Programs and schemes कमजोर वर्गों के लिए कार्यक्रम व योजनाएं )
1. राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना ( Rajasthan Annapoorna Milk Scheme )
Programs and schemes
राजस्थान सरकार ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे उन छात्रों के नामांकन में वृद्धि, ड्रॉप-आउट को रोकने, और पौष्टिक स्तर को बढ़ाने के लिए मध्य-भोजन भोजन योजना के लिए राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की है।
छात्रों का इसके लिए, मिड डे मील के आयुक्त प्रति छात्र एक लीटर दूध की मात्रा दी जाएगी और हर स्कूल में दूध के लिए डेयरी के अलावा जहां से भी हो निर्देश दिए जाएँगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह व्यवस्था जुलाई 2018 से शुरू होने वाले सत्र से लागू की जाएगी।
- राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत, सरकारी स्कूलों में –
- कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर दूध दिया जाएगा।
- कक्षा 6 से 8 के छात्रों को 200 एमएल स्कूलों में दूध प्रदान किया जाएगा।
- यह योजना उन बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए है जो दूध नहीं ले सकते हैं।
- दूध वितरण स्कूल प्रबंधन समितियों के मार्गदर्शन में किया जाएगा।
राजस्थान अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत एक सप्ताह में 3 बार दूध प्रदान किया जाएगा शहरी इलाकों में, गर्म दूध सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को और ग्रामीण क्षेत्रों में, मंगलवार, गुरुवार और शनिवार या शहरी क्षेत्रों के समान प्रदान किया जाएगा। प्रार्थना बैठक के बाद दूध दिया जाएगा।
अन्नपूर्णा दूध योजना के लाभ:-
- राज्य सरकार इस योजना को समाज के गरीब वर्गों के छात्रों को दूध प्रदान करने के लिए शुरू करेगी जो दूध की आपूर्ति नहीं कर सकते हैं |
- दूध एक आवश्यक भोजन है और इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं, बच्चों के उचित पोषण को सुनिश्चित करेगी और इस प्रकार उन्हें स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करने में मदद करेगी |
- मानव शरीर के समग्र विकास और पुरानी बीमारियों की रोकथाम के लिए दूध आवश्यक है
2. ई- सखी योजना ( E- Sakhi scheme )
डिजिटल राजस्थान के संबंध में हर व्यक्ति में राज्य सरकार की सार्वजनिक कल्याण योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ई-सखी योजना शुरू की गई है। इस योजना में, राज्य में ई-स्कूलों के रूप में लगभग 1.5 लाख महिलाएं चुनी जाएंगी।
ई-सखी योजना के लिए, हर आठवें व्यक्ति को प्रत्येक गांव से चार से पांच और शहरी उपनगरीय क्षेत्रों के हर वार्ड में चुना जाएगा। ई-सखी बनने की इच्छा रखने वाली महिलाएं Google Play Store पर उपलब्ध ई-सखी मोबाइल ऐप के माध्यम से अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर सकती हैं। पंजीकरण करने से पहले, ई-सखी के पास एसएसओ होना चाहिए।
http://sso.rajasthan.gov.in/register वेब पोर्टल पर जाकर उपलब्ध विकल्पों के आधार पर एक एसएसओ बना सकता है।
3. मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना ( Chief Minister’s Higher Education Scholarship Scheme )
राजस्थान सरकार ने राज्य के मेधावी छात्रों के लिए राजस्थान मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया है। इस छात्रवृत्ति योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले हर छात्र को छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए ताकि वह स्वयं निर्भर हो सके।
राज्य सरकार प्रमुख छात्र छात्रावास योजना के तहत छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। केवल राजस्थान के स्थायी निवासी इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। जो छात्र अजमेर के राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12 वीं परीक्षा उत्तीर्ण की है, इस वर्ष में न्यूनतम 60 प्रतिशत और बोर्ड की प्राथमिकता सूची में पहले एक लाख में एक जगह हासिल करनी होगी।
जिन छात्रों ने सरकार द्वारा किसी अन्य छात्रवृत्ति का लाभ उठाया है, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। इस योजना के लिए, छात्र का किसी भी बैंक में खाता होना चाहिए।
4. राजस्थान पद्माक्षी पुरस्कार योजना ( Rajasthan Padmakshi Award Scheme )
इस_राजस्थान_पद्माक्षी पुरस्कार_योजना के तहत लाभ 8 वीं, 10 वीं और 12 वीं कक्षा की मेधावी लड़कियों को प्रदान किए जाएंगे।
इस योजना_के तहत, एक पुरस्कार राशि के रूप में 8 वीं कक्षा की मेधावी छात्राओं के लिए 40 हजार रूपये और कक्षा 10 में सबसे जयादा अंक अर्जित करने वाली छात्राओं के लिए 75 हजार रूपये तथा कक्षा 12 में सबसे जयादा अंक अर्जित करने वाली छात्राओं के लिए 1 लाख रूपये की राशी का वितरण किया जाएगा।
इस योजना के तहत, 10 वीं और 12 वीं की मेधावी छात्राओं को राज्य द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। इस पुरस्कार योजना के अंतर्गत, 4 छात्राओं को 31 सौ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
5. राजश्री योजना ( Rajshri Yojana )
1 जून, 2016 से शुरू मुख्यमंत्री “शुभ लक्ष्मी योजना “का परिवर्तन “राजश्री योजना” नाम कर दिया गया है । बालिका कल्याण की इस महत्वकांक्षी योजना में अभ्यर्थियों को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक प्रोत्साहन दिया जायेगा ।
मुख्यमंत्री राजश्री योजना के जन्म से लेकर 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक अलग-अलग किस्तों में ₹50000 की राशि दी जाएगी ।
मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत जिले के सभी शिक्षा संस्थानों तथा जेएसवाई में अधिस्वीकृत निजी शिक्षण संस्थानों पर बालिका के जीवित जन्म का प्रथम किस्त के रूप में देय राशि 2500 रुपये ,बालिका 1 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद तथा टीकाकरण की शर्त के रूप में देय राशि 2500 रुपये मिलेगी ।
इसके बाद बालिका स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश पर 5000 रुपये , 10 वीं कक्षा में प्रवेश पर 11,000 रुपये और राजकीय विद्यालय से 12 वी कक्षा उतीर्ण करने पर ₹25000 की राशि दी जाएगी ।
इस योजना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए योजना को भामाशाह कार्ड से भी जोड़ा जाएगा ।
6. श्रमिक कल्याण कार्यक्रम ( Labor welfare program )
अटल पेंशन योजना:- 1 जून 2005 मे
इसके तहत 60 साल की उम्र के बाद 5000 रुपए तक पेशन मिलेगी। स्वावलंबन योजना के मौजूद अंशधारक अगर इससे बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते है तो वे स्वत: एपीवाई पेंशन योजना मे आ जाएंगे। बयान के अनुसार एपीवाई के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल तथा अधिकतम उम्र 40 साल हैं ।
राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना ( National child labor project ) :-
बाल श्रमिकों को जोखिमपूर्ण कार्यो/ व्यवसायों से मुक्त कराकर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना।
कर्मचारी राज्य बीमा योजना ( Employee state insurance scheme ):-
दिनांक 2 दिसम्बर,1956 मे क्रियाशील यह योजना एक विशिष्ट प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजना हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य विभिन्न उधोगों एवं कल कारखानों मे कार्यरत बीमित श्रमिकों एवं उनके परिवारजनों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाया जाना हैं।
इस योजना मे चार चिकित्सालय- : कोटा,जोधपुर, भीलवाड़ा, व पाली मे।
श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्रारा मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रम अधिनियम बनाए गए हैं:-
- कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923
- मातृत्व हितलाभ अधिनियम,1961
- उपादान भुगतान अधिनियम, 1972
- कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम,1948
- कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952
असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008:- केन्द्र सरकार द्रारा असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम,2008 दिनांक 31 दिसंबर,2008 को अधिसूचित किया गया। जिसे 16 मई, 2009 से प्रभावी किया गया था।
7. प्रधानमंत्री आवास योजना ( Prime minister housing scheme )
18 मार्च ,2017 को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का शुभारंभ बांसवाड़ा से किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ( Prime minister housing scheme ) का शुभारंभ श्रीमती वसुंधरा राजे ने केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र तोमर एवं पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ के साथ किया ।
योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री ने 5 महिलाओं को स्वीकृति पत्र देकर की । प्रधानमंत्री आवास योजना के तहतराज्य में 6.75 लाख परिवारों को 2 वर्षों में रहने के लिए अपना स्वयं का मकान मिलेगा ।
ये आवास 2 साल में बनेंगे । इन पर 8425 करोड़ रु खर्च होंगे । इस योजना के तहत 2022 तक हर गरीब व्यक्ति को अपना घर मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है ।प्रत्येक व्यक्ति को अपना घर बनाने के लिए करीब डेढ़ लाख रूपय दिए जाएंगे ।
इनमें से 1.20 लाख रुपए नगद, महानरेगा से मजदूरी के रूप में 17,280 तथा शौचालय निर्माण के लिए ₹12000 दिए जाएंगे । इस योजना में 60% राशि केंद्र तथा 40% राशि राज्य सरकार देगी ।
1 लाख 50 हजार आवासों की स्वीकृति जारी भी हो चुकी है तथा 4 लाख लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन हो चुके है । गरीबों को आश्रय देने की योजना में जनजातीय क्षेत्र पर विशेष फोकस रखा गया है ।
2 वर्षों में 2746 करोड़ रुपए की लागत से इस क्षेत्र में 2.20 लाख मकान बनेंगे । इस योजना में अपने घर का डिजाइन व्यक्ति खुद तय कर सकता है ।
8. अन्नपूर्णा भंडार योजना ( Annapurna store )
जनसाधारण को उच्च गुणवत्ता की मल्टी ब्रांड उपभोक्ता वस्तुएं प्रतिस्पर्धी दरों पर उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से उपलब्ध करवाना सार्वजनिक एवं निजी सहभागिता के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के आधुनिकरण की एक अनूठी योजना है
योजना 31 अक्टूबर 2015 को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा जयपुर जिले के भम्भोरी ग्राम से अन्नपूर्णा भंडार योजना का शुभारंभ किया गयायह देश की पहली आधुनिक पीडीएस योजना है
अन्नपूर्णा भंडार योजना लागू करने वाला राजस्थान का देश का प्रथम व एकमात्र राज्य है
9. अन्नपूर्णा रसोई योजना ( Annapurna Rasoi Scheme )
मुख्यमंत्री राजस्थान द्वारा दिनांक 15 दिसंबर 2016 को अन्नपूर्णा रसोई योजना का जयपुर में शुभारंभ किया गया प्रथम चरण में 12 शहरों जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर, झालावाड़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बारां, बांसवाड़ा मैं 80 रसाई वैनों का संचालन किया
इस योजना का संचालन जीवन संभल चैरिटेबल ट्रस्ट ( Life saving charitable trust ) संस्था द्वारा किया जा रहा है 15 अगस्त 2017 को इस योजना को प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में 500 स्मार्ट फूड वैन के माध्यम से शुरू करने की घोषणा की गई
16 अक्टूबर, 2017 को अन्नपूर्णा रसोई योजना की दूसरे चरण की शुरुआत अजमेर में की गई । मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विश्व खाद्य दिवस के मौके पर गरीबों और जरूरतमंदों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना की दूसरे चरण की अजमेर से शुरुआत की ।
उन्होंने 51 स्मार्ट मोबाइल वेनो को हरी झंडी दिखाकर अलग-अलग शहरों के लिए रवाना किया
अन्नपूर्णा रसोई योजना की कार्यकारी एजेंसी निदेशालय स्थानीय विभाग है उद्देश्य राज्य के नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता का पौष्टिक एवं स्वच्छता के साथ नाश्ता एवं भोजन सस्ती और यात्री दरों पर उपलब्ध करवाना
- नाश्ता ₹5 प्रति प्लेट व भोजन ₹8 प्रति थाली
- सरकार द्वारा सेवा प्रदाता हेतु अनुमोदित दर नाश्ता 21.70₹ और भोजन 23.70 ₹
- सरकारी अनुदान नाश्ता ₹16.70 पैसे प्रति प्लेट एवं भोजन ₹15. 70 पैसे प्रति थाली कि दर से
- नाश्ता 300 ग्राम प्रति प्लेट वह भोजन 425 ग्राम प्रति थाली दिया जाता था जिसे अब बढ़ाकर क्रमशः 350 में 450 ग्राम किया गया है
सभी जरूरतमंदों को पौष्टिक भोजन एंव सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए देश की पहली और अनूठी योजना को हरियाणा ,मध्य प्रदेश ,गुजरात महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्य में लागू कर रहे है ।
Note अब इसे राज्य सरकार ने इंदिरा भोजन के नाम से लागू किया हे
10. भामाशाह रोजगार सृजन योजना ( Bamashah employment generation scheme )
13 दिसंबर 2015 से लागू की गई योजना शिक्षित बेरोजगार युवाओं महिलाओं अनुसूचित जाति एवं जनजाति एवं विशेष योग्यजनों को स्वयं का उद्यम प्रारंभ करने हेतु कम ब्याज दर पर बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने की योजना
योजना की अवधि 13 दिसंबर 2015 से 31 मार्च 2020 तक है अधिकतम ₹500000 तक सेवा व्यापार क्षेत्र में तथा अधिकतम 1000000 रुपए उद्योग लगाने हेतु ऋण सुविधा दी जाएगी इन ऋण पत्रों पर 4% का ब्याज अनुदान दिया जा रहा है
योजना हेतु आयु 18 से 50 वर्ष तथा राजस्थान के मूल निवासी होने चाहिए आवेदक के परिवार की आय ₹600000 वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिए
गत 5 वर्षों से राजकीय रोजगारमूलक अनुदान योजना से लाभान्वित नहीं होना चाहिए राजस्थान भामाशाह (लोक कल्याणकारी प्रसुविधाओ का सीधा अंतरण और सेवाओं का परिदान ) विधेयक 2017 राज्य विधानसभा द्वारा 24 अप्रैल 2017 को पारित किया गया
11. मुख्यमंत्री कौशल अनुदान योजना ( Mukhyamantri Kaushal Anudaan Yojana )
राजस्थान सरकार द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए युवाओं को रियायति ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ” मुख्यमंत्री कौशल अनुदान योजना” की शुरुआत 1 जनवरी, 2017 को की ।
इस योजना में सरकार युवाओं को उनके कौशल विकास के लिए ₹100000 का ऋण प्रदान करती है। मुख्यमंत्री कौशल अनुदान योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल के साथ आत्मनिर्भर बनाना है।
राज्य सरकार ₹100000 की राशि तक की ऋण राशि पर 4 से 6% की सब्सिडी प्रदान करती है । इस योजना के दिशा निर्देश केंद्र के राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी द्वारा निर्धारित है जो विशेष रूप से युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए और उनके कौशल को विकसित करने के लिए डिजाइन किया गया है ।
12 . मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का शुभारंभ ( Mukhyamantri Svachchh Gram Yojana )
मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना का राज्यस्तरीय शुभारंभ 6 जनवरी ,2017 झालावाड़ की पंचायत समिति खानपुर की ग्राम पंचायत कंवरपुरा मंडवालान में राज्य जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्री कृष्ण पाटीदार ,संसदीय सचिव नरेंद्र नागर ,जिला प्रमुख टीना कुमारी भील ,जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी द्वारा किया गया ।
मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना गांव को स्वच्छ ,स्वस्थ एवं सुंदर बनाने के लिए प्रारंभ की गई राज्य सरकार की महति योजना है ।यह योजना राज्य की उन ग्राम पंचायतों में लागू की जा रही है जो कि खुले में शौच जाने के अभिशाप से मुक्त( ओडीएफ) हो चुकी है ।
इस योजना के अंतर्गत प्रतिदिन घर-घर जाकर रिक्शा ट्रॉली के माध्यम से कचरा संग्रहण किया जाएगा । ट्रॉली के दो भाग हैं जिनमें से हरे भाग में सड़नशील कचरा बायो( बायोडिग्रेडेबल ) तथा लाल भाग में न सड़ने वाला( नॉन बायोडिग्रेडेबल) कचरा संग्रह किया जाता है
ग्राम ग्राम पंचायत प्रत्येक ग्राम में लगभग 150 घरों का क्लस्टर बनाया जाएगा। क्लस्टर के इन घरों तथा सामुदायिक संगठन एवं परिवहन के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 2 श्रमिकों का नियोजन 100 दिवसों के लिए किया जाएगा ।
इसमें ग्राम पंचायत के करीब 30 लोगों का न सिर्फ रोजगार प्राप्त होगा बल्कि कचरा प्रबंधन से ग्राम पंचायत को वार्षिक आय भी प्राप्त होगी ।
13. मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान ( Mukhyamantri Jal Svavalamban Abhiyan )
9 दिसंबर , 2017 से “मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान” का तीसरा चरण प्रारंभ हुआ । मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का तीसरा चरण का शुभारंभ 9 दिसंबर ,2017 को हुआ ।
अभियान के प्रथम चरण में 3,529 गांव का चयन कर 95,192 कार्य 1,270 करोड रुपए की लागत से किए गए । अभियान के द्वितीय चरण की शुरुआत 9 दिसंबर, 2016 से की गई थी इस में 4,213 गांव में 1,525 करोड़ रुपए की लागत से 28000 कार्य पूर्ण किए गए ।
इस प्रकार योजनाबद्ध तरीके से अब तक 7,742 गांव में 2,795 करोड़ की लागत के 2 लाख 23 हजार जल संरक्षण के कार्य पूर्ण किये जा चुके है । अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति ,जल उपलब्धता एंव अकाल के दौरान उत्पन्न समस्याओं का निराकरण करना है ।
14. अमृत ,हृदय एंव स्मार्ट सिटी मिशन की द्वितीय वर्षगांठ (25 जून ,2017 )
अमृत मिशन- जयपुर ,जोधपुर, कोटा ,अजमेर, बीकानेर उदयपुर भरतपुर, भीलवाड़ा ,पाली, हनुमानगढ़ ,अलवर, सीकर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, चूरु ,बारां, चित्तौड़गढ़ ,नागौर मंडी, श्रीगंगानगर,टोंक , झुंझुनूं ,भिवाड़ी , ब्यावर, गंगापुर सिटी ,हिंडौन सिटी, सुजानगढ़, किशनगढ़, झालावाड़ में 3,224 करोड रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत ।
योजना में पेयजल आपूर्ति, सीवरेज ,ड्रेनेज,उद्यान व शहरी परिवहन के कार्य स्वीकृत । परियोजना में 61 प्रतिशत कार्य प्रारंभ । सभी परियोजनाएं दिसंबर, 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था।
स्मार्ट सिटी मिशन-
- जयपुर:- 16.4 करोड रुपए की लागत से ऐतिहासिक बाजारों में फसाड सुधार एवं राजस्थान कला विद्यालय का जीर्णोद्वार प्रारंभ ।
- उदयपुर:- 7.22 करोड़ों रुपए की लागत से कमांड एंव कंट्रोल केंद्र का निर्माण एंव ऐतिहासिक बाजारों की विरासत सरंक्षण का कार्य प्रारंभ ।
- कोटा:- 225 करोड़ रुपए की लागत से दशहरा मैदान पुनरोद्धार एवं तट-पर्यटन सर्किट का कार्य आरंभ ।
- अजमेर:-12.13 करोड़ रुपए की लागत से सुभाष उद्यान एवं अजमेर जयपुर रोड पूर्ववर्ती उन्नयन की परियोजना प्रारम्भ ।
ह्रदय परियोजना
अजमेर :- 33.37 करोड़ रुपए की लागत से 5 विरासत संरक्षण परियोजना प्रारंभ। नया बाजार में 14.02 करोड़ रुपए की लागत से विरासत संरक्षण एंव सुभाष उद्यान विकास का कार्य प्रारम्भ । आनासागर झील उन्नयन एंव अजमेर रोड पुरवर्ती उन्नयन कार्यो की 15.23 करोड़ रुपये की परियोजना प्रारम्भ ।
पुष्कर में विरासत संरक्षण कार्यों की ₹6.16 की परियोजनाएं प्रारम्भ । सभी परियोजनाए अक्टूबर, 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था
15. भामाशाह योजना ( Bamashah scheme ):-
भामाशाह योजना, महिलाओं को वित्तीय सशक्तिकरण ओर स्वतंत्रता की दिशा मे एक बड़ा कदम हैं इस योजना का शुभारंभ ( उदयपुर) माननीया मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्रारा 15 अगस्त, 2014 को किया।
उदयपुर की शांता बाई को पहला कार्ड सोंपा। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मे एक नई शुरुआत हैं।
समग्र वितीय समावेशन की प्राप्ति के लिए राज्य मे उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक बुनियादी ढांचे का लाभ लेते हुए केन्द्रीयकृत ई- शासन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकार की प्रायोजित योजनाओं का परिवार और व्यक्ति आधारित लाभो के अन्तिम रुप से वितरण के लिए राज्य के सभी परिवारो के कोर-बैंकिंग समर्थित बैक खाते खोले जाकर उनके घर के नजदीक या बैक खाते मे निर्बाध रूप से सीधे लाभ हस्तांतरित किए जायेंगे।
इस योजना के तहत दिसम्बर,2014 तक 9,821 भामाशाह नांमाकन कैम्प आयोजित कर राज्य के 51.70 लाख परिवारों के 1.59 करोड़ व्यक्तियों का नामांकन किया जा चुका है।
भामाशाह योजना के मुख्य बिन्दु:-
- परिवार का बैक खाता परिवार की महिला मुखिया के नाम पर होगा ओर परिवार को मिलाने वाले सभी सरकारी लाभ इस खाते मे जमा होगै।
- भामाशाह योजना को प्रधानमंत्री जनधन योजना से जोड़कर बैको द्रारा ‘ रुपे कार्ड’ भी जारी किया जाएगा।
- परिवार के सदस्य नकद लाभ प्राप्ति ई-मित्र, कियोस्क, राजस्थान सम्पर्क, आईटी केन्द्र व एटीएम से कट करेंगे।
- भामाशाह कार्ड मे सूचना संशोधन की सुविधा की सुविधा ई- मित्र पर प्रारंभ की जाएगी।
- महिला के नाम से बैक खाता खोले जाने पर सरकार द्रारा बतौर प्रोत्साहन 1500/-प्रति परिवार जमा कराए जाएंगे।
- इस योजना के तहत चयनित परिवारो को ‘ भामाशाह कार्ड’ दिए जाएंगे।
- कार्ड का परिचालन बायोमैट्रिक पहचान से होगा।
मुख्य उद्देश्य:-
- ग्रामीण क्षेत्रो के सभी बीपीएल, लघु व सीमांत कृषक तथा चिह्नित एस.सी.-एस.टी. परिवारों को बैकिंग सुविधाओं से जोड़ना।
- योजना मे निम्न योजनाएं शामिल होगी:- मनरेगा जाॅब कार्ड, राशन कार्ड, जननी सुरक्षा, इंदिरा आवास योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, जन श्री बीमा योजना, राजस्थान सामाजिक सुरक्षा योजना ओर छात्रवृति योजनाएं
Note – अब इसे राज्य सरकाार ने
16. सुकन्या समृद्धि योजना ( Sukanya Samriddhi Account ):-
इस योजना के तहत 0 से 10 वर्ष की आयु तक की कन्याओं के खाते सरकारी बैक या डाकघर मे न्यूनतम 1000 रुपय मे खोले जाएंगे। इस पर 9.1 %का सालाना ब्याज मिलेगा।
इसके तहत अभिभावकों को 1000 रुपया प्रतिमाह 14 वर्ष तक जमा कराना होगा। खाता 21 वे साल मे परिपक्व होगा वैसे बेटी के 18 वर्ष पूरे होने पर 50% धनराशि निकालने का प्रावधान भी है।
एक परिवार की अधिकतम दो लड़कियों का ही अकाउंट इस स्कीम के तहत खुलवाया जा सकता हैं। आवेदन पत्र के साथ कन्या का जन्म प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य हैं। इसके साथ ही पिता या माँ का पहचान पत्र भी जरूरी है।
राजस्थान मे यह योजना 4 फरवरी,2015 से शुरू हुई है। इस योजना मे एक वित्तीय वर्ष मे 1000 से लेकर अधिकतम एक लाख 50 हजार रुपय तक राशि जमा की जा सकेगी।
17. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना ( Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana )-
इस योजना की घोषणा केन्द्रीय बजट 2015-16 मे की गई। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार ने 18 से 50 वर्ष तक के लोगों का 330 रुपय के सालाना प्रीमियम पर बीमाधारक की मौत होने पर आश्रित को दो लाख रुपय का जीवन बीमा कवर देने का प्रस्ताव किया हैं 50 वर्ष की उम्र मे पहले पाॅलिसी लेने वाले इसे 55 तक जारी रख सकेंगे।
इस योजना का लाभ उठा सकेंगे जिनका बैक मे खाता होगा। इसके लिए आधार नंबर होना भी जरूरी है। इस योजना के तहत लोग एक साल के लिए या दीर्घावधि के लिए भी पाॅलिसी ले सकेंगे।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना 1अप्रैल 2015 से लागू-: प्रदेश मे 70लाख परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना एक अप्रैल, 2015 से लागू।
18. चिराली योजना ( Chirali scheme )
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा 26 सितंबर 2017 को चिराली योजना का शुभारंभ किया गया। महिला व बाल विकास विभाग द्वारा जवाहर कला केंद्र में योजना का लोकार्पण किया गया।
चिराली योजना के तहत गावों में महिला सु3के लिए वॉलीन्टियर्स लगाए जायेंगे। महिलाओं के प्रेशर ग्रुप बनाए जाएंगे।
- योजना की शुरुआत सबसे पहले 7 जिलों में की जा रही है- बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, जालौर, झालावाड, नागौर, प्रतापगढ़
- मुख्य उद्देश्य – महिला हिंसा की रोकथाम तथा समाज में स्थिति बेहतर करना।
19. राष्ट्रीय पोषण मिशन ( National nutrition mission )
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरास्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च,2018 को राजस्थान के झुँझुनू में ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’ का सुभारम्भ किया। वर्ष 2017-18 से शुरू इस मिशन का गठन 9046.17 करोड़ रुपये के 3 साल के बजट से किया गया।
यह मिशन देश मे पोषण के स्तर को युद्ध स्तर पर बढ़ाने का एक समग्र प्रस्ताव है राष्ट्रीय पोषण मिसन का लक्ष्य बच्चो को बौनेपन,आवश्यकता से कम पोषण,खून की कमी ,जन्म के वक़्त बच्चो के कम वजन को क्रमशः 2%,2%,3%और 2%कम करना है। ।
इस मिशन के तहत2022 तक बौनेपन को 38.4 से घटाकर 25% तक लाना है इस कार्यक्रम में सभी राज्यो और जिलो की चरणबद्ध तरीके से यानी 2017-18में 315 जिलो ,2018-19 में 235 जिलो और 2019-20में शेष जिलो को शामिल किया जाएगा
20. अनुप्रति योजना ( Anuprati Yojana )
राजस्थान सरकार ने 2005 में राज्य के अनुसूचित जाति और जन जाति/ अल्प आय (2 लाख से कम)/ BPL परिवारों के लिए अनुप्रति योजना की शुरुआत की। यह योजना राज्य के समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई जाएगी।
इस योजना को तीन भागो में बांटा गया है:
- अनुप्रति_योजना-1: UPSC ने द्वारा आयोजित_सिविल सेवा परीक्षा हेतु)।
- अनुप्रति_योजना-2: RPSC द्वारा आयोजित राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (सीधी भर्ती) परीक्षा हेतु।
- अनुप्रति_योजना-3: IITs, IIMs एवं राष्ट्रीय स्तर के मेडीकल कॉलेजों में प्रवेश हेतु अनुदान राशि।
अनुप्रति_योजना का लक्ष्य ( Goal of Anuprati Yojana Goal )- गरीब और अल्प आय वाले विद्यार्थियों को बड़ी नौकरी के लिए प्रोत्साहित करना।
अनुप्रति_योजना का उद्देश्य ( Purpose of Anuprati Yojana) :
- अल्प आय वाले को बड़ी नौकरी लिए उत्साह देना।
- प्रारम्भिक, मुख्य और अंतिम चयन के हिसाब से छात्रवर्ती देना।
- अनुसूचित जाति वर्ग को आर्थिक सहयोग देना।
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