से संबंधित है जबकि अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति कार्यकाल उत्तरदायित्व मंत्रियों की अहर्ताएं शपथ एवं वेतन और भत्ता से संबंधित है। अनुच्छेद 77- भारत सरकार द्वारा कार्यवाहियों का संचालन।अनु 78- प्रधानमंत्री_के_कर्तव्य_अनु 88_सदन_में_मंत्रियों_के_अधिकार। मंत्रियों द्वारा दी गई सलाह की प्रकृति ( Nature of advice given by ministers) अनुच्छेद 74 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद का उपबंध है। यह राष्ट्रपति को उसके कार्य करने हेतु सलाह देती है 42वें एवं 44वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा के परामर्श को राष्ट्रपति के लिए…
संसद संविधान के अनुसार भारत की संसद के तीन अंग हैं राष्ट्रपति, लोकसभा व राज्यसभा। 1954 में राज्य परिषद एवं जनता का सदन के स्थान पर क्रमशः राज्यसभा एवं लोकसभा शब्द को अपनाया गया। राज्यसभा, उच्च सदन कहलाता है जबकि लोकसभा निचला सदन कहलाता है। भारत की संघीय व्यवस्थापिका को संसद के नाम से जाना जाता है ।संविधान के अनुच्छेद 79 से 122 तक संसद से संबंधित प्रावधान है । अनुच्छेद 79 के अनुसार “संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेंगी जिनके नाम राज्यसभा और लोकसभा होंगे” संसद राज्यसभा में राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों की प्रतिनिधि होते हैं जबकि लोकसभा संपूर्ण रूप में भारत के लोगों का…
प्रधानमंत्री संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति की सहायता के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा, संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार की संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति केवल नाम मात्र का कार्यकारी प्रमुख होता है तथा वास्तविक कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती है । दूसरे शब्दों में, राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है । अनुच्छेद 75 के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होगी परंतु प्रधानमंत्री बहुमत दल का नेता होना चाहिए, राष्ट्रपति सुरक्षा समिति के प्रधान या अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं Prime minister प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री से संबंधित विभिन्न विद्वानों के कथन लार्ड मार्ले – “समान के बीच…
मौलिक अधिकार भारत के संविधान के तीसरे भाग में वर्णित भारतीय नागरिकों को प्रदान किए गए वे अधिकार हैं जो सामान्य स्थिति में सरकार द्वारा सीमित नहीं किए जा सकते हैं और जिनकी सुरक्षा का प्रहरी सर्वोच्च न्यायालय है। नागरिकों के लिए मौलिक अधिकार क्यों जरुरी है? नागरिकों के लिये मौलिक अधिकार इसलिये जरूरी हैं, ताकि वह बिना किसी भेद-भाव, शोषण और बिना किसी भय के अपने देश में रह सकें और स्वयं को सुरक्षित महसूस करें। Explanation: … इसके लिए संविधान में नागरिकों के लिए कुछ मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की गई है। मौलिक अधिकार मूल अधिकार का अर्थ…
भारतीय संविधान- संविधान सभा एवं प्रस्तावना प्रस्तावना भारतीय संविधान सभा का निर्माण- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को हुई। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व एच .सी.मुखर्जी को संविधान सभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के रूप में 11 दिसम्बर 1946 को निर्वाचित किया गया। बी.एन. राव को संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किए गए। भारत के विभाजन के बाद सविंधान सभा की पुनः बैठक 14 अगस्त 1947 को हुयी। संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव कैबिनेट ।मिशन के प्रस्ताव के अनुसार ही हुआ। लेकिन सदस्य संख्या मे परिवर्तन हो गया। राज्य व देशी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटे प्रदान की गई। यह अनुपात 10 लाख लोगों पर एक सदस्य का निर्वाचन…
नागरिकता समानता & विकास समानता अवसर की समानता का 2 व्यवहारिक पक्ष 1.सकारात्मक क्रिया यह व्यवस्था अमेरिका में प्रचलित है, जिसके द्वारा अश्वेतों के सामाजिक, आर्थिक, एवं शैक्षिक उत्थान के लिए सरकार विश्वविद्यालय द्वारा कुछ विशेष उपाय एवं प्रबंध किए जाते है। सकारात्मक क्रिया के अंतर्गत अमेरिका में विश्ववविद्यालयो में अश्वेतों के काम अंको पर प्रवेश दिया गया।अश्वेतों के लिये सीट आरक्षित कि गयी। भारत में अवसर की समानता ( Equality of opportunity in India ) भारतीय संविधान में अवसर की समानता को संरक्षणात्मक विभेद या विधि के समक्ष समान संरक्षण की संज्ञा भी दी जाती हैं। इसके अंतर्गत पिछड़े वर्ग…