Author: NARESH BHABLA

Karak Karak (कारक) संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) संबंध सूचित हो उसे (उस रूप) को कारक कहते हैं। अथवा संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) क्रिया से संबंध सूचित हो उसे कारक कहते हैं। Karak के भेद हिंदी में कारक आठ है और कारकों के बोध के लिए संज्ञा या सर्वनाम के आगे जो प्रत्येक चिन्ह लगाए जाते हैं उन्हें व्याकरण में विभक्तियां कहते हैं कुछ लोग इन्हें परसर्ग भी कहते हैं। लेखक कैसे बने शब्द रूप को विभक्त्यन्त शब्द या…

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रुधिर परिसंचरण तंत्र circulatory system रक्त परिसंचरण तंत्र द्वारा शुद्ध रुधिर का परिसंचरण(Circulation) हृदय से धमनी की और होता हैं। तथा अशुद्ध रक्त का परिसंचरण शरीर में हृदय से शिराओं की और होता है। रक्त परिसंचरण तंत्र की खोज विलियम हार्वे ने कि। परिसंचरण तंत्र के दो प्रकार होते हैं जिन्हें क्रमशः खुला और बंद परिसंचरण तंत्र कहा जाता है। खुला परिसंचरण तंत्र (Open Circulatory System)- आर्थोपोडा संघ (कॉकरोच, केकड़ा, झींगा मछली,मच्छर,मक्खी आदि) तथा मोलस्का संघ (घेंघा ,सीपी,आक्टोपस) आदि के जंतुओं में खुला परिसंचरण तंत्र विकसित प्रकार का होता हैं। पक्षियों एवं स्तनधारियों में बंद परिसंचरण (रक्त वाहिनियों में बहता है।) तंत्र होता है। …

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श्वसन तंत्र (Human body respiratory system) जीव के विशिष्ट लक्षण 3 ही होते हैं जिनमें वृद्धि, जनन और श्वसन आते हैं अर्थात सभी जंतु एवं वनस्पतियां दोनों ही श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड त्यागते हैं श्वसन वायवीय तथा अवायवीय हो सकता है। वायवीय श्वसन वायु की उपस्थिति में होता हैं जबकि अवायवीय श्वसन वायु की अनुपस्थिति में होता हैं, जिसमें गुलूकोस के अपूर्ण ऑक्सीकरण से एथिल अल्कोहल बनता है। वायवीय श्वसन अधिकांस बहुकोशिकीय जन्तुओ व मनुष्यों मै तथा अवायवीय श्वसन जीवाणु,यीस्ट, परजीवी, आदि में होता हैं। श्वसन अंग : मछली में गलफड़े तथा मेंढक, साँप, पक्षी, एवं…

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तन्त्रिका तंत्र ( Nervous system) तंत्रिका तंत्र का निर्माण तंत्रिका कोशिका से होता है तंत्रिका कोशिकाओं को न्यूरॉन के नाम से जाना जाता है न्यूरॉन शरीर की सबसे बड़ी या लंबी कोशिकाएं हैं। तंत्रिका कोशिकाओं में पुनरुदभन की क्षमता सबसे कम होती है अर्थात मस्तिष्क में पुनरुदभवन की क्षमता सबसे कम होती है। यकृत मनुष्य के शरीर का ऐसा अंग है जिसमें पुनरुदभवन की संख्या सबसे ज्यादा होती है Nervous syst सजीवों में सभी अंगों के बीच समन्वयन स्थापित रखने एवं नियंत्रण का कार्य तंत्रिका द्वारा किया जाता है। इसके अंतर्गत सारे शरीर में महिन धागे के समान तंत्रिकाएं फैली…

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विशिष्ट शिक्षा -किसी कक्षा में विभिन्न तरह के बच्चे होते हैं जिनकी अपनी-अपनी आवश्यकताएँ हो सकती हैं। जैसे – कुछ बच्चे अक्षरों को उल्टा लिखते हैं, कुछ की श्रवण शक्ति कम होती हैं, कुछ मंद बुद्धि वाले होते हैं। सभी बच्चे सामान्य गति से नहीं सीख पाते हैं। कुछ बच्चों का उच्चारण स्पष्ट नहीं होता है जिसके कारण इन बच्चों का विकास एवं दैनिक कार्यशीलता प्रभावित होती है। अधिगम अक्षम बालक  Learning disabled child ) औसत विद्यालय उपलब्धि से निम्न का प्रदर्शननिष्पादन संबंधी कठिनाई से युक्त।बिना सोचे – विचारे कार्य करनाउपयुक्त आचरण नहीं करनानिर्णयात्मक क्षमता का अभावस्वयं के प्रति लापरवाहीलक्ष्य…

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Air Pressure and Wind Air Pressure and Wind (वायुदाब तथा पवन संचार ) मौसम के सभी तत्व ( मेघ, वर्षा, आंधी, तूफान तथा पवन आदि) वायुदाब द्वारा नियंत्रित होते हैं समान ऊंचाई पर स्थित दो स्थानों के बीच वायुदाब के परिवर्तन की दर को वायुदाब प्रवणता कहते हैं। वायु के क्षेतिज गति का मूल कारण वायुदाब प्रवणता है विक्षेप बल ( Deflection force ) – पृथ्वी के अक्षीय गति(rotation) के कारण हवाओं की दिशा में विक्षेप हो जाता है। इस कारण परिवर्तनकारी बल को विक्षेप बल या कोरियालिस बल कहते हैं। इस बल के कारण ही उत्तरी गोलार्ध में सभी हवाएं…

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सूर्यताप व पृथ्वी का उष्मा बजट ( Sunlight and earth’s heat budget) पृथ्वी सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करके उसे अंतरिक्ष में विकृत कर देती है, इसी कारण ना तो पृथ्वी ज्यादा गर्म और और ना ज्यादा ठंडी होती है, पृथ्वी के प्रत्येक भाग पर ताप की मात्रा अलग-अलग होती है और इसी वजह वायुमंडल के दाब में भिन्नता पाई जाती है इसी कारण पवनों के द्वारा ताप का स्थानांतरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर होता है  पृथ्वी की सतह पर प्राप्त होने वाली ऊर्जा का अधिकतम भाग लघु तरंग धैर्य के रूप में आता है  पृथ्वी को प्राप्त होने वाली ऊर्जा…

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राजनीतिक विज्ञान की अवधारणाए – अधिकार ) राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टि से अधिकार मानव इतिहास से समान शाश्वत है। प्राचीन काल में परिवार और संपत्ति पर मातृसत्ताक समाज में माँ का तथा पितृसत्ताक समाज में पिता का अधिकार होता था। राजतंत्र के विकास के साथ राजा दैवी अधिकार के सिद्धांतों की सहायता से प्रजा से प्रजा को समस्त अधिकारों से निरस्त कर राष्ट्र विशेष में संप्रभु बन जाने लगा। प्रजा या धार्मिक समूहों के हस्तक्षेप से राजा के सीमित अधिकार की मान्यता प्रचलित हुई। भारत और यूनान के प्राचीन गणराज्यों में जनतंत्र या गणतंत्र की कल्पना की गई, जिससे राजा…

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राजनीतिक सिद्धांत का विचारक्षेत्र ( Area of ​​political theory ) वैज्ञानिक पद्धतिमानकीय पद्बतिदार्शनिक पद्बति परम्परागत दृष्टिकोण ( Conventional approach ) राजनीति के विविध पक्षों के अस्तित्व एवं वैज्ञानिक अध्ययन को राजनीतिक सिद्धांत कहा जाता है। जनीति के लिए प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द पॉलिटिक्स(politics) की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के तीन शब्दों ‘Polis'(नगर-राज्य), ‘Polity'(शासन) तथा ‘Politia'(संविधान) से हुई है। इस अर्थ में राजनीति नगर-राज्य तथा उसके प्रशासन का व्यवहारिक एवं दार्शनिक धरातल पर अध्ययन प्रस्तुत करती है। राजनीति को Polis नाम प्रसिद्ध ग्रीक विचारक अरस्तू द्वारा दिया गया है। अतः उन्हें ‘राजनीति विज्ञान का पिता’ कहा जाता है। आधुनिक अर्थों में राजनीति शब्द को इन व्यापक अर्थों में प्रयुक्त…

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राजस्थान के पशु मेले ( Animal Fairs of Rajasthan ) 1. श्रीबलदेव पशु मेला मेड़ता सिटी (नागौर) इस मेले का आयोजन चेत्र मास के सुदी पक्ष में होता हैंनागौरी नस्ल से संबंधित है। 2. श्री वीर तेजाजी पशु मेला परबतसर (नागौर) श्रावण पूर्णिमा से भाद्रपद अमावस्या तक चलता है।इस मेले से राज्य सरकार को सर्वाधिक आय होती है। 3. रामदेव पशु मेलामानासर (नागौर) इस मेले का आयोजन मार्गशीर्ष माह में होता है।इस मेले में नागौरी किस्म के बैलों की सर्वाधिक बिक्री होती है। 4. गोमती सागर पशु मेला झालरापाटन (झालावाड़) इस मेले का आयोजन वैशाख माह में होता है।मालवी नस्ल से…

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