व्यक्तित्व – अर्थ सिध्दांत
व्यक्तित्व के सिद्धांत ( Principles of personality )
मनोविश्लेषण सिद्धांत ➖फ्रायड
आत्मज्ञान का सिद्धांत ➖हर्ज वर्ग मास्लो
रचना का सिद्धांत➖ शेल्डन
आलपोर्ट का सिद्धांत ➖आलपोर्ट
नव फ्रायड सिद्धांत ➖ एरिक्सन एरिक्फ्राम
जीव सिद्धांत ➖गोल्डस्टीन
एब्राहम मैसलो: व्यक्तित्व का मानवतावादी सिद्धान्त ( Abraham Misllo: The Humanitarian Principle of Personality )
एब्राहम मैसलो मानवतावादी मनोविज्ञान के आध्यात्मिक जनक माने गए है।
मैसलो ने अपने व्यक्तित्व सिद्धान्त में प्राणी के अनूठापन का उसके मूल्यों के महत्व पर तथा व्यक्तिगत वर्धन तथा आत्म निर्देश की क्षमता पर सर्वाधिक बल डाला है।
इस बल के कारण ही उनका मानना है कि सम्पूर्ण प्राणी का विकास उसके भीतर से संगठित ढंग से होता है। इन आन्तरिक कारकों की तुलना में बाहय कारकों जैसे गत अनुभूतियों का महत्व नगण्य होता है।
व्यक्तित्व एवं अभिप्रेरण का पदानुक्रमिक मॉडल ( Hierarchical model of personality and motivation )
मैसलो के व्यक्तित्व सिद्धान्त का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसका अभिप्रेरण सिद्धान्त है। इनका विश्वास था कि अधिकांश मानव व्यवहार की व्याख्या कोइ न कोइ व्यक्तिगत लक्ष्य पर पहुंचने की प्रवृत्ति से निर्देशित होता है।
मैसलों का मत था कि मानव अभिप्रेरक जन्मजात होते है और उन्हें प्राथमिकता या शक्ति के आरोही पदानुक्रम में सुव्यवस्थित किया जा सकता है।
ऐसे अभिप्रेरकों को प्राथमिकता या शक्ति के आरोही क्रम में इस प्रकार बतलाया गया है-
- शारीरिक या दैहिक आवश्यकता
- सुरक्षा की आवश्यकता
- संबंद्धता एवं स्नेह की आवश्यकता
- सम्मान की आवश्यकता तथा
- आत्म सिद्धि की आवश्यकता
इनमें से प्रथम दो आवश्यकताओं अर्थात शारीरिक या दैहिक आवश्यकता तथा सुरक्षा की आवश्यकता को निचले स्तर की आवश्यकता तथा अन्तिम तीनआवश्यकताओं अर्थात संबंद्धता एवं स्नेह की आवश्यकता, सम्मान की आवश्यकता तथा आत्म सिद्धि की आवश्यकता को उच्च स्तरीय आवश्यकता कहा है।
इस पदानुक्रम मॉडल में जो आवश्यकता जितनी ही नीचे है, उसकी प्राथमिकता या शक्ति उतनी ही अधिक मानी गयी है।
मनोवैज्ञानिक गुणो के आधार पर व्यक्तित्व ( Personality based on psychological properties )
युंग (1923) ने व्यक्तित्व के 3 प्रकार बताये-
- बर्हिमुखी – इस तरह के व्यक्ति की अभिरूचि विशेषकर समाज के कार्यो की ओर होती है। वह अन्य लोगों से मिलना जुलना पसन्द करता है तथा प्राय: खुशमिजाज होता है।
- अन्तर्मुखी – ऐसे व्यक्ति में बहिमुर्खी के विपरीत गुण पाये जाते है। इस तरह के व्यक्ति बहुत लोगों से मिलना जुलना पसंद नही करते है और उनकी दोस्ती कुछ ही लोगों तक सीमित होती है। इसमें आत्मकेन्द्रिता का गुण अधिक पाया जाता है।
- उभयमुखी- इस प्रकार के व्यक्ति में अंतर्मुखी एवं बहुमुखी दोनों गुण पाये जाते हैं।
व्यक्तित्व का पंच कारक मॉडल ( Personality factor of 5 factor )
निकट के वर्षों में आधारभूत व्यक्तित्व विशेषको की संख्या को लेकर उत्पन्न हुए मत वैभिन्य से एक रुचिकर दिशा परिवर्तन हुआ है, पाल काष्टा तथा रॉबर्ट मेकरे ने सभी संभावित व्यक्तित्व विशेषको की जांच कर पांच कारकों के एक समुच्चय के बारे में जानकारी दी है, नारमेन ने इन्हें बिग फाइव की संज्ञा दी यह पांच कारक निम्न है
1 अनुभवों के लिए खुलापन
2 बहिर्मुखता
3 सहमति शीलता
4 तंत्रिका ताप
5 अंतरविवेक शीलता
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