IAS Nisha Grewal – इस लेख के माध्यम से आईएएस निशा ग्रेवल के बारे में जानेंगे उन्होंने कैसे 23 साल की उम्र में आईएएस टॉप किया आज इसी लेख के माध्यम से उसकी पूरी जानकारी दी गई है इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़े
IAS Nisha Grewal: पहले ही प्रयास में यूपीएससी टाॅप करने वाली 23 साल की लड़की, जानिए निशा ग्रेवाल की सफलता की कहानी
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर साल आयोजित होने वाली सिविल सर्विसेज की परीक्षा में हजारों अभ्यर्थियों के सपने पूरे होते हैं। हर साल कई अभ्यर्थी कड़े परिश्रम के बाद सफल होते हैं। इसके पीछे उनकी मेहनत, लगन होने के साथ ही परिवार का साथ होता है।
कई अभ्यर्थियों की सफलता प्राप्त करने और आईएएस पीसीएस करने तक की कोई न कोई प्रेरित करने वाली कहानी होती है। भारत में जब भी कोई बेटी बड़े पद पर आती है तो ये पूरे देश के लिए सम्मान की बात होती है।
पुरुष प्रधान देश में लड़कियों की तरक्की और उत्थान के मार्ग अब बनते जा रहे हैं। ऐसे में लड़कियों को परिवार के साथ ही समाज भी प्रोत्साहित कर रहा है। ( IAS Nisha Grewal )
IAS Nisha Grewal ka itihaas
निशा ग्रेवाल कौन हैं?
निशा ग्रेवाल ने यूपीएससी 2020 की परीक्षा में 51 रैंक हासिल की है। निशा हरियाणा की रहने वाली है। वहां भिवानी जिले के एक छोटे से गांव में उनका जन्म हुआ। निशा के पिता बिजली विभाग में कार्यरत हैं। वहीं उनकी मां गृहणी हैं।
निशा ग्रेवाल की शिक्षा
आईएएस निशा ग्रेवाल की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने 12वीं की परीक्षा अच्छें अंकों से पास करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद निशा ग्रेवाल ने प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए तैयारी शुरू की। ( IAS Nisha Grewal )
इसी कड़ी में यूपीएससी 2020 का परिणाम जारी होने के बाद कई लड़कियों के सपने साकार हुए। उन्हीं में से एक टाॅपर हैं, निशा ग्रेवाल। हरियाणा के भिवानी जिले के छोटे से गांव में रहने वाली निशा ग्रेवाल ने यूपीएससी 2020 परीक्षा में 51वीं रैंक हासिल की है। चलिए जानते हैं निशा ग्रेवाल की सिविल सर्विसेज एग्जाम में टॉप करने की कहानी।
निशा ग्रेवाल जीवनी
निशा हरियाणा के बामला नाम के छोटे से गांव की रहने वाली हैं। वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता का नाम सुरेंद्र ग्रेवाल है। वह विद्युत विभाग में कर्मचारी के पद पर कार्यरत है। उनकी मां का नाम प्रोमिला ग्रेवाल है। वह एक गृहिणी हैं। परिवार के सबसे बड़े सदस्य उनके दादा हैं, उनका नाम रामफल सिंह ग्रेवाल है, वह गणित विषय के सेवानिवृत्त शिक्षक हैं।
निशा कहती हैं कि उनकी सफलता का श्रेय उनके दादा को जाता है क्योंकि उन्होंने उन्हें प्रेरित किया और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में उनकी मदद की। भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी मिस ग्रेवाल ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा भिवानी पब्लिक स्कूल से की जो भिवानी में स्थित है। ( IAS Nisha Grewal )
आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चली गईं और दिल्ली के मिरांडा हाउस में दाखिला लिया। 2019 में, उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से राजनीति विज्ञान में बीए किया।
निशा ने ऐसे की यूपीएससी की तैयारी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, निशा ने यूपीएससी परीक्षा के लिए एनसीईआरटी की किताबों का सहारा लिया और इनसे अपना बेस मजबूत किया। फिर स्टैंडर्ड बुक्स से आईएएस की तैयारी की। इतना ही नहीं निशा ने पढ़ाई के लिए इंटरनेट का भी सहारा लिया। इंटरनेट पर मौजूद मैटेरियल को भी एकत्र किया और रिवीजन किया। निशा हर दिन करीब 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थीं।
पहले ही प्रयास में पास की आईएएस की परीक्षा
निशा ग्रेवाल की सफलता इसलिए भी खास है कि वह मात्र 23 साल की हैं और अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2020 न केवल पास की, बल्कि 51वीं रैंक भी हासिल की।
टीचर दादा ने किया सपोर्ट
निशा की कामयाबी के पीछे उनके दादा का भी बड़ा रोल है। निशा के दादा का नाम रामफल ग्रेवाल है और वह पेशे से टीचर हैं। उन्होंने निशा की यूपीएससी की तैयारी में काफी सपोर्ट किया। पढ़ाई में वह निशा की मदद करते थे। ( IAS Nisha Grewal )
23 की उम्र में आईएएस अधिकारी बने
निशा ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की और सिविल सेवा परीक्षा 2020 में अखिल भारतीय रैंक 51 हासिल करके आईएएस अधिकारी बन गई। जिस समय उसने परीक्षा में सफलता हासिल की, उस समय वह केवल 23 वर्ष की थी।
निशा ग्रेवाल रैंक
भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा ग्रेवाल ने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा 2020 में अखिल भारतीय रैंक 51 हासिल की। वह अपने पहले प्रयास में गौरव घर ले आई। उसने बाधाओं को निराश नहीं होने दिया, उसने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और परीक्षा को पास किया।
यूपीएससी साक्षात्कार
इंटरव्यू के दौरान निशा ने अपने सफर के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि तैयारी के दौरान उम्मीदवारों का डिमोटिवेट होना बहुत सामान्य बात है। वह भी उसी दौर से गुजरी। लेकिन उस समय उनके परिवार ने उनका बहुत साथ दिया और उन्हें हार न मानने के लिए प्रेरित किया।
उसने कहा कि यह एक सच्चाई है कि आपकी मेहनत देर-सबेर रंग लाएगी, इसलिए काम करते रहें। जब तक रिजल्ट नहीं आएगा तब तक आपके मन में यह संशय बना रहेगा कि आप परीक्षा पास करेंगे या नहीं।
भले ही आपने अपना सर्वश्रेष्ठ किया क्योंकि आप परिणाम की भविष्यवाणी नहीं कर सकते, प्रत्येक क्षण अनिश्चितता से भरा होता है। तो उसने अपने साक्षात्कार के बाद जो कहा, उसने यूपीएससी की अगली परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने उम्मीदवारों से कहा कि योग करें क्योंकि इससे तनाव से निपटने में मदद मिलेगी। क्योंकि इस तरह की स्थितियों में तनाव आप पर हावी हो जाता है।
इंटरव्यू के दौरान निशा से एक सवाल पूछा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों की कई लड़कियां ऐसी हैं जिनमें क्षमता है लेकिन आर्थिक पृष्ठभूमि और परिवार के कारण वे अपने सपनों को हासिल नहीं कर पा रही हैं, तो आप उन युवा आकांक्षी लड़कियों से क्या कहना चाहती हैं? उसने जवाब दिया कि यह सच है कि सभी को समान विशेषाधिकार नहीं मिलते हैं, ऐसे कई लोग हैं जो अत्यधिक चुनौतियों का सामना करते हैं।
उसने कहा, आप इसे तभी बड़ा बना सकते हैं जब आप कुछ बड़ा हासिल करें। वह 18 साल तक अपने छोटे से गाँव में रही और गाँव की सभी बुनियादी गाँव की लड़की कुएँ से पानी लाने से लेकर परिवार के लिए खाना बनाने तक का काम करती थी। इसलिए उसने कहा कि उसने कठिन समय में हर चीज का आनंद लिया क्योंकि वह जानती थी कि यह सिर्फ एक चरण है और उसने इससे सीखा।
इसलिए उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सामाजिक मानसिकता बदल रही है, युवा लड़कियों को भी अवसर मिल सकता है। तब तक हमें अपने समाज को शिक्षित करना है और भारत को एक बेहतर जगह बनाना है। सबको अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिलना चाहिए।
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संक्षेप में
इस लेख के माध्यम से आईएएस निशा ग्रेवल के इतिहास के बारे में जाना उन्होंने कैसे 23 साल की उम्र में आईएएस टॉप किया उसके बारे में पूरी डिटेल से जानकारी दी गई है ! ( IAS Nisha Grewal )