Finance Commission (वित्त आयोग)
वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत हर पांच साल में होता है।
Finance Commission केंद्र से राज्यों को मिलने वाले अनुदान के नियम भी तय करता है। वित्त_आयोग में अध्यक्ष के अलावा 4 सदस्य होते हैं।
Finance Commission संबंधित नीति और नियामकों में बदलाव कर इन्हें व्यापार के अनुरूप बनाने के साथ श्रम सुधार को बढ़ावा देने में हुई प्रगति की जांच भी करता है।
राज्य वित्त_आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में पंचायत तथा अभी तक भारत में कुल 14 वित्त आयोग का गठन किया जा चुका है।
चौदहवें Finance Commission का गठन 2 जनवरी 2013 को हुआ था। इसकी संस्तुतियां 1 अप्रैल 2015 से पांच साल के लिए लागू हुईं थी, जिसका कार्यकाल 31 मार्च 2020 को समाप्त हो जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 280 में Finance Commission के गठन का प्रावधान किया गया है।
वित्त_आयोग के गठन का अधिकार राष्ट्रपति को दिया गया है। वित्त_आयोग में राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यक्ष व चार अन्य सदस्य नियुक्त किए जाते हैं।
नोट:- पहला वित्त आयोग 1951 में गठित किया गया था इसके प्रथम अध्यक्ष के सी नियोगी थे।
भारत के वित्त आयोग के नए वित्त सचिव अरविंद मेहता है और सयुक्त सचिव के रूप में एम.एस. भाटिया को नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री योजना आयोग, राष्ट्रीय एकीकरण परिषद, राष्ट्रीय विकास परिषद की अध्यक्षता करता है लेकिन वित्त आयोग की नहीं करता है।
राष्ट्रपति द्वारा वित्त_आयोग का गठन 5 वर्षों में किया जाता है। वित्त बिल के लिए भारत के राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है। 14 वित्त आयोग का गठन भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई वी रेड्डी की अध्यक्षता में किया गया। वर्तमान में 15 वे वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह हैं।
चौथे वित्त_आयोग में अध्यक्ष के अलावा 4 सदस्य तथा एक सचिव है।
राज्य वित्त आयोग ( State finance commission )
भारत के संविधान में राज्य वित्त_आयोग के गठन का प्रावधान 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के द्वारा किया गया। भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत राज्य के राज्यपाल इस प्रावधान के लागू होने के 1 वर्ष के भीतर तथा उसके पश्चात प्रत्येक 5 वर्ष की समाप्ति पर राज्य वित्त_आयोग का गठन करेगा।
राज्य वित्त आयोग का कार्य पंचायतों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना और इस संदर्भ में राज्यपाल को रिपोर्ट देना है।