भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में प्रारंभ हो गया था स्वतंत्रता किस राष्ट्रीय आंदोलन में लाखों लोगों एवं राष्ट्रवादी नेताओं ने सक्रिय रूप से भाग लेकर शक्तिशाली अंग्रेजी शासन को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया और अतः इन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा । भारत में राष्ट्रवाद एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विकास की प्रक्रिया बड़ी जटिल एवं बहुमुखी हैै। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के उद्भव और विकास में अनेक कारणों का योग रहा है आइए इन कारणों को देखते हैं :- साइमन कमीशन एक्ट 1919 की धारा 84A. लिखा गया कि इस एक्ट के कारण…
Author: NARESH BHABLA
Climate Changes: जलवायु परिवर्तन हमारी पृथ्वी को चारों तरफ से गिरी हुई वायु की परत को वायुमंडल कहते हैं इस वायुमंडल में होने वाले प्रतिदिन के परिवर्तन को जलवायु कहते हैं तापमान, दाब नमिंग वर्षा सूर्य का प्रकाश, बादल तथा वायु का प्रभाव मौसम तथा जलवायु को प्रभावित करते हैं किसी भी स्थान की जलवायु उस की समुद्र तल से ऊंचाई अक्षांश समुद्र से दूरी तथा अन्य स्थानीय भौगोलिक कारणों (Geographical Factors) से प्रभावित होती है सभी परिवर्तन वायुमंडल की छोभ मंडल (Troposphere) स्तर में होते हैं जोकि समताप मंडल (Stratosphere) से गिरी होती है किसी भी स्थान के मौसम…
भारत क्या आयात करता है (What India Imports) प्रमुख आयात आवश्यकता के अनुरूप भारत में अनेक वस्तुओं का आयात किया जाता है इन आयतों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है भारी या अंबारी आयातगैर भारी या गैर अंबारी आयात भारी या अंबारी आयात –इस के तीन अंग हैं पेट्रोलियम रुक्ष एवं उत्पादभारी उपभोग वस्तुएं जिसमें अनाज और दालें खाद्य तेल तथा चीनी शामिल किए जाते हैंअन्य भारी मदे जिसमें उर्वरक लोह है धातुएं रबड़ कागज एवं गत्ता खनिज अयस्क लो हो तथा इस्पात आदि सम्मिलित हैं गैर भारी या गैर अंबारी आयात — इसके भी…
प्रमुख निर्यात स्वतंत्रता के बाद जैसे-जैसे देश की औद्योगिक संरचना में विविधीकरण वह मजबूती आती गई नए निर्यात के अवसर पैदा होते गए इससे जहां तक और निर्यात में कृषि एवं संबंध वस्तुओं का महत्व कम होता गया वहीं दूसरी ओर विनिर्मित वस्तुओं का महत्व बढ़ता गया धीरे-धीरे एक प्रगतिशील औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने लगा और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि होती चली गई भारत के निर्यात ओं को मुख्य रूप से चार श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है कृषि कृषि एवं संबंधित उत्पादनअयस्क एवं खनिज निर्मित वस्तुएं अन्य कृषि एवं संबंधित उत्पाद इस…
ग्रामीण रोजगार (Rural Employment) जनता शासन के पतन के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में http://रोजगार वृद्धि तथा गरीबी निवारण का यह कार्यक्रम काम के बदले अनाज की कमियों को दूर करने के लिए श्रीमती इंदिरा गांधी ने शुरू किया छठी योजना में 1834 करार रुपए व्यय कर 177.5 करोड़ मानव दिवसों का रोजगार बढ़ाया गया सातवीं योजना के 4 वर्षों 1986 से 89 में 3600 करोड रुपए व्यय कर लगभग 148 करोड मानव दिवसों का http://रोजगार सृजन किया गया जो लक्ष्य से अधिक था ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण,तालाब,पेयजल व सिंचाई के कुआं भूमि व जल संरक्षण नई भूमि को खेती के…
निर्धनता (Poverty) देश में भारतीय योजना आयोग के मतानुसार निर्धनता के दो कारण अल्प विकास एवं ऐसा मानता है कुछ लोग निर्धनता के कारणों में बेरोजगारी निम्न उत्पादकता जनसंख्या में विस्फोटक बृद्धि प्राकृतिक प्रकोप पूंजी की कमी प्रेसिकट उत्पादन में धीमी गति से वृद्धि निर्धनों द्वारा खाद्यान्नों के लिए दी जाने वाली कीमतों में वृद्धि कार्यशील जूतों का असमान वितरण अत्यधिक सामाजिक पिछड़ापन तथा सामाजिक बाधाओं का समावेश करते हैं संक्षेप में भारत में व्यापक गरीबी के प्रमुख कारण इस प्रकार है 1 अल्प विकास भारत प्राकृतिक साधनों की दृष्टि से संपन्न है किंतु अल्प विकास के कारण उन साधनों…
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन आइए आज इस टॉपिक पर चर्चा करेंगे महात्मा गांधी का राष्ट्रीय आंदोलन में क्या क्या योगदान रहा और गांधीजी ने कौन कौन से आंदोलन किए व व किन किन आंदोलनों में भाग लिया और इस आंदोलन से क्या क्या प्रभाव पड़ा इसको आज अच्छे से जानेंगे ! सबसे पहले महात्मा गांधी जी की जीवनी के बारे में जानेंगे ! महात्मा गांधी की जीवनी ( Mahatma Gandhi Biography ) भारतीय राष्ट्रीयआंदोलन आइए हम आपको महात्मा गांधी के बारे में कुछ जानकारियां सांझा करते हैं जोकि निम्न प्रकार से हैं ! नाम – मोहनदास करमचंद गांधीपिता का नाम -…
स्पष्ट है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यत-अल्प-रोजगार, मौसमी बेरोजग तथा प्रच्छन्न बेरोजगारी विद्यमान होती है, जबकि शहरी क्षेत्रों में खुली बेरोजगारी एवं शिाक्षा बेरोजगारी होती है । बेरोजगारी की अवस्था उस समय उत्पन्न होती है जब उपलब्ध रोजगार के अवसरों की में श्रम-शक्ति के विकास की दर अधिक होती है । 1 संरचनात्मक बेरोजगारी Structural unemployment सामाजिक आर्थिक एवं तकनीकी विकास के परिणाम स्वरूप उद्योगों का विस्तार होता है जबकि कुछ अन्य उद्योग धीरे-धीरे संकुचित होते जाते हैं यदि भौगोलिक एवं तकनीकी दृष्टि से सर में पूर्णता गतिशील हो तो संकुचित होने वाले उद्योगों के श्रमिक नए उद्योगों…
1 विशाल एवं विस्तृत अर्थव्यवस्था A Great Economy भारतीय अर्थव्यवस्था विशाल अर्थव्यवस्था है जो विश्व के उत्तरी गोलार्ध में 8.4′ डिग्री से 37.6 अक्षांश तथा 68.17′ डिग्री से 97.2 पूर्वी देशांतर के बीच में फैली हुई है ओखा से अरुणाचल तथा कश्मीर से कन्याकुमारी तक पहले भारत का क्षेत्रफल 32.900000 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या 125 करोड़ से अधिक है क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में सातवां तथा जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा स्थान है यह इसकी विशालता का परिचायक है 2 विकासशील अर्थव्यवस्था Developing Economy भारतीय अर्थव्यवस्था पिछड़ी किंतु विकासशील अर्थव्यवस्था है अर्थव्यवस्था में आर्थिक पिछड़ापन एवं दरिद्रता…
Vitamins Vitamins are the organic substance found in various foods which are required for specific reaction. They act as regulator they are are destroyed by over cooking axcess boiling alcohol tobacoo coffee and many medicines. Direct/ primary — When diet is deficient of vitamin.Secondary/ conditioned — when the body in unable to utilize vitamin thought it is present in the diet. There are two basic type of vitamins Fat soluble vitamins — A,D,E,KWater soluble vitamins — B- COMPLEX, C,P Vitamin A/ retinol (C20H29OH) Source:- Fish liver oil, butter, milk, egg yolk, carrot, papaya etc. It exists in the form of…