Political party
Political party (राजनीतिक दल)
देश के मान्यता प्राप्त Political party
भारत में कांग्रेस की स्थापना लॉर्ड डफरिन के दिमाग की उपज थी लॉर्ड डफरिन ने ही कांग्रेस को पागलों की सभा ,बचकाना तथा बाबूओ की संसद कहा था
कांग्रेस का सामान्य अर्थ लोगों का समूह होता है जिसका सर्वप्रथम प्रयोग USA में हुआ था कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 में मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में दोपहर 2:00 बजे 72 प्रतिनिधियों के साथ हुई
दादा भाई नौरोजी को ही भारत का वयोवृद्ध पुरुष कहा जाता है यह प्रथम भारतीय जिसने ब्रिटेन की संसद में चुना गया दादाभाई नौरोजी ने पहली बार “पावर्टी एंड अन ब्रिटिश रूल इन इंडिया” नामक पुस्तक में धन निष्कासन का सिद्धांत दिया और पहली बार में राष्ट्रीय आय की थी थी गणना की थी
कांग्रेस के 1896 के कोलकाता अधिवेशन में पहली बार राष्ट्रीय गीत को गाया जिसके अध्यक्ष वहीं तुल्ला सहानी थे राष्ट्रीय गीत को 65 सेकंड में गाया जाता है 1996 में राष्ट्रीय गीत का शताब्दी वर्ष मनाया गया
स्वराज्य शब्द स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा दिया गया लेकिन स्वराज्य शब्द का सार्वजनिक रूप से प्रयोग करने वाला प्रथम महापुरुष लोकमान्य तिलक थे
1916 के लखनऊ अधिवेशन में पहली बार मुस्लिम लीग व कांग्रेस में समझौता हुआ जिसकी अध्यक्ष अंबिका चरण थी, इसी अधिवेशन के तहत गरम दल और नरम दल का एकीकरण हुआ
एनी बेसेंट आयरलैंड की थी इसीलिए इन्हें आयरन लेडी गौमाता वसंत कहा जाता है, 1917 के कोलकाता अधिवेशन की अध्यक्षता एनी बेसेंट ने की थी यह प्रथम महिला कांग्रेस अध्यक्ष थी इसी अधिवेशन में तिरंगे झंडे को पहली बार राष्ट्रीय ध्वज के रूप में मान्यता दी गई
1924 के कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता महात्मा गांधी ने (पहली व आखरी बार) बेलगांव में कि इसी अधिवेशन में पहली बार हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया।
1925 के कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता सरोजिनी नायडू द्वारा की गई यह प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष थी इसी अधिवेशन में पहली बार झंडा गीत विजयी विश्व तिरंगा प्यारा गाया गया जिसके लेखक श्यामलाल पार्षद थे
भारत की कोकिला सरोजिनी नायडू को स्वर कोकिला लता मंगेशकर को कहते हैं तो भारत में क्रांति मां मैडम भीकाजी को कहते हैं
1936 का कांग्रेस अधिवेशन फैजपुर(यूपी) में हुआ जो कांग्रेस का गांव में आयोजित एकमात्र अधिवेशन था जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किस अधिवेशन में पहली बार संविधान सभा के गठन की मांग की गई
1938 के हीरापुर अधिवेशन की अध्यक्षता सुभाष चंद्र बोस ने की सुभाष चंद्र बोस को नेताजी की उपाधि एडोल्फ हिटलर ने दी
मौलाना अबुल कलाम कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष और लगातार सबसे अधिक समय तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री बने इसी कारण इन्हीं के जन्मदिन पर शिक्षा दिवस( 11 नवंबर )मनाया जाता है
दादाभाई नौरोजी वह पंडित जवाहरलाल नेहरु ने ही कांग्रेस की अध्यक्षता सर्वाधिक तीन-तीन बार की थी कांग्रेस के सर्वाधिक 10 अधिवेशन कोलकाता में हुए
कांग्रेस का दूसरा विभाजन 1978 में (पहला 1969 में )पहला विभाजन इंदिरा कांग्रेस और दूसरा ब्रह्मानंद रेड्डी कांग्रेस के नाम से हुआ
Political party स्वैच्छिक संगठन अथवा लोगों के वह संगठित समूह होते हैं जिनका दृष्टिकोण समान होता है तथा जो संविधान के प्रावधानों के अनुसार देश को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
वर्तमान लोकतांत्रिक राज्यों में चार प्रकार के राजनीतिक दल होते हैं।
- प्रतिक्रियावादी राजनीतिक दल– वे दल जो पुरानी सामाजिक आर्थिक तथा राजनीतिक संस्थाओं से चिपके रहना चाहते हैं।
- रूढ़िवादी दल– वे दल जो यथा स्थिति वाद को महत्व देते हैं।
- उदारवादी दल– जिन दलों का लक्ष्य विद्यमान संस्थाओं में सुधार करना है।
- सुधारवादी दल– जिन दलों का उद्देश्य मौजूद व्यवस्था को बदल कर नई व्यवस्था स्थापित करना होता है।
दलीय व्यवस्था
- एक दलीय व्यवस्था
- द्विदलीय व्यवस्था।
- बहुदलीय व्यवस्था।
“राष्ट्रीय दलों के रूप में मान्यता के लिए दशाएं”
1. यदि वह दल लोकसभा अथवा विधानसभा के आम चुनाव में 4 अथवा अधिक राज्यों में वैध मतों का 6% मत प्राप्त करता है तथा इसके साथ वह किसी राज्य या राज्यों में लोकसभा में 4 सीट प्राप्त करता है।
2. यदि कोई दल लोकसभा में 2% स्थान जीतता है तथा यह सदस्य तीन विभिन्न राज्यों से चुने जाते हैं।
3. यदि कोई दल कम से कम 4 राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हो।
राज्य स्तरीय दलों की मान्यता के लिए दशाएं_
1. यदि उस दल ने राज्य की विधानसभा के आम चुनाव में उस राज्य से हुए कुल वैध मतों का 6% प्राप्त किया हो तथा इसके अतिरिक्त उसने संबंधित राज्य में 2 स्थान प्राप्त किए हो।
2. यदि वह दल राज्य की लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में उस राज्य से हुए कुल वैध मतों का 6% प्राप्त करता है तथा इसके अतिरिक्त उसने संबंधित राज्य में लोकसभा की कम से कम 1 सीट जीती हो।
3. यदि उस दल ने राज्य की विधानसभा की कुल स्थानों का 3% या 3 सीटें जो भी ज्यादा हो प्राप्त किए हो।
4. यदि प्रत्येक 25 सीटों में से उस दल ने लोकसभा की कम से कम 1 सीट जीती हो या लोकसभा के चुनाव में उससे संबंधित राज्य में उसे विभाजन से कम से कम इतनी सीटें प्राप्त की हो।
5. यदि यह राज्य में लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में अथवा विधानसभा चुनाव में कुल वैध मतों का 8% है प्राप्त कर लेता है यह शर्त वर्ष 2011 से जोड़ी गई है।