Passes
भारत के मुख्य दर्रे (Passes)
जम्मू-कश्मीर
1. अघील: यह कराकोरम में स्थित भारत की सबसे ऊंची चोटी K2 के उत्तर में स्थित है यह समुन्दर तल से लगभग 5000 मीटर की ऊंचाई पर है और भारत के लद्दाख को चीन के एक्सिन्जियांग (सिकियांग) प्रांत से मिलाता है अधिक ऊंचाई पर स्थित होने तथा पर्वतों द्वारा घिरे रहने के कारण यह नवम्बर से मई के प्रथम सप्ताह तक बंद रहता है
दर्रे Passes
2. बनिहाल: यह पीर पंजाल पर्वत श्रंखला में 2832 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यहां शीत ऋतु में हिमपात होता है जिस कारण यह आवागमन के लिए उपयुक्त नहीं रहता। दिसंबर 1956 में यहां वर्ष पर आवागमन के लिए एक सुरंग बनाई गई थी, जिसका नाम देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर जवाहरलाल सुरंग रखा गया।
3. बारालाचा : यह जम्मू- कश्मीर में लगभग 5045 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इसमें से बहुत ऊंचा मनाली से लेह सड़क मार्ग गुजरता है यहां शीत ऋतु में हिमपात होता है और यह नवम्बर से मई के मध्य तक बंद रहता है
4. चांग ला : लगभग 5270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा लद्दाख को तिब्बत से मिलाता है यहां पर चांगला बाबा का मंदिर है जिसके नाम पर इस दर्रे का नामकरण किया गया है हिमपात के कारण यह शीत ऋतु में बंद रहता है
5. खूजराव : यह कराकोरम पर्वत श्रंखला में 5000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है और लद्दाख को चीन के सिक्यांग प्रांत से मिलाता है
6. लानक ला : यह जम्मू- कश्मीर के चीन अधिकृत अक्साई चीन इलाके में स्थित है और लद्दाख तथा तिब्बत की राजधानी लासा के बीच संपर्क स्थापित करता है चीन ने सामरिक दृष्टि से इस दर्रे में से गुजरती हुई सिकियांग को तिब्बत से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण किया है
7. पीर पंजाल : यह दर्रा पीर पंजाल पर्वत में है और मुगल राजमार्ग पर जम्मू से श्रीनगर जाने का परंपरागत मार्ग है परंतु देश के विभाजन के बाद इसे बंद कर दिया गया।
8. कारा ताघ : यह कराकोरम पर्वत पर 6000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है और हिमपात के कारण वर्ष की अधिकांश अवधि में बंद ही रहता है
9. खारदुंग : यह जम्मू-कश्मीर के कराकोरम पर्वत में 6000 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित है इस दर्रे में से भारत की सबसे ऊंची सड़क गुजरती है परंतु यह हिमपात के कारण शीत ऋतु में बंद रहता है
10. थांग ला : यह जम्मू- कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में 5359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इस दर्रे में से खारदुंग के बाद दूसरी सबसे ऊंची सड़क गुजरती है
11. इमिस ला : लगभग 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा लद्दाख को तिब्बत से मिलाता है यहां पर भूमि बहुत उबड़ खाबड़ है और डाल काफी तीव्र है जिस कारण से इसका अधिक उपयोग नहीं किया जाता यह शीत ऋतु में बंद हो जाता है
12. पेन्सी ला : यह महान हिमालय में 5000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर जोजी ला के पूर्व में स्थित है यह कश्मीर घाटी को कारगिल से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी है परन्तु यह शीत ऋतु में हिमपात के कारण नवम्बर से मई मध्य तक बंद रहता है
13. जोजी ला : लगभग 3850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा श्रीनगर तथा कार्गिल एवं लेह के बीच सम्पर्क स्थापित करने में सहायता देता है यहां पर सड़कों के निर्माण तथा रखरखाव का काम सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाता है इसके सामरिक महत्व को देखते हुए श्रीनगर से जोजी ला सड़क को राष्ट्रीय महामार्ग NH-ID घोषित किया गया है
हिमाचल प्रदेश
1. देबसा : यह हिमाचल प्रदेश के महान हिमालय में कुल्लू एवं स्पीती के बीच लगभग 5270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इससे कुल्लू तथा स्पीती के बीच छोटे मार्ग का निर्माण हो गया है
2. रोहतांग : लगभग 3970 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा हिमाचल प्रदेश की लाहौल एवं स्पीती घाटियों के बीच संपर्क स्थापित करता है border road Organisation (BRO) ने इस दर्रे में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण किया है जिस पर सेना तथा आम जनता के वाहनों की भीड़ लगी रहती है यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है
3. शिपकी ला : यह झेलम महाखडड पर 6000 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित है और हिमाचल प्रदेश को तिब्बत से मिलाता है शीत ऋतु में हिमपात के कारण यह बंद रहता है
उत्तराखंड
1. लीपु लेख : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित यह दर्रा उत्तराखंड को तिब्बत से मिलाता है विश्व की सबसे कठिन पवित्र मानसरोवर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्री इसी दर्रे Passes से होकर जाते हैं
2. माना : यह उत्तराखंड के महान् हिमालय में हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक स्थल बद्रीनाथ के मंदिर से कुछ ही दूर लगभग 5611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और उत्तराखंड को तिब्बत से मिलाता है
3. मंगसा धुरा : यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगभग 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है मानसरोवर के लिए जाने वाले तीर्थ यात्री इस दर्रे Passes का भी प्रयोग करते हैं
4. निती : यह भी उत्तराखंड में लगभग 5068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और उत्तराखंड को तिब्बत से मिलाता है यह नवंबर से मई तक बंद रहता है
5. मुलिंग ला : यह गंगोत्री के उत्तर में स्थित है और उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है भारी हिमपात के कारण यह शीत ऋतु में बंद रहता है
सिक्किम
1. नाथू ला : यह भारत-चीन सीमा पर लगभग 4310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह प्राचीन सिल्क मार्ग की प्रशाखा का अंग था और यहां से भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध थे 1962 में चीन द्वारा भारत पर आक्रमण के बाद इसे बंद कर दिया गया था। परंतु 44 वर्ष बाद सद्भावना के प्रतीक के रूप में 2006 में इसे फिर खोल दिया गया इस दर्रे Passes कैलाश मानसरोवर के तीर्थ यात्रियों के लिए 2015 में एक अन्य मार्ग खोला गया है
2. जेलेप ला : यह सिक्किम- भूटान सीमा पर 4538 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और चुम्बी घाटी द्वारा सिक्किम का लासा (तिब्बत) से संपर्क स्थापित करता है
अरुणाचल प्रदेश
1. बोमडी ला : यह भूटान के पूर्व तथा भारत-चीन सीमा के थोड़ा सा दक्षिण में महान हिमालय में लगभग 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह अरुणाचल प्रदेश का लासा से संपर्क कराता है हिमपात तथा खराब मौसम के कारण यह शीत ऋतु में बंद रहता है
2. दिहांग : यह अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है और इस राज्य को म्यामार के मांडले से मिलाता है
3. दिफ़ू : यह भी इस राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है और म्यामार के मांडले को छोटा मार्ग उपलब्ध कराता है यह भारत तथा म्यामार के बीच परंपरागत मार्ग है और इस पर ऋतु का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अतः यह सारा साल यातायात के लिए खुला रहता है
4. लिखापानी : यह भी अरुणाचल प्रदेश का संपर्क मांडले से कराता है और सारा साल खुला रहता है
5. यांगसान : लगभग 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा Passes अरुणाचल प्रदेश तथा म्यामार के मांडले में संपर्क स्थापित करता हैै।।