अम्ल क्षार की आधुनिक अवधारणा
अम्ल तथा क्षार की तीन विशेष वैज्ञानिकों ने परिकल्पना दी थी वास्तव में अम्ल और क्षार की यह तीनों परिकल्पना मिला कर ही सही परिभाषा बनती है
आर्हेनियस परिकल्पना ( Arhanyius hypothesis )
इस वैज्ञानिक के अनुसार जब किसी पदार्थ को जल में घोला जाए और जल में घुलने के बाद वह हाइड्रोजन धनायन जल में मुक्त करें तो वह अम्ल है और यदि OH ऋणायन मुक्त करें तो क्षार है
आर्हेनियस की इस व्याख्या के अनुसार हाइड्रोक्लोरिक गैस H धनायन की अनुपस्थिति के कारण अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करती है
ठीक इसी प्रकार आसुत जल में भी एक धनायन नहीं पाया जाता इसलिए वह भी अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करता आयन ओं की अनुपस्थिति के कारण यह विद्युत के कुचालक होता हैं
परंतु पानी में हाइड्रोक्लोरिक गैस को घोल दिया जाए तो इस प्रकार हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बन जाता है
ब्रॉन्स्टेड लोरी परिकल्पना ( Bronsted Lori hypothesis )
इसके अनुसार अम्ल वे पदार्थ होते हैं जो जल में घुलने पर प्रोटोन (H +) का त्याग करते हैं परंतु क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जल में घोलने पर प्रोटोन अर्थात एच धनायन को ग्रहण करते हैं
एक सबसे अलग कॉन्सेप्ट दी गई थी जिसे देने वाला व्यक्ति था लुईस
लुईस की अम्ल क्षार धारणा ( Lewis acid base )
इस धारणा के अनुसार जिन पदार्थों के बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की कमी होती है अथवा जिनका अष्टक अपूर्ण होता है वे सभी अम्ल होते हैं जैसे बोरान ट्राई फ्लोराइड एक लुईस अम्ल है
जबकि लुइस क्षार वे पदार्थ होते हैं जिनमें अष्टक का प्रसार हो चुका होता है अथवा जिसमें एक या दो लोन पेयर इलेक्ट्रॉन( एकांकी इलेक्ट्रॉन युग्म) हो वे सभी लुइस क्षार हैं जैसे अमोनिया हाइड्रोक्सिल आयन में दो लोन पेयर होते हैं इसलिए यह भी क्षार है
संबंधित प्रश्न
Q1= वर्षा का जल विद्युत का चालन करता है जबकि आसुत जल नहीं करता क्यों
वर्षा के जल में एच धनायन होता है जबकि आसुत जल में कोई भी आया नहीं होता
Q2= हाइड्रोक्लोरिक गैस नीले लिटमस को लाल नहीं करती जबकि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कर देता है क्यों
क्योंकि हाइड्रोक्लोरिक गैस में जल की उपस्थिति न होने के कारण आयन नहीं बन पाते हैं जबकि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में बन जाते हैं और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित करने लगता है और नीले लिटमस को लाल कर देता है
प्रश्न 3 = निम्नलिखित में से कौन सा एक लुईस अम्ल की भांति व्यवहार करता है
A HCl
B HNO3
C H2O
D BF3 ✔
क्योंकि इसका अष्टक अपूर्ण है इसके बाद ही कक्षा में 6 इलेक्ट्रॉन है अतः ये लुईस अम्ल है
प्रश्न 4 = निम्नलिखित में से किस वैज्ञानिक ने कहा था की क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जल में घोलने पर प्रोटॉन ग्रहण करते हैं
A ब्रॉन्स्टेड लोरी ✔
B लुईस
C आर्हेनियस
D उपरोक्त में से कोई नहीं
वैसे तो अम्ल के कई प्रकार के वर्गीकरण होते हैं यहां अम्लों के दो प्रकार के वर्गीकरण को समझने की कोशिश करते हैं
प्रबल अम्ल / खनिज अम्ल = ऐसा अम्ल जो जल में घोलने पर 100% अपनी आयन में टूट जाए प्रबल अम्ल कहलाता है जैसे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सल्फ्यूरिक अम्ल नाइट्रिक अम्ल
दुर्बल अम्ल / कार्बनिक अम्ल / जैविक अम्ल = वे अम्ल जो जल में घुलने पर पूर्ण रुप से आयन में विभक्त नहीं होते दुर्बल अम्ल कहलाते हैं यह अधिकतर पेड़ पौधों तथा जंतुओं से प्राप्त खट्टे पदार्थों में पाए जाते हैं
जैसे दही में लैक्टिक अम्ल नींबू में साइट्रिक अम्ल सिरके में एसिटिक अम्ल टमाटर में ऑक्जेलिक अम्ल और फार्मिका चींटी में फार्मिक अम्ल आदि