Climate
Climate of India (भारत की जलवायु)
भारत की Climate
भारत की Climate मानसूनी जलवायु है। यहां की जलवायु (Climate) परिस्थितियों के सामान्य रूप से मानसून पूर्व की स्थिति मानसून काल एवं मानसून वापस सी के कालक्रम में बांटा जा सकता है। मानसून पूर्व की स्थिति में देश में भयंकर गर्मी पड़ती है। कई स्थानों पर तेज आंधियां एवं गर्म हवा चलती है उत्तरी भारत में निम्न वायुदाब विकसित हो जाता है। इससे पौधों की दिशा में परिवर्तन हो जाता है। पवन एक तीव्र वेग से समुद्र से स्थूल की ओर बढ़ती है।
मानसून काल आने पर दक्षिण- पश्चिम से आने वाली पवन अरब सागर के मानसून ने बंगाल की खाड़ी के मानसून के रूप में भारत में वर्षा करती है यह कल वर्षा काल कहा जाता है। मानसून लापसी का समय शीत ऋतु एवं ग्रीष्म से संबंधित है।
एक विशाल क्षेत्र में लंबे समय अवधि में मौसम की अवस्थाओं तथा विविधताओं का कुल योग ही Climate है! मौसम एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमंडल की अवस्था को बताता है! किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियंत्रित करने वाले छह प्रमुख कारक हैं –अक्षांश ,ऊंचाई, वायुदाब ,एवं पवन तंत्र समुद्र से दूरी महासागरीय धाराएं एवं उच्चावच लक्षण !
भारत की जलवायु की महत्वपूर्ण विशेषता पवनों की दिशा में परिवर्तन है भारतीय मानसून का वर्णन सबसे पहले अल समूदी वैज्ञनिक ने किया था भारत की जलवायु उष्ण कटिबंधीय मानसूनी है तथा भारत में सबसे अधिक वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानूसन से होती हे
भारत मे मौसम संबंधी सेव सन् 1875 मे शुरू कु गई थी उस समय इसका मुख्यालय शिमला मे था। पहले विश्व युद्ध के बाद इसका मुख्यालय पुणे लाया गया, अब यही से ही भारत के मौसम संबंधी मानचित्र प्रकाशित होते है।
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारण
1. समुद्र तल से ऊंचाई-
2. समुद्र से दूरी -
3. अक्षांशीय स्थिति -
4. पर्वतों की स्थिति-
5. पर्वतों की दिशा-
6.पवनों की दिशा-
7. उच्चस्तरीय भाई संचरण-
भारत जलवायु को मानसून के अलावा प्रभावित करने वाले 2 प्रमुख कारक हैं
1.उतर मे हिमालय पर्वत:- इस की उपस्थिति के कारण मध्य एशिया से आने वाली शीतल हवाएं भारत मे नही आ पाती हैं।
2. दक्षिण मे हिन्द महासागर-: इसकी उपस्थिति और भूमध्य रखा के पास होने के कारण उष्णकटिबंधीय जलवायु अपने आदर्श स्वरूप मे पाई जाती हैं।
भारत सरकार के मौसम विभाग के अनुसार भारत की जलवायु परिस्थितियों को चार बिना ऋतु में बाटा है।
?(क) उत्तरी पूर्वी या शीतकालीन मानसून काल
- 1. शीत ऋतु- दिसंबर से फरवरी तक।
- 2. ग्रीष्म ऋतु- मार्च से मध्य जून तक।
?(ख) दक्षिण पश्चिम या ग्रीष्मकालीन मानसूनी काल
- 1. वर्षा ऋतु- मध्य जून से मध्य सितंबर तक।
2. शरद ऋतु- मध्य सितंबर से मध्य दिसंबर तक।
भारतीय संस्कृति के अनुसार छ: ऋतुएं मानी गई है-
1. बसंत ऋतु – चैत्र-वैशाख
2. ग्रीष्म ऋतु – ज्येष्ठ-आषाढ़
3.वर्षा ऋतु – श्रावण-भाद्रपद
4. शरद ऋतु – अश्विन-कार्तिक
5. शीत ऋतु – मार्गशीष-पोष
6. हेमंत ऋतु – माघ-फाल्गुन
भारत मे 4 ऋतुएं पाई जाती हैं
1. शीत ऋतु:-
उतर भारत के मैदानी भागो मे शीतल ऋतु मे वर्षा पश्चिम विभोक्ष या जेट स्ट्रीम के कारण होती हैं। जाडे. के दिनो मे (जनवरी-फरवरी) तमिलनाडु के तटो पर वर्षों लौटते हुए मानसून या उतरी पूर्वी मानसून के कारण होती हैं।
2. ग्रीष्म ऋतु :-
इस ऋतु मे असम ओर पश्चिम बंगाल राज्यो मे तीव्र आदि हवाएं चलने लगती हैं, जिनसे गरज के साथ वर्षों हो जाती हैं। इन हवाऔ को पूर्वी भारत मे नारवेस्टर और बंगाल मे काल वैशाखी के नाम से जाना जाता हैं। कर्नाटक मे इन्हें चेरी ब्लास्म कहा जाता हैं जो काॅफी की कृषि के लिए लाभदायक है।
आम की फसल के लिए लाभदायक होने के कारण इसे दक्षिण भारत मे आम्र वर्षा या मैगो शावर भी कहा जाता हैं। उतर पश्चिम भारत के शुष्क भागो मे ग्रीष्म ऋतु मे चलने वाली गर्म और शुष्क हवाओं को “लू” कहा जाता हैं।
इस ऋतु मे उतर पश्चिम भारत ओर पाकिस्तान मे उष्णदाब का क्षेत्र बन जाता हैं जिसे मानसून गर्त कहते हैं इसी समय उतरी उष्ण अभिसरण (NITC) उतर की ओर खिसकने लगता हैं जिसके कारण विषुवत रेखीय पछुआ पवन और दक्षिणी गोलार्द की दक्षिण पूर्वी वाणिज्यिक पवन विषुवत रेखा को पार कर फेरेल के नियम का अनुसरण करते हुए भारत मे प्रवाहित होने लगती हैं।
जिसे दक्षिण पश्चिम मानसून के नाम से भी जाना जाता हैं। भारत की ज्यादातर वर्षा लगभग 80 फीसदी इसी मानसून मे होती है। भारत की प्रायद्वीपीय आकृति के कारण दक्षिण पश्चिम का मानसून दो शाखाओं मे विभाजित किया गया है।
3. वर्षा ऋतु:-
अरब सागर की शाखा:- अरब सागर.शाखा का मानसून सबसे पहले भारत के केरल राज्य मे जून के पहले हफ्ते मे आता हैं। यहां यह पश्चिम घाट पर्वत से टकरा कर केरल के तटो पर वर्षा करता हैं इसे मानसून प्रस्फोट यानी मानसून ब्रस्टर कहा जाता हैं। मानसून द्रारा लाई गई कुछ आर्दता का 65 फीसदी भाग अरब सागर से आता हैं।
अरब सागरीय मानसून की एक शाखा सिघं नदी के डेल्टा क्षेत्र से आगे बढ़कर राजस्थान के मरुस्थल से होती हुई सीधे हिमालय पर्वत से जा टकराती हैं और इसीलिए धर्मशाला के आस पास अधिक वर्षा होती हैं।
राजस्थान मे सागरीय मानसून मार्ग मे अवरोध न होने के कारण वर्षा का अभाव पाया जाता हैं, क्यूंकि अरावली पर्वत माला इसके सामानांतर पड़ती हैं।
बंगाल की खाडी़- इसरो, खासी और जयतिया पहाडियों पर बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं अधिक वर्षा लाती हैं जिसकी वजह से यहां स्थित मेघालय विश्व मे सबसे ज्यादा वर्षा प्राप्त करने वाला स्थान हैं। मानसून द्रारा लाई गई कुछ आवृता का 35 फीसदी भाग बंगाल की खाड़ी से आता हैं। मानसून की अरब शाखा तुलनात्मक रुप से अधिक शक्तिशाली होती हैं।
4. शरद ऋतु:-
इस ऋतु को मानसून पत्यावर्तन का काल ररिटी्टिग मानसून सीजन कहा जाता हैं। इस ऋतु मे बंगाल की खाडी और अरबसागर मे उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती हैं इन चक्रवातों से ओडिशा ,आंधप्रदेश, और पश्चिमी तटीय क्षेत्र मे गुजरात मे काफी क्षति पहुचति हैं।
कोपेन की योजना के अनुसार:भारत के जलवायु प्रदेश
1. Amw- लघु शुष्क ऋतु वाला मानसून प्रकार
क्षेत्र:- गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिमी तट
2. As:- शुष्क ग्रीष्म ऋतु वाला मानसून प्रकार
क्षेत्र- तमिलनाडु का कोरोमंडल तट
3. Aw:- उष्ण कटीबंधीय सवाना प्रकार
क्षेत्र:-कर्क वृर्त के दक्षिण में प्रायद्विपीय पठार का अधिकतर भाग
4. Bshw:- अर्द्ध शुष्क स्टेपी जलवायु
क्षेत्र – उत्तर-पश्चिमी गुजरात,पश्चिमी राजस्थान और पंजाब के कुछ भाग
5. BWhw:- गर्म मरुस्थल
क्षेत्र- राजस्थान का पश्चिमी भाग
6. Cwg:- शुष्क शीत ऋतु वाला मानसून प्रकार
क्षेत्र- गंगा का मैदान,पूर्वी राजस्थान,उत्तरी-मध्यप्रदेश,उत्तरपूर्वी भारत का अधिकतर भाग(प्रदेश)
7. Dfc:- लघु ग्रीष्म ठंडी आद्र ऋतु
क्षेत्र- अरुणाचल प्रदेश वाला जलवायु प्रदेश
8. E:- ध्रुवीय प्रकार
क्षेत्र:- जम्मु और कश्मीर,हिमाचल प्रदेश और उत्तरांचल
Climate of India important facts
- किसने कहा कि विश्व की समस्त प्रकार की जलवायु भारत में पाई जाती है? ➡मर्सडेन।
- विश्व में सबसे अधिक वर्षा कहां होती है। ➡मासिनराम।
- भारत में सबसे कम वर्षा कहां होती है ➡लेह
- जैसलमेर में औसत वार्षिक वर्षा कितनी होती है ➡ 12 सेमी।
- पुपरी अनुमंडल में तीव्रगामी वडोदरा का क्या नाम है➡ जेट प्रवाह।
- जेट प्रवाह की कौन सी शाखा भारत में शीतकालीन चक्रवात लाने में सहायक होती है➡ पश्चिमी।
- भारत के किस भाग में पश्चिमी विक्षोभ द्वारा शीत ऋतु में वर्षा होती है ➡उत्तर-पश्चिमी भारत।
- भारत के कौन से भाग में लौटते हुए मानसून द्वारा शीत ऋतु में वर्षा होती है➡कोरोमंडल तट( तमिलनाडु )
- देश में महाद्वीपीय जलवायु की स्थिति कौन उत्पन्न करता है➡हिमालय।
- शीत ऋतु की प्रमुख विशेषता क्या है ➡Paschimi vikshobh ( शीतोष्ण चक्रवात)
- पश्चिमी विक्षोभ किसके निकट उत्पन्न होते हैं ➡पश्चिमी एशिया एवं भूमध्य सागर।
- शीतकाल में रात्रि के तापमान में वृद्धि किस का सूचक माना जाता है ➡Paschimi vikshobh ke aane ka
- भारत में औसत वार्षिक वर्षा प्राप्त होती है- 112 से 125 सेमी के बीच।
- दक्षिणी भारत का सबसे गर्म महीना कौन सा होता है ➡अप्रैल।
- पहाड़ी बागों में सर्वाधिक गर्म महीना होता है ➡जुलाई।
- वर्षा ऋतु में किस समय वायुमंडल सर्वाधिक आद्र होता है ➡प्रातः काल में
- देश के पश्चिमोत्तर भाग में कौन सा मानसून पहले पहुंचता है ➡अरब सागर का मानसून।
- कौन सी मानसून शाखा देश में सर्वाधिक वर्षा करती है ➡बंगाल की खाड़ी मानसून।
- भारत में मानसून ठहरने की सबसे कम अवधि किस प्रदेश में पाई जाती है ➡पंजाब में
- भारत में किस प्रकार की वर्षा सर्वाधिक होती है ➡पर्वतीय वर्षा।
- जेट स्ट्रीम का सर्वाधिक औसत वेग कहां होता है ➡उपोष्णकटिबंधीय उच्च वायुदाब क्षेत्रों के ऊपर।
- भारत की दक्षिणतम पर्वत चोटी है-➡महेंद्र गिरी (1654मी.)
- महाराष्ट्र के नागपुर पठार पर किस प्रकार की वर्षा होती है- चक्रवाती वर्षा।