Author: NARESH BHABLA

Bharat Vibhajan भारत का विभाजन जिन्ना की भूमिका और भारत का विभाजन भारत का विभाजन और दो नए राज्यों/राष्ट्रों का निर्माण सन14 अगस्त,1947 को पाकिस्तान(मुस्लिम राष्ट्र) एवं सन 15 अगस्त 1947 को भारत(रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया) में करने की घोषणा लॉर्ड माउन्ट बेटन ने की। इस विभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किये गये बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया और बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान ( वर्तमान बांग्लादेश ) बना दिया गया। वहीं पंजाब का विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण हुआ। इस विभाजन में रेलवे, फ़ौज, ऐतिहासिक धरोहर, केंद्रीय राजस्व, सबका…

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प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक Aryabhata ( आर्यभट्ट ) आर्यभट्ट ये पांचवीं सदी के गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, ज्योतिषी और भौतिक विज्ञानी थे। 23 वर्ष की उम्र में इन्होंने आर्यभट्टिया (Aryabhattiya) की रचना की, जो उनके समय के गणित का सार है। सबसे पहली बार उन्होंने ही पाई (pi) का मान 3.1416 निकाला था। इन्होंने बताया कि शून्य केवल अंक नहीं बल्कि एक प्रतीक और अवधारणा है। वास्तव में शून्य के आविष्कार ने आर्यभट्ट को पृथ्वी और चंद्रमा के बीच सटीक दूरी पता लगाने में सक्षम बनाया था और शून्य की खोज से नकारात्मक अंकों के नए आयाम सामने आए। इसके अलावा आर्यभट्ट ने…

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Gupt Empire ( गुप्त साम्राज्य ) मौर्य विघटन के बाद लम्बे समय तक भारत विभिन्न राजवंशों के अधीन रहा। इस काल में कोई ऐसा राजवंश नहीं हुआ जो भारत को एक शासन के सूत्र में बांध सके। कुषाणों तथा सातवाहनों ने युद्ध में काफी हद तक स्थिरता लेन का प्रयत्न किया। किन्तु वे असफल रहै।कुषाणों के पतन के बाद से लेकर गुप्तों के उदय के पूर्व का काल राजनैतिक दृष्टि से विकेंद्रीकरण तथा विभाजन का काल माना जाता है।इस राजनीतिक संक्रमण को दूर करने के लिए भारत के तीनों कोने से तीन नए राजवंश का उदय हुआ। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग…

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न्याय Justice अर्थ- न्याय को अंग्रेजी में जस्टिस(Justice) कहा जाता है। इस शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन शब्दों ‘जंगरि'(Jungere) और ‘जस'(Jus) से हुई है जिसका अर्थ है ‘जोड़ना’, ‘बांधना’, ‘एक साथ रखना’। न्याय वह तत्व है जो जोड़ता है, बांधता है, एक साथ रखता है- व्यक्तियों को व्यक्तियों के साथ, समूहों को समूहों के साथ-जिससे कि एक व्यवस्था कायम की जा सके। न्याय की संकल्पना प्राचीन काल से ही राजनीतिक चिंतन का महत्वपूर्ण विषय रहिए है, न्याय प्रत्यय की व्याख्या अलग-अलग विचारक कौन हैअपने अपने ढंग से करने का प्रयास किया है पाश्चात्य राजनीतिक चिंतन में न्याय के अर्थ को स्पष्ट करने…

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Chhatriyan Rajasthan Ki Chhatriyan राजस्थान की छतरियां गैटोर की Chhatriyan – नाहरगढ़ (जयपुर) में स्थित है। ये कछवाहा शासको की छतरियां है। जयसिंह द्वितीय से मानसिंह द्वितीय की छतरियां है। बड़ा बाग की छतरियां- जैसलमेर में स्थित है। – यहां भाटी शासकों की छतरियां स्थित है। क्षारबाग की छतरियां – कोटा में स्थित है। – यहां हाड़ा शासकों की छतरियां स्थित है। देवकुण्ड की छतरियां- रिड़मलसर (बीकानेर) में स्थित है। राव बीकाजी व रायसिंह की छतरियां प्रसिद्ध है। छात्र विलास की छतरी- कोटा में स्थित है। केसर बाग की छतरी- बूंदी में स्थित है। जसवंत थड़ा- जोधपुर में स्थित है। सरदार सिंह द्वारा निर्मित है। रैदास की…

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Jewelry Jewelry आभूषण शरीर को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिये स्त्रियों व पुरषों द्वारा आभूषण पहने जाते हैं। आभूषण का शाब्दिक अर्थ होता है गहना व अलंकार। सिर , मस्तक, माथे पर पहने जाने वाले आभूषण ( Head Jewelry ) टीडी – भलको ,ललाट का आभूषण टिकी , काचर, फीणी , सांकली , तावितगोफण ( Sling ) – ये बालो में गुथा जाता हैगेड़ी ( chap ) – चांद सूरज , चूड़ामन , चूड़ारत्न, तीबगट्टों , तिलक मणिथुड़ी ( Thumb ) – ये राजघराने में भी प्रचलित रहा हैथाळो ( Thalow ) = देवमूर्ति युक्त गले का आभूषणफूलगूधर ( Phulagudhar ) = शीश पर गुथा जाने वाला एक…

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Rajasthan ke Mahal or hawelia :- गोल्डन क्लासेज में आप का स्वागत है। इस लेख के माध्यम से हम आपको राजस्थान के प्रसिद्ध महल और हवेलियों के बारे में आपको बताएंगे। Place of Rajasthan and haveliya. इन के इतिहास के बारे में जानेंगे और हवेलियों और महलों से संबंधित जो भी महत्वपूर्ण बातें हैं वह आपको इस लेख में मिल जाएगी। Rajasthan ki important haveliya aur important Mahal ke bare mein जानेंगे। Havelis | हवेलिया जैसलमेर की हवेलियाँ ( Jaisalmer havelis ) 1. पटवों की हवेली ( Haveli of patwon ) यहाँ की पटवों की हवेली अपनी शिल्पकला, विशालता एवंअद्भुत नक्काशी के कारण प्रसिद्ध है पटवों की हवेली को सेठ गुमानचन्द बापना ने 18 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में…

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गुप्तकाल साम्राज्य प्रशासन(Administration) गुप्तकालीन शासकों ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया था। पाटलिपुत्र इस विशाल साम्राज्य की राजधानी थी। गुप्त शासकों ने उन क्षेत्रों के प्रशासन (Administration) में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जहाँ के शासकों ने उनके सामन्तीय आधिपत्य को स्वीकार कर लिया था, किन्तु इसका यह तात्पर्य नहीं है कि गुप्त राजा केवल अपने सामन्तों के माध्यम से शासन करते थे। उनकी एक सुव्यवस्थित प्रशासनिक व्यवस्था (Administration) थी जो उन क्षेत्रों में लागू थी, जिन पर उनका सीधा-साधा नियंत्रण था। गुप्तकाल राजा- राजा ही प्रशासन (Administration) का मुख्य आधार था। समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय, कुमारगुप्त और स्कंदगुप्त इत्यादि ने महाराजाधिराज और परमभट्टारक…

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राष्ट्रपति ( President ) संविधान के भाग 5 के अनुच्छेद 52 से 78 तक में संघ की कार्यपालिका का वर्णन है | संघ कार्यपालिका में President, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल तथा महान्यायवादी शामिल होते हैं । राष्ट्रपति, भारत का राज्य प्रमुख होता है । वह भारत का प्रथम नागरिक है और राष्ट्र की एकता अखंडता एवं सुदृढ़ता का प्रतीक है । राष्ट्रपति का निर्वाचन ( President election ) President का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रत्यक्ष रुप से नहीं करती बल्कि एक निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा उसका निर्वाचन किया जाता है । इसमें निम्न लोग शामिल होते हैं :1 संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य,2 राज्य विधानसभाओं…

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हिंदी वर्णमाला|Hindi alphabet भाषा की वह छोटी से छोटी इकाई जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते हो वर्ण कहलाते हैं वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं शब्दों के मेल से वाक्य तथा वाक्यों के मेल से भाषा बनती है अतः वर्ण ही भाषा का मूल आधार है हिंदी में वर्णों ( Hindi alphabet ) की संख्या 44 है मुंह से उच्चरित होने वाली ध्वनियों और लिखे जाने वाले इन वर्णो को दो भागों में बांटा जाता है१- स्वर२- व्यंजन स्वर- जो बिना किसी स्वर (वर्ण)की सहायता के बोले जा सकते हैं वह स्वर कहलाते हैं यह 11 है व्यंजन- जो स्वरों…

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